⇎ केंद्र सरकार द्वारा 2025 के लिए 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण जबकि 113 हस्तियों को पद्म श्री दिया जाएगा। (कुल 139)
⇎ पद्म विभूषण से सम्मानित होने वाले हस्तियों में दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी (मेडिसिन), न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर (सार्वजनिक मामले), कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया (कला), लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला). एम. टी. वासुदेवन नायर (साहित्य और शिक्षा) मरणोपरांत, ओसामु सुजुकी (व्यापार और उद्योग) मरणोपरांत, और शारदा सिन्हा (कला) मरणोपरांत का नाम शामिल हैं।
⇎ इस साल पद्म श्री सम्मान पाने वाले लोगों की लिस्ट में राजस्थान के तीन नाम बैजनाथ महाराज (अध्यात्म) , बेगम बतूल (कला) और शीन काफ निजाम (साहित्य एवं शिक्षा) शामिल हैं।
लोकगायिका बेगम बतूल (कला)-
⇎ बेगम बतूल जयपुर की प्रसिद्ध लोक गायिका हैं।
⇎ हिंदू भजन और मुस्लिम मांड की शानदार कलाकार जिनके शब्दों में सांप्रदायिक सौहार्द का एक अलग एहसास सीधा दिलों के तार छेड़ता है। मुस्लिम होकर भी बतूल बेगम भगवान श्री राम के भजन गाती हैं।
⇎ उन्हें तीन वर्ष पूर्व विश्व महिला दिवस के अवसर पर नारी शक्ति सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।
गुरु बैजनाथ महाराज (अध्यात्म) -
⇎ अध्यात्मवाद पर गुरु बैजनाथ महाराज ने काफी कुछ काम किया है।
⇎ बैजनाथ महाराज सीकर के लक्ष्मणगढ़ के रहने वाले हैं। श्रीनाथ जी आश्रम के गद्दी पर ये 1995 से विराजमान है।
⇎ छः साल की उम्र में ही नाथ संप्रदाय के विलक्षण अवधूत संत श्री श्रद्धानाथ जी महाराज ने इन्हें अपना शिष्य बनाकर बैजनाथ नाम दिया।
⇎ वैदिक शिक्षा की अलख जगाने के उद्देश्य से इन्होंने श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना की, जिसके माध्यम से हजारों बच्चों को योग वैदिक शिक्षा दीक्षा देने का कार्य कर रहे है।
लेखक शीन काफ निजाम (शिव किशन बिस्सा) (साहित्य व शिक्षा)-
⇎ शीन काफ़ निज़ाम उर्दू के बड़े शायर हैं। जोधपुर के रहने वाले शीन काफ़ निज़ाम का नाम घरवालों ने शिव रखा था। बाद में वे शीन काफ़ निज़ाम के नाम से लिखने लगे, इसी नाम से उन्हें प्रसिद्धि दी।
⇎ उन्हें 2010 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड से भी नवाजा गया। यह सम्मान उनके कविता संग्रह “गुमशुदा दौर की गूंजती घंटियां” के लिए मिला था।