25 December 2024. Rajasthan Current Affairs December 2024:  RAS Junction द्वारा आपको दिसंबर माह के राजस्थान के डेली करंट अफेयर्स उपलब्ध करवाये जा रहे है। इन साथ राजस्थान करंट अफेयर्स प्रश्न भी रोज़ाना दिए जाते है और महीने के अंत में राजस्थान करंट अफ़ेयर्स पीडीएफ भी दी जाती है.  RPSC, Patwari, Reet, RAS, RSMSSB, SI, Rajasthan Police, 1st Grade, 2nd Grade, LDC एवं अन्य परीक्षाओं की दृष्टि से अति महत्वपुर्ण है। राजस्थान खेल करंट अफेयर्स 2024 , राजस्थान दैनिक समसामयिकी, राजस्थान करंट जीके नवम्बर, Rajasthan Current Affairs 2024 In Hindi, Rajasthan Current Affairs 2024. (PDF Download) Rajasthan Current Affairs MCQ, daily current affairs

  
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  01- राजस्थान की महापौर को अटल भूषण सम्मान 2024
 नगर निगम ग्रेटर महापौर डॉ सौम्या गुर्जर को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में अटल फाउंडेशन द्वारा अटल भूषण सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया। 
 इस आयोजन में कुल 62 अवार्ड दिए गए। जिसमें से 10 अंतरराष्ट्रीय अवार्ड, 20 अटल भूषण अवार्ड, 32 अटल गौरव अवार्ड, दो अटल अलंकार अवार्ड शामिल थे। इनमे से 14 अवार्ड राजस्थान के लोगो को दिए गए। 
 डॉ. सौम्या गुर्जर को 'समाजसेवी और राजनीतिज्ञ' श्रेणी में उनके समाज सेवा और जनकल्याण के प्रयासों के लिए यह सम्मान दिया गया। 
 जोधपुर के वरिष्ठ निर्यातक राधेश्याम रंगा व जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर खेमचंद खत्री को अटल भूषण अवार्ड से नवाजा गया। 
 जयपुर के आल इंडिया टैंट डेकोरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि जिंदल को अटल एचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया।

  02- एनआरसीसी बीकानेर को मिला मे पुरस्‍कार
 राष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसंधान केन्‍द्र, बीकानेर (NRCC) को राष्‍ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्‍यूरो (NVAGR) , करनाल में मेवाड़ी ऊंट नस्‍ल के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों के आधार पर संस्‍थागत श्रेणी का द्वितीय पुरस्‍कार प्रदान किया गया है। 
 प्रतिवर्ष यह पुरस्कर पंजीकृत पशुओं के संरक्षण व रखरखाव में लगे हुए देश भर के पशुपालक एवं संस्‍थाओं को यह पुरस्‍कार प्रदान किया जाता है। 
 ब्रीड वॉच लिस्‍ट 2022 के अनुसार मालवी तथा मेवाड़ी नस्‍लें संकटग्रस्‍त श्रेणी के रूप में दर्ज की गई है, अत: इनके संरक्षण के लिए एनआरसीसी व केन्‍द्र की नेटवर्क एवं अन्य परियोजनाओं में पंजीकृत पशुपालकों द्वारा सतत प्रयास किए जा रहे है। 
 राजस्थान में ऊँटों की नस्लें – गोमठ ऊँट, नाचना ऊँट, जैसलमेरी ऊँट, अलवरी ऊँट, सिंधी ऊँट, कच्छी ऊँट, बीकानेरी ऊँट, मेवाड़ी ऊँट

  03- कोटा केयर्सअभियान का शुभारंभ
 मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित सभी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिये कोटा शहर में नये सत्र से स्टूडेंट केयरिंग का नया अध्याय ‘कोटा केयर्स’ प्रारम्भ किया जा रहा है। 
 लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर जिला प्रशासन और कोटा स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में इस प्रेरक पहल की घोषणा 23 दिसंबर को की गई। 
 इस अभियान में जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस, सरकारी विभाग, कोचिंग संस्थान, फैकल्टी, हॉस्टल, मेस, रेस्तरां व होटल संचालक, व्यापारी, ऑटोरिक्शा चालक के साथ अन्य सभी कोटा कोचिंग स्टूडेंट्स की केयरिंग से जुड़े सभी शहरवासियों को साथ लिया जाएगा।

  04-  राज्य की पहली कार-टी सेल थेरेपी
  भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टरों ने राज्य की पहली कार-टी सेल थेरेपी 26 वर्षीय स्टूडेंट के कैंसर उपचार के दौरान दी है। 
  कैंसर उपचार की नवीनतम तकनीक का राज्य में यह पहला केस बीएमसीएचआरसी के मेडिकल एंड हेमेटो ऑन्कोलॉजी के विशेषज्ञों की टीम की ओर से किया गया। 
  कार टी-सेल थेरेपी देश की पहली घरेलू जीन थेरेपी है जिसे काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी भी कहते है। 
  कार टी-सेल थेरेपी की जरूरत उन मरीज़ों को होती है जिनका कैंसर उपचार के बाद वापस आ गया है या जिन रोगियों में उपचार के बाद भी रोग ठीक नहीं हो रहा हो। 
  यह थेरेपी, ल्यूकेमिया, लिम्फ़ोमा, और मल्टीपल मायलोमा जैसे कुछ तरह के रक्त कैंसर के इलाज में कारगर है। इसमें मरीज के शरीर से टी कोशिकाएं लेकर उन्हें कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए बदला जाता है। 
  यह प्रक्रिया आईआईटी बॉम्बे की संबंधित लैब में होती है। जिसके तहत रोगी के ब्लड में मौजूद टी सेल को इस तरह प्रोसेस किया जाता है कि वह रोगी की बॉडी में जाकर कैंसर सेल को खत्म कर सके।

  05- देश का पहला डिजिटल म्यूजियम
 भारत का पहला डिजिटल म्यूजियम दुनियाभर के दर्शकों के लिए खुल गया है। महाराष्ट्र में मुम्बई-पुणे राजमार्ग पर पारवड़ी क्षेत्र स्थित इस म्यूजियम को तैयार करने में 12 साल का समय लगा और लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत आई है। 
 इस म्यूजियम ‘अभय प्रभावना’ को तैयार करने में जैसलमेर के पीले पत्थरों का उपयोग किया गया है। इस म्यूजियम के परिसर में चित्तौड़गढ़ दुर्ग के विजय स्तंभ जैसी जैसलमेर के पत्थरों से तैयार भव्य प्रतिकृति है। 
 यह म्यूजियम जैन धर्म के इतिहास तथा दर्शन से रूबरू कराएगा। इंद्रयानी नदी के किनारे और 2200 वर्ष पुरानी पीली जैन गुफाओं के करीब स्थित यह म्यूजियम 3.5 लाख वर्गफीट में फैला है।

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