फार्मूला चैंपियन लुईस हैमिल्टन ने कौन सी एक प्रतियोगिता को आठवीं बार जीतकर माइकल शूमाकर का रिकॉर्ड तोड़ा है-
यूएस ग्रैंड प्रिक्स
हंगेरियन ग्रैंड प्रिक्स
कनाडा ग्रैंड प्रिक्स
ऑस्ट्रेलियन ग्रैंड प्रिक्स
फॉर्मूला वन चैंपियन लुईस हैमिल्टन ने आठवीं बार हंगरी ग्रांप्री जीतकर माइकल शूमाकर का किसी एक ट्रैक पर सर्वाधिक जीत दर्ज करने के रिकॉर्ड की बराबरी की।
हैमिल्टन की पोल पोजीशन से दर्ज की गई जीत आसान रही क्योंकि दूसरे स्थान पर रहे मैक्स वर्साटाप्पेन उनसे नौ सेकेंड पीछे रहे।
ब्रिटिश ड्राइवर हैमिल्टन की फॉर्मूला वन में यह 86वीं जीत है और अब वह जर्मनी के महान ड्राइवर शूमाकर के 91 जीत के रिकार्ड से पांच जीत दूर रह गए हैं।
शूमाकर ने फ्रांसीसी ग्रां प्री आठ बार जीती थी। हैमिल्टन ने पहली बार 2007 में यहां जीत दर्ज की थी।
मर्सीडीज के साथ अपनी पहली जीत भी उन्होंने 2013 में हंगरी में ही हासिल की थी। वर्साटाप्पेन ने भी शानदार प्रदर्शन किया तथा हैमिल्टन के मर्सीडीज के साथी वल्टारी बोटास को तीसरे स्थान पर कर दिया। बोटास ने दूसरे स्थान से शुरुआत की थी।
निम्नलिखित में से किस एक राज्य में सर्वाधिक ठोस अपशिष्ट का उत्पादन होता है-
महाराष्ट्र
उत्तर प्रदेश
तमिलनाडु
कर्नाटक
देश में ठोस अपशिष्ट कचरा फैलाने में पांच राज्यों का बड़ा योगदान है।
यह वह राज्य है जिनकी जीएसडीपी सबसे ज्यादा है।
इन राज्यों की स्थानीय निकायों की निष्क्रिय ठोस कचरा प्रबंधन योजना इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है।
इन राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली व कर्नाटक सम्मिलित है।
एसबीएम अर्बन डैशबोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र प्रतिदिन सर्वाधिक 22080 टन कचरा उत्पादित करता है
देश में प्रतिवर्ष कुल 74 मिलियन टन कचरा निकलता है जिसमें से 43 मिलियन टन ही संग्रहित होता है। शेष 31 मिलियन टन कचरा अनुपचारित होता है।
कचरे के उपचार में सबसे खराब स्थिति दिल्ली और पश्चिम बंगाल की है जहां क्रमश 20% और 19% कचरे के पृथक्करण का काम होता है।
प्लास्ट इंडिया फाउंडेशन के मुताबिक भारत में प्लास्टिक उपभग विश्व में सर्वाधिक 16% की दर से बढ़ रहा है जो कि चीन में 10% तथा ब्रिटेन में 2.5% है।
उपभोक्ता अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 में बार बार झूठे तथा भ्रामक विज्ञापनों पर कितने वर्ष के जेल का प्रावधान है-
1 वर्ष
2 वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
उपभोक्ता अधिकारों को नई ऊंचाई देने वाले उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के प्रावधान आज से प्रभावी हो जाएंगे। यह उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 का स्थान लेगा।
नए कानून के तहत उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज करा सकेगा।
भ्रामक विज्ञापनों पर जुर्माना एवं जेल जैसे प्रावधान भी इसमें जोड़े गए हैं। पहली बार ऑनलाइन कारोबार को भी इसके दायरे में लाया गया है।
20 जुलाई से सरकार ने इसे लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
पीआइएल या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में दायर की जा सकेगी। पहले के कानून में ऐसा नहीं था
नए कानून में ऑनलाइन और टेलीशॉपिंग कंपनियों को भी शामिल किया गया है
खाने--पीने की चीजों में मिलावट करने वाली कंपनी पर जुर्माने और जेल का प्रावधान
उपभोक्ता मध्यस्थता सेल का गठन।
दोनों पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता का विकल्प चुन सकेंगे
सिनेमा हॉल में खाने-पीने की वस्तुओं पर ज्यादा पैसे लेने की शिकायत पर होगी कार्रवाई
कैरी बैग के पैसे वसूलना कानूनन गलत
नए कानून में भ्रामक विज्ञापनों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इस कानून के तहत उपभोक्ता विवादों को समय पर, प्रभावी और त्वरित गति से सुलझाया जाएगा।
नए कानून के तहत उपभोक्ता अदालतों के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के गठन का भी प्रावधान है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना होगा।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के पास यह अधिकार होगा कि वह भ्रामक या झूठे विज्ञापन (जैसे लक्ष्मी धन वर्षा यंत्र) बनाने वालों और उनका प्रचार करने वालों पर जुर्माना लगाये और 2 वर्ष तक के कारावास की सजा सुनाये.
यदि कोई व्यक्ति या कंपनी इस अपराध को बार-बार दोहराता/दोहराती है तो उसे 50 लाख रुपये का जुर्माना और 5 साल तक की कैद हो सकती है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास उपभोक्ता नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए एक जांच विंग होगा. CCPA का नेतृत्व महानिदेशक करेंगे।
कंज्यूमर फोरम में एक करो़ड रूपये तक के केस, राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में एक करोड़ से 10 करोड़ तक के केस तथा राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में 10 करो़ड रुपये से ऊपर के केस की सुनवाई
राजस्थान में नगरीय निकायों में आवासीय योजनाओं में अब ट्रांसजेंडर्स के लिए कितने प्रतिशत भूखंड आरक्षित किए जाएंगे-
1%
2%
3%
4%
नगरीय निकायों में निकाली जाने वाली आवासीय योजनाओं में अब ट्रांसजेंडर्स के लिए भी 2% भूखंड आरक्षित किए जाएंगे।
नगरीय विकास विभाग ने इस संबंध में नियम संशोधन करके नए आदेश जारी किए है।
इसके तहत किसी भी नगरीय योजना में अलाटमेंट और उसकी लॉटरी में 2% भूखंड ट्रांसजेंडर्स के लिए आरक्षित रखे जाएंगे।
यह आदेश सभी विकास प्राधिकरण और यूआईटी पर लागू होंगे। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट शहरी भूमि निस्तारण और निष्पादन अधिनियम 2020 के तहत संशोधन करके यह आदेश जारी किए गए।
इसमें जिस किसी ट्रांसजेंडर की वार्षिक आय ₹1200000 तक होगी वे पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री जन सहभागिता विकास योजना के तहत स्थापित होने वाली आईसीटी कंप्यूटर प्रयोगशाला में जनसहयोग से कितनी राशि ली जाएगी-
25%
30%
45%
50%

राज्य में मुख्यमंत्री जन सहभागिता विकास योजना के तहत राज्य के 13 जिलों की 511 सरकारी स्कूलों में आईसीटी कंप्यूटर प्रयोगशाला खुलेगी
इनमें 25% राशि जनसहयोग से तथा 75% राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
दरअसल अब तक करीब 9000 से भी अधिक सरकारी स्कूलों में आईसीटी लैब शत-प्रतिशत सरकारी अनुदान से संचालित हो रही है।
योजना के अंतर्गत नागौर जिले में 103, धौलपुर जिले में 73, जैसलमेर में 69, दौसा में 60, श्रीगंगानगर में 55, टोंक में 55, सीकर में 46, कोटा में 25, अलवर में 10, उदयपुर में 9, झालावाड़ में 5 तथा बीकानेर-करौली जिले में एक-एक लैब की स्थापना की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में जन सहभागिता के माध्यम से आधारभूत संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2016-17 में इस योजना की शुरुआत की गई थी