वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से राज्य में नई इको टूरिज्म पॉलिसी-2021 प्रभावी की जा रही है। इस पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए कहा है कि नई इको टूरिज्म पॉलिसी प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
श्री विश्नाई ने बताया कि राजस्थान की सांस्कृतिक, ऎतिहासिक, भौगोलिक और पारिस्थितिकीय विविधताओं के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग का बड़ा महत्व है।
सामान्य पर्यटन के साथ-साथ इको टूरिज्म को प्रोत्साहित कर न सिर्फ पर्यटन उद्योग को बढ़ाया जा सकता है बल्कि प्रदेशवासियों के लिए रोजगार के अनन्य अवसर भी प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके साथ ही प्रदेश की जैव विविधता, वन और वन्य जीव संरक्षण में भी प्रदेशवासियों की सहभागिता को सुनिश्चित किया जा सकता है।
श्री विश्नोई ने कहा कि पिछले वर्षों में और इको टूरिज्म परिदृश्य में व्यापक बदलाव आने की वजह से नई संभावनाएं उत्पन्न हुई हैं। इको टूरिज्म क्षेत्र में किए गए सीमित कार्यों के उत्साहवर्धक परिणाम भी सामने आए हैं।
इन्ही को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में नई इको टूरिज्म पॉलिसी-2021 को और भी अधिक प्रभावी बनाकर जारी किया जा रहा है। नई नीति में ट्रैकिंग, बर्ड वाचिंग, हाइकिंग, बोटिंग ओवर नाइट कैंपिंग, सफारी, साईकिलिंग सहित पर्यावरण एवं पारिस्थितिकीय संरक्षण के अनुकूल सभी प्रकार की गतिविधियों को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस नीति के अनुसार वन, वन्य जीव एवं संरक्षित क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी इको टूरिज्म के कार्य स्थानीय समुदाय की भागीदारी से किया जा सकते हैं। इस नीति को राजस्थान राज्य पर्यटन नीति से समन्वय रखते हुए अगले 10 वर्षों के लिए तैयार किया गया है। इसका प्रारूपण पर्यावरण, पारिस्थितिकीय, वन्य जीव संरक्षण और जैव विविधता संरक्षण से संबंधित स्थानीय नियमों, दायित्वों और सतत प्रबंधन के सिद्धांतों को ध्यान रखकर किया गया है।
राजस्थान में पर्यटन नितियो का विकास -
इस क्षेत्र को तेजी से बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने वर्ष 2001 में 'राजीव गांधी पर्यटन विकास मिशन' की शुरुआत की।
इस मिशन ने राजस्थान में पर्यटन विकास के एक नए युग की शुरुआत की।
पर्यटन विकास के लिए एक नियोजित और केंद्रित दृष्टिकोण देने के लिए, राज्य ने 2001 में 'राजस्थान की पर्यटन नीति' की भी घोषणा की, इस तरह की नीति की घोषणा करने वाले देश के पहले राज्यों में से एक बन गया।
यह नीति निवेश को आकर्षित करने और घरेलू और विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप बन गई और होटल नीति 2006, राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2007 और बाद में राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2015 जैसी बाद की नीतियों के लिए एक मील का पत्थर थी। आरटीयूपी 2015। इन नीतिगत पहलों ने राज्य में पर्यटकों के आगमन को वर्ष 2001 में 8.4 मिलियन से बढ़ाकर 2018 में 52 मिलियन करने में मदद की।
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