गोवा के प्रख्यात लोक कलाविद् श्री विनायक विष्णु खेडे़कर एवं गोवा के ही लोक संगीतकार एवं नर्तक श्री कांता काशीनाथ गावड़े को वर्ष-2020 के लिए डॉक्टर कोमल कोठारी लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार 2020 प्रदान किए गए।
पुरस्कार स्वरूप 2.51 लाख की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है
दोनों लोक संस्कृति कर्मियों को प्रशस्ति पत्र, शॉल एवं तुलसी का पौधा भी भेंट किया।
यह अवार्ड पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया।
पद्मश्री से सम्मानित गोवा के रेवन्दर निवासी श्री खेडे़कर ने गोवा की प्रामाणिक कला और जनजाति कला शैलियों के संरक्षण, लोक वाद्य, लोक नृत्य, रीति रिवाजों एवं परम्पराओं पर गहन शोध एवं प्रलेखन किया है तथा उनकी 13 शोध आधारित पुस्तकें प्रकाशित हुई है।
गोवा के मार्दोल निवासी श्री कांता काशीनाथ गावड़े ने गावड़ा जनजाति के जागर लोकनाट्य की परम्परा के संरक्षण एवं प्रसार के लिए नाटक एवं फिल्मों के माध्यम से नये प्रयोग किए हैं। श्री गावड़े ने गोवा की सुंवारी शैली पर आधारित संगीतमयी प्रस्तुति ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘‘ का निर्माण भी किया है।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, भारत के पश्चिम राज्य राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दमण दीव, दादरा नगर हवेली का प्रदर्शनकारी कलाओं, चाक्षुष कलाओं तथा वहां की लोक कला एवं आदिम कलाओं के सृजनात्मक विकास एवं सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित सात सांस्कृतिक केन्द्रों में से एक केन्द्र है।
उपरोक्त पुरस्कार इन्हीं राज्यों के 45 वर्ष से अधिक आयु के किसी निवासी को दिया जाता है।
1929 में जोधपुर में जन्मे श्री कोमल कोठारी ने उदयपुर में शिक्षा पाई और 1953 में अपने पुराने दोस्त विजयदान देथा (जो अब देश के अग्रणी कहानीकारों में गिने जाते हैं) के साथ मिलकर 'प्रेरणा' नामक पत्रिका निकालना शुरू किया।
1964 में श्री कोठारी ने 'रूपायन' नामक संस्था की स्थापना की।
कोमल कोठारी को लोक कला के क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 1983 में पद्मश्री, 1986 में संगीत नाट्य फैलोशिप अवार्ड, 2000 में प्रिन्स क्लाज अवार्ड, 2004 में पद्म भूषण और राजस्थान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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