इस पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2016 में किया गया था।
यह पुरस्कार उन्हें वर्ष 2020 के लिए दिया गया है।
पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र ,प्रतीक चिन्ह एवं डायलॉग रुपए नगद दिए जाते हैं।
इस पुस्तक में प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा की विभिन्न पुस्तकों की विषय वस्तु को समेटने का प्रयास किया गया है।
राजस्थान के जोधपुर में 27 जुलाई, 1939 को जन्मे बोहरा ने दशकों के साहित्यिक करियर में कई माध्यमों में महत्वपूर्ण अंश लिखे हैं।
उन्होंनेे एसएम कॉलेज, जोधपुर से हिंदी और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।
डॉ. आईदान सिंह को 29वां बिहारी पुरस्कार उनके कविता संग्रह 'आंख हींयै रा हरियल सपना' के लिए वर्ष 2019 के लिए प्रदान किया गया था।
के के बिड़ला फाउंडेशन की स्थापना सन् 1991 में कृष्णकुमार बिड़ला ने की थी। इसका उद्देश्य साहित्य (विशेष रूप से हिन्दी साहित्य) और कलाओं के विकास को प्रोत्साहित करना है। इसके साथ ही यह शिक्षा एवं सामाजिक कार्य के क्षेत्र में भी काम करता है। इस फाउन्डेशन द्वारा कई पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं जिसमें से प्रमुख हैं-
सरस्वती सम्मान(15 लाख रूपये) - किसी भी भारतीय भाषा में गद्य/पद्य रचना के लिये
व्यास सम्मान (4 लाख रूपये)- हिन्दी में गद्य/पद्य रचना के लिये
बिहारी पुरस्कार (2.5 लाख रूपये) हिन्दी/राजस्थानी में गद्य/पद्य रचना के लिये; केवल राजस्थान के लेखक इसके पात्र हैं।
शंकर पुरस्कार (1.5 लाख रूपये) - भारतीय दर्शन, संस्कृति या कला पर हिन्दी में रचना के लिये
वाचस्पति पुरस्कार (1 लाख रूपये) संस्कृत में किसी भी रचना पर
घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार (1.5 लाख) - वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये
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