Rajasthan Wind and Hybrid Energy Policy 2019/ राजस्थान पवन एवं हाइब्रिड ऊर्जा नीति 2019
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चिंता ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा पर जोर दिया।
वैश्विक प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए, भारत सरकार ने 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का राष्ट्रीय उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें वर्ष 2022 तक पवन ऊर्जा से 60 गीगावाट शामिल है।
भारत सरकार के राष्ट्रीय ऊर्जा संस्थान, ने हाल ही में आकलन किया है कि राजस्थान राज्य में 1,27,756 मेगावाट की पवन ऊर्जा क्षमता है।
इस नीति का उद्देश्य सरकारी, निजी एवं व्यक्तिगत प्रयास के माध्यम से पवन ऊर्जा की अधिकतम क्षमता का दोहन करने के लिए सक्षम वातावरण तैयार करना है।
नई हाइब्रिड परियोजनाओं को विकसित करने के लिए और मौजूदा पवन और सौर संयंत्रों के संकरण को प्रोत्साहित करने के लिए उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेप करना वांछनीय है।
विजन अथवा दृष्टि-
पवन ऊर्जा परियोजनाओं और आवश्यक भंडारण प्रणालियों को बढ़ावा देना।
पवन ऊर्जा परियोजनाओं की मरम्मत को बढ़ावा देना।
पवन संसाधन मूल्यांकन कार्यक्रम को बढ़ावा देना।
पवन ऊर्जा उपकरणों के निर्माण में उद्योगों को बढ़ावा देना।
पारेषण और वितरण नेटवर्क को मजबूत करना।
नीति को राजस्थान पवन और हाइब्रिड ऊर्जा नीति 2019 के रूप में जाना जाएगा। यह नीति 18 दिसंबर 2019 से लागू होगी और किसी अन्य नीति के लागू होने तक लागू रहेगी।
पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए लक्ष्य-
2024-25 तक आरआरईसी द्वारा निर्धारित पवन ऊर्जा के संबंध में राज्य डिस्कॉम की नवीकरणीय खरीद दायित्व की पूर्ति के लिए 2000 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता।
इसके अलावा डिस्कम्स के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में ऊर्जा की पूर्ति तथा बाहरी राज्यों को बेचने के लिए 2000 मेगावाट अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन में मदद करना।
राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कॉरपोरेशन नोडल एजेंसी के रूप में निम्न कार्य करेगा-
परियोजनाओं का पंजीकरण।
परियोजनाओं की स्वीकृति।
सौर पार्कों का विकास।
सरकारी भूमि के आवंटन की सुविधा।
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