- राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2019- राजस्थान विशेष
- देश की 2.5 लाख पंचायतों में से 240 को आज नई दिल्ली में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2019 प्रदान किए गए।
- सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों का चुनाव विभिन्न पैमानों और संकेतकों के आधार पर किया गया। यह प्रोत्साहन विशेष प्रयास करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों का हौसला बढ़ाता है, अन्य पंचायतों और ग्राम सभाओं के लिए अनुकरण करने योग्य मॉडल तैयार करता है और जनता का ध्यान पंचायतों के प्रदर्शन पर केंद्रित करता है, जो सभी पंचायतों को अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। अंततः यह स्थानीय स्तर पर समग्र सुशासन के लिए एक इको-सिस्टम निर्मित करता है।
- ये पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में प्रदान किए गएः
- 1. दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार (डीडीयूपीएसपी):
- सेवाओं और सार्वजनिक वस्तुओं के वितरण में सुधार के लिए किए गए अच्छे कार्यों की सराहना में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों (जिला, मध्यवर्ती और ग्राम) को ये पुरस्कार दिया गया। ये पुरस्कार आम और निम्नलिखित नौ विषयगत श्रेणियों में दिए जाते हैं :
- · स्वच्छता
- · नागरिक सेवाएं (पेयजल, स्ट्रीट लाइट, बुनियादी ढांचा)
- · प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन
- · हाशिए पर पड़े वर्ग की सेवा (महिलाएं, एससी / एसटी, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक)
- · सामाजिक क्षेत्र में प्रदर्शन
- · आपदा प्रबंधन
- · ग्राम पंचायतों को सहयोग के लिए स्वैच्छिक कार्रवाई करने वाले सीबीओ / व्यक्ति
- · राजस्व सृजन में नवाचार
- · ई-गवर्नेंस
- 2. नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार (एनडीआरजीजीएसपी):
- ग्राम सभाओं द्वारा ग्राम पंचायतों को सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए दिया जाने वाला पुरस्कार।
- राजस्थान के सीकर जिले के दोध उपखंड में स्थित नेतरवास गांव को वर्ष 2019 के लिए नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार के लिए चुना गया है।
- 3. ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) पुरस्कार:
- वर्ष 2018 में शुरू किए गए इस पुरस्कार से देश भर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र के लिए जीपीडीपी कोविकसित किया हैं, जो पंचायती राज मंत्रालय द्वारा जारी किए गए विशिष्ट दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं,या अपनाए गए हैं।
- 4. बाल सुलभ ग्राम पंचायत पुरस्कार:
- इस पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 2018-19 के दौरान बाल-सुलभ प्रथाओं को अपनाने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ग्राम पंचायतों (जीपी)/ ग्राम परिषदों (वीसी) (प्रत्येक राज्य/ केंद्रशासित प्रदेशों में से एक) के लिए किया गया।
- राजस्थान के टोंक जिले में स्थित टोंक उपखंड की मंडावर ग्राम पंचायत को बाल सुलभ ग्राम पंचायत पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
- 5. ई-पंचायत पुरस्कार:
- राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को दिया जाता है या फिर अपने कामकाज में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए पीआरआई की ई-सक्षमता को बढ़ावा देने के लिए। इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य, पंचायतों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है और उन राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करना है जिन्होंने ई-पंचायत अनुप्रयोगों को अपनाने और लागू करने की दिशा में समर्पित प्रयास किए हैं, साथ ही पंचायतों और उसके समतुल्य ग्रामीण निकायों के माध्यम से सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक वितरण को सक्षम बनाना है। राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों का विश्लेषण प्रदर्शन मूल्यांकन मापदंडों के आधार पर किया जाता है।
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- राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2019 के अंतर्गत दी गई विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कारों की संख्या निम्न प्रकार है:
- मंत्री ने 'ग्राम मानचित्र' नामक एक स्थानिक योजना एप्प को भी शुरू किया, जो कि पंचायतों के लिए एक भू स्थानिक निर्णय समर्थन प्रणाली है। पंचायतें इस एप्प का उपयोग वास्तविक समय के आधार पर विकासात्मक गतिविधियों की योजना बनाने, इसके विकास और निगरानी के लिए कर सकती हैं।
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