देश में अभूतपूर्व कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2019 को वर्ष 2018 के लिए राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किए गए।
नारी शक्ति सम्मान या पुरस्कार भारत द्वारा दिये जाने वाले राष्ट्रीय सम्मान की एक श्रृंखला है और यह असाधारण उपलब्धि के लिए व्यक्तिगत महिलाओं को प्रदान किया जाता है।
यह सम्मान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा छः श्रेणियों में दिया जाता है।
इस वर्ष प्राप्त आवेदनों में से 41 महिलाओं तथा 3 संस्थान का चयन किया गया।
चयनित महिलाओं तथा संस्थानों की जानकारी निम्न प्रकार है-
डॉ सीमा सीएनईटी में वैज्ञानिक हैं तथा स्तन कैंसर की पहचान करने के लिए उन्होंने एक उपकरण का विकास किया है।
सुश्री अंशु खन्ना एक लेखिका पत्रकार प्रचारक शिल्पकार तथा शिक्षाविद के साथ साथ रॉयल फैबल्स नामक संस्था की संस्थापक भी है।
सुश्री अनु मल्होत्रा एक फिल्म निर्मात्री हैं जिन्हें 17 राष्ट्रीय व 2 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
सुश्री अनुराधा ने गोवा में एक स्थानीय मिर्च की प्रजाति को संरक्षण देने हेतु आदिवासीयों के साथ मिलकर काम किया है।
सुश्री चेतना गाला देश के पहले देशी महिला सहकारी बैंक की संस्थापक है।
सुश्री दर्शना ने दहेज जैसी कुरीति को मिटाने के लिए सामूहिक विवाह सम्मेलन को बढ़ावा देने के लिए बनारसी दास गुप्ता फाउंडेशन की स्थापना की है।
सुश्री देवकी अम्मा केरल के तटों पर जंगलों में वृक्ष लगाने वाली महिला है।
सुश्री डिलिया नारायण धर्मशाला की स्व प्रशिक्षित आर्किटेक्ट है तथा पर्यावरण हितैषी भवनों के निर्माण में कार्य कर रही है।
सुश्री गौरी कामाक्षी ने लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए अपनी अधिकांश संपदा दान में दे दी है।
सुश्री हैकानी पेशे से एक वकील है तथा नागालैंड के युवाओं को रोजगार देने के लिए 2006 में उन्होंने यूथनेट नामक संगठन की स्थापना की।
सुश्री इप्शिता पेशे से एक वैज्ञानिक है तथा पिछले 20 वर्षों से डीआरडीओ की लेबोरेटरी में काम कर रही हैं।
सुश्री इति त्यागी ने शिल्प कला को बढ़ावा देने तथा शहरी व ग्रामीण समुदायों में अंतर कम करने के लिए क्राफ्ट विलेज की स्थापना की है।
सुश्री के राधा देवी विभिन्न व्यवसायों में जेंडर समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।
सुश्री कल्पना सरोज पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित है तथा कम उम्र में बाल विवाह होने के बावजूद आज 1000 करोड़ से भी अधिक के व्यवसाय उद्यम को चलाती है। वह विभिन्न वंचित वर्गों के उत्थान के लिए प्रयासरत है।
सुश्री ललिता वकील चंबा रुमाल कशीदाकारी के संरक्षण तथा उत्थान के लिए काम कर रही हैं।
डॉ माधुरी ऑल इंडिया रेडियो की पहली महिला संगीतकार है।
केरल की सुश्री मंजू ने सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में सऊदी अरब में अपनी विशेष पहचान बनाई है।
सुश्री मीनाक्षी अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैराक है तथा महिलाओं को खेलों में आगे बढ़ने में मदद कर रही हैं।
डॉ मिनी वासुदेवन एक पशु चिकित्सक है तथा पशुओं के कल्याण के क्षेत्र में विशेष कार्य कर रही हैं।
सुश्री मुनूस्वामी सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में ख्याति प्राप्त महिला वैज्ञानिक है।
सुश्री नीलम डीडी न्यूज़ में वरिष्ठ महिला उद्घोषिका तथा मीडिया कर्मी के रूप में काम कर रही हैं।
सुश्री कामदार द एडवेंचरस वाइल्डर्नेस स्कूल चला रही हैं तथा पर्यावरण के मुद्दों पर लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास कर रही हैं।
88 वर्षीय सुश्री पेमिला चटर्जी लगातार ग्रामीण महिलाओं को कृषि क्षेत्र में मदद करने का प्रयास कर रही है।
सुश्री प्रज्ञा प्रसून स्वयं तेजाब हमले से पीड़िता एक महिला है तथा ऐसी अन्य महिलाओं के पुनर्वास नीति कार्य कर रही हैं।
मुंबई की पूर्व रणनीतिकार प्रियंवदा सिंह 36 वर्षों तक टेलीविजन में काम करने के पश्चात वापस अपने पैतृक गांव मेजा भीलवाड़ा लौटी हैं तथा वहां विभिन्न सामाजिक कार्यों में योगदान कर रही है।
सुश्री पुष्पा एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने के साथ-साथ दिव्यांग लोगों के जीवन में उन्नति हेतु कार्य कर रही है।
सुश्री रहीबाई कृषि के क्षेत्र में जैव विविधता के संरक्षण के लिए स्व निर्मित तकनीकों के द्वारा संरक्षण प्रदान कर रही है ।
सुश्री रजनी एक प्रसिद्ध गायक कलाकार हैं तथा छत्तीसगढ़ की कला का संरक्षण कर रही है।
सुश्री रेशमा भारत की एकमात्र और पहली महिला समुद्री पायलट है।
सुश्री रिया मजूमदार एक उद्यमी है तथा प्लास्टिक के खतरे से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
सुश्री रूमा देवी ने बाड़मेर की कशीदाकारी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने व कई लोगों को रोजगार देने का काम किया है।
सुश्री सीमा कौशिक एक ललित कलाकार हैं तथा कई छात्रों को ललित कलाओं का अध्यन करवाती है।
डॉ सीमा राव भारत की एकमात्र महिला कमांडो ट्रेनर है।
सिस्टर शिवानी 1995 से ब्रह्मा कुमारी आध्यात्मिक विद्यालय में शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही है।
सुश्री स्मृति मोरारका बनारस की बुनकर कला को संरक्षण देने का काम कर रही है।
सुश्री स्नेहलता प्रकृति प्रौद्योगिकी तथा इंसानों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए पिछले 26 वर्षों से कार्यरत है।
सुश्री सोनिया चाय बागान की मालिक तथा संरक्षण कर्ता है।
डॉक्टर सुजाता निशुल्क सर्जरी के माध्यम से कई लोगों के जीवन में रोशनी लाने का काम कर रही हैं।
सुश्री सुनीता देवी एक मिस्त्री हैं तथा स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 1600 से भी अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।
सुश्री ट्विंकल कालिया दिल्ली में 1 दर्जन से भी अधिक एंबुलेंस चला कर पीड़ितों की सेवा करती है।
सुश्री उर्मी बसु कोलकाता में वेश्यावृत्ति में लिप्त बालिकाओं को उसके चंगुल से मुक्त कराने को प्रयासरत हैं।
सखी नाम से लोकप्रिय लखनऊ में स्थित वन स्टॉप सेंटर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता उपलब्ध कराता है।
कसाब अर्थात कच्छ क्राफ्ट्स वूमेन प्रोडूसर लिमिटेड एक संस्था है जो ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम कर रही हैं।
समाज कल्याण एवं पौष्टिक आहार कार्यक्रम विभाग बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का किराया नॉन कर रहा है।
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