अधिगम की अवधारणा भाग दस / concept of learning part 10/contextual and skill learning
संप्रत्यय अधिगम-
संप्रत्यय का प्रयोग अनेक वस्तुओं तथा घटनाओं के एक समूह को दर्शाने के लिए किया जाता है।ये विशेषताओं तथा गुणो के समूह होते है जो किसी नियम विशेष से जुड़े होते है।
विशेषताएँ कई हो सकती है जैसे की रंग, आकार,चिकनापन आदि।
संप्रत्यय निर्धारण में प्रयुक्त नियमो के आधार पर ये दो प्रकार के होते है -
कृत्रिम संप्रत्यय - इनका निर्धारण कठोर एवं परिशुद्ध नियमो से होता है।इस तरह के संप्रत्यय में परिभाषित विशेषता अनिवार्य रूप से होना आवश्यक है।उदाहरण के लिए वर्ग तथा त्रिभुज सुपरिभाषित संप्रत्यय है।
स्वाभाविक संप्रत्यय -यह संप्रत्यय ठीक तरह से परिभाषित नहीं होते है। इसमें विभिन्न जैविक वस्तुएँ तथा मनुष्य की कलाकृतियाँ शामिल होती है। उदाहरण के लिए औज़ार, मकान, कपड़े इत्यादि।
कौशल अधिगम -
किसी भी कठिन कार्य को आसानी व दक्षता के साथ करने की योग्यता को कौशल कहा जाता है।
कार, हवाईजहाज़ आदि चलाना कौशल के उदाहरण है जिन्हें अनुभव व अभ्यास द्वारा सीखा जाता है।
किसी कौशल को सीखने के प्रत्येक प्रयास के साथ निष्पादन अधिक तथा प्रयास की आवश्यकता कम होती रहती है।
कौशल अधिगम की प्रक्रिया तीन चरणो में सम्पन्न होती है-
संज्ञानात्मक - निर्देशो को समझना व याद करना।
साहचर्यात्मक -इसमें प्राप्त सूचनाओं तथा उद्दीपको को उपयुक्त अनुक्रियाओ से जोड़ना पड़ता है।
स्वायत -इसमें दो महत्वपूर्ण परिवर्तन होते है तथा अवधानिक माँगो एवं बाह्य कारकों की बाधाओं में कमी आती है व कौशलपूर्ण निष्पादन स्वचालित हो जाता है।
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