प्रशासन एवं प्रबंध भाग 11/administration and management part 11/New Public Administration
नवीन लोक प्रशासन
नवीन लोक प्रशासन की संकल्पना का विकास ब्रिटेन, अमरीका तथा कनाडा जैसे विकसित देशों की प्रशासनिक प्रणालियो के सामने आने वाली विभिन्न चुनोतियो की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप हुआ था।
७० के दशक में लोक प्रशासन के सिद्धांतो एवं व्यवहार में सुधार हेतु विद्वानो तथा प्रशासकों के बीच व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्तर पर पुनर्विचार प्रारम्भ हुए।
इसमें प्रशासनिक पुनर्गठन तथा सुधार की समस्याओं की चर्चाए शामिल थी।
इस हेतु से अमरीका में कई सम्मेलनो का आयोजन किया गया जिनमे से १९६७ में फ़िलाडेलफ़िया तथा १९६८ में मिन्नोब्रुक सम्मेलन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
फ़िलाडेलफ़िया सम्मेलन -
इस सम्मेलन का सारांश निम्न प्रकार से है -
सीमित कार्य वाले राज्य से कल्याणकारी राज्य के रूप में परिवर्तन के साथ साथ सरकार के कार्यों तथा दायित्वों में अत्यधिक वृद्धि हुई जो की एक तरह से प्रशासन के लिए ही थी।इसके विकास को आसान बनाने के लिए इस विषय का क्षेत्र लचीला होना चाहिए।
लोक प्रशासन को सामाजिक क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
प्रशासन में संगठनात्मक नवीनता एवं प्रबंधात्मक नमनीयता उचित एवं आवश्यक है।
प्रशासन को सामाजिक समता पर ध्यान देना चाहिए।
मिन्नोब्रुक सम्मेलन -
१९६८ में मिन्नोब्रुक के सम्मेलन में युवा विद्वान तथा प्रशासक एक साथ सम्मिलित हुए।
इस सम्मेलन का सारांश कुछ इस प्रकार से था -
पुरातन सिद्धांत के मूल्य निरपेक्ष कार्य कुशलता के सिद्धांत के स्थान पर आदर्श दृष्टिकोण का समर्थन करना।
इसके लिए प्रस्ताव था की प्रशासनिक संगठनो व प्रशासनिक प्रणालियों को निरंतर बदलते परिवेशों में ढालना चाहिए।
नवीन लोक प्रशासन की विशेषताए -
परिवर्तन एवं प्रशासनिक अनुक्रियाशीलता - प्रशासन को अपने भीतर नियमित रूप से उचित परिवर्तन लाने के लिए साधन या प्रक्रिया की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे वह परिवेश के प्रति अनुकरियाशील हो सके।
लोक प्रशासन के निर्णयों तथा कार्यों को प्रशासन के बजाय नागरिकों के आधार पर तर्क संगत होना चाहिए।
इसके अंतर्गत संगठन की संरचना के लिए गतिशील दृष्टिकोण अपनाया जाता है।इसमें छोटे विकेंद्रिकृत तथा लचीले सोपानक्रम को महत्व दिया गया है।
नवीन लोक प्रशासन के अंतर्गत इसकी शिक्षा में विविधता पर ज़ोर दिया जाता है जिसमें प्रबंधात्मक, मानव सम्बंधी, राजनीतिक तथा चयन दृष्टिकोणो को सम्मिलित किया जाता है।
नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य -
इस अवधारणा में चार प्रमुख लक्ष्यों पर बल दिया गया है -
प्रासंगिकता - नवीन लोक प्रशासन को कार्यकुशलता तथा मितव्ययता जैसे लक्ष्यों से आगे बढ़कर प्रशसनिक कार्यों के राजनैतिक एवं आदर्श निहित अर्थों एवं तात्पर्यों पर भी विचार करना चाहिए।
मूल्य- नवीन लोक प्रशासन को मूल्यों को छिपाने के व्यवहार से मुक्त होते हुए आदर्शात्मक स्वरूप को पाने का प्रयास करना चाहिए।
सामाजिक समता - नवीन लोक प्रशासन में सामाजिक समता पर विशेष बल दिया गया है।जन केंद्रित प्रशासन इसका प्रमुख उद्देश्य है।
परिवर्तन - सामाजिक समता की प्राप्ति के लिए लोक प्रशासन द्वारा परिवर्तन को बढ़ावा देना आवश्यक है।यह लोक प्रशासन को शक्तिशाली समूहों के प्रभाव में आने से बचाने के लिए भी आवश्यक है।
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