प्रबंध प्रक्रिया एवं कार्य भाग पांच/Management process and functions part 5/Ras mains paper 1
प्रबंधकीय भूमिका( managerial role)-
भूमिका से तात्पर्य प्रबंधक द्वारा किए जाने वाले व्यवहार तथा कार्यों से है जो उसे संघटन तथा समाज के लिए करने होते है।
प्रोफ़ेसर हेनरी मिन्तज़बर्ग द्वारा निम्न मान्यताओ को लेकर शीर्ष संस्थाओ के उच्च स्तरीय प्रबंधको पर उनकी भूमिका को लेकर अध्ययन किया गया -
प्रबंधको के पास संगठन में उच्च स्थिति एवं अधिकार होते है।
ये उन्हें अपने अधिनस्थो के साथ अंतर्वेयक्तिक सम्बंध बनाने में मदद करता है।
उपरोक्त दोनो कारकों की वजह से संगठन में प्रबंधको की कई भूमिकाएँ होती है जिनका उन्हें निर्वाह करना होता है।
मिन्तज़बर्ग द्वारा प्रबंधको की दस तरह की भूमिकाओं का निर्धारण करके उन्हें तीन श्रेणियो में वर्गीकृत किया गया है -
अंतर्वेयक्तिक भूमिका- मुखिया, नेता तथा सम्पर्क अधिकारी
सूचनात्मक भूमिका - प्रबोधक या निरीक्षक, प्रचारक तथा प्रवक्ता।
निर्णयात्मक भूमिका- उद्यमी, उपद्रव निवारक, संसाधन वितरक तथा मध्यस्थ।
अंतर्वैयक्तिक भूमिका (interpersonal role)-
इनके अन्तर्गत निम्नलिखित शामिल है -
मुखिया या अध्यक्ष- संस्थान के मुखिया की भूमिका निभाते हुए प्रबंधको को वैधानिक प्रपत्रों पर हस्ताक्षर करने, सामाजिक समारोहों में भाग लेने तथा संगठन की और से सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने जैसे कई कार्य करने पड़ते है।
नेता - प्रबंधक अपने अधिनस्थो को नेतृत्व प्रदान करते हुए उन्हें लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रेरित करते है। कर्मिको की आवश्यकताओं तथा संगठन के लक्ष्यों में एकीकरण करना भी इसके अन्तर्गत शामिल है।
सम्पर्क अधिकारी - अपने कार्यों के दौरान प्रबंधक विभिन्न संगठनो तथा आंतरिक विभागों से सम्पर्क साधने का कार्य भी करते है तथा समन्वय स्थापित करने का प्रयास करते है।
सूचनात्मक भूमिका (Informational role)-
इसमें सूचनाओं का आदान प्रदान, संग्रहण तथा वितरण से जुड़ी हुई भूमिकाएँ शामिल है। इससे सम्बंधित तीन तरह की भूमिकाओं का निर्वाह प्रबंधको द्वारा किया जाता है-
प्रबोधक या निरीक्षक - विभिन्न प्रकार के प्रबंधकीय कार्यो को पूरा करने के लिए प्रबंधकों को विभिन्न प्रकार की सूचनाओं की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की सूचना का एकत्रण वह अपने अधीनस्थों तथा संपर्क सूत्रों के माध्यम से करता है।
प्रसारक- प्रबोधक के रूप में जो सूचनाएं प्रबंधक द्वारा प्राप्त की जाती है उनका प्रसारण उसके द्वारा अपने अधीनस्थों तथा संबंधित इकाई तक किया जाता है। इसमें तथ्यात्मक तथा मूल्य दोनों प्रकार की सूचनाएं शामिल होती हैं।
प्रवक्ता- संगठन की नीतियों, उत्पादों, जानकारियों तथा विभिन्न कार्यक्रमों से भाई यह पक्षकारो यथा- सरकार, ग्राहकों तथा मीडिया को रूबरू कराने के लिए प्रबंधक द्वारा यह भूमिका निभाई जाती है।
निर्णयात्मक भूमिकाएं (decisional role)-
इस भूमिका के अंतर्गत रहते हुए प्रबंधकों द्वारा व्यूह रचना संबंधित गतिविधियों की जाती है। इसके चार प्रकार निम्नलिखित हैं-
उद्यमी- प्रबंधक द्वारा अपने संगठन के लिए विभिन्न प्रकार के खतरों, संभावनाओं आदि का पता लगाना व उसके लिए आवश्यक निर्णय लेना इसके अंतर्गत आता है।
इसके अतिरिक्त वह समय व वातावरण के अनुसार नवाचारों को भी लागू करता है।
उपद्रव निवारक - संगठन में कार्मिकों के बीच होने वाले विभिन्न झगड़ों उपद्रवों मनमुटावों आदि को दूर करने का कार्य भी प्रबंधक द्वारा ही किया जाता है। इसके तरीके कई बार कर्मचारियों द्वारा डाले जाने वाले दबाव पर भी उसे प्रतिक्रिया व्यक्त करनी पडती है।
संसाधन वितरक - उपलब्ध भौतिक संसाधनों का कार्मिको के बीच वितरण तथा समय प्रबन्धन जैसे कार्य भी उच्चस्थ प्रबन्धकों द्वारा किए जाते है।
इसमें वित्त, मशीनों, कच्चे माल आदि का आवंटन सम्मिलित है।
संसाधनों का प्रयोग क्यों, कब तथा कैसे किया जाए, ये सभी निर्णय इसमें सम्मिलित है।
वार्ताकार- संगठन से जुड़े विभिन्न समूह जैसे ग्राहक आपूर्तिकर्ता सरकार आदि के बीच होने वाली वार्ता में भी प्रबन्धक द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। इसके अतिरिक्त इन समूहों में होने वाले विवादों का निस्तारण भी प्रबन्धक ही करते हैं।
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