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Sunday, November 11, 2018

अधिगम की अवधारणा भाग एक/ concept of learning part 1/Ras mains paper 3rd

अधिगम की अवधारणा भाग एक/ concept of learning part 1/Ras mains paper 3rd

अधिगम (Learning)

जब कोई बालक जन्म लेता है तो वह बहुत ही काम क्रियाएँ करना जानता है।
धीरे धीरे बड़े होने पर जब उसका विकास होता है तो वह विभिन्न प्रकार के अन्य क्रियाकलापों का प्रदर्शन शुरू करता है जिन्हे वह परिवेश में रहकर ही सीखता है।
शुरुआत में वह कुछ लोगो यथा माता पिता व अन्य सम्बन्धियों को पहचानने लगता है।
उसके बाद धीरे धीरे वह वस्तुओ को पकड़ना, भोजन करना, वस्तुओ को पहचानना,अक्षरों को पहचानना आदि सीखने लगता है।
ये सब क्रियाकलाप सीखने की प्रक्रिया अधिगम के अंतर्गत आती है।
अधिगम व्यक्ति के व्यवहार में होने वाले व्यापक परिवर्तनों का द्योतक है।

परिभाषा के रूप में अधिगम से तात्पर्य -

" व्यवहार अथवा व्यवहार की क्षमता में तुलनात्मक रूप से स्थायी परिवर्तन से है जो अनुभव अथवा अभ्यास के कारण होता है। "
हालाँकि थकान अथवा दवा के प्रभाव से भी व्यवहार में परिवर्तन होता है पर यह अस्थायी होता है जिसे अधिगम नहीं माना जा सकता है।

अधिगम की विशेषताएं (Characteristics of learning) -

अधिगम में सदैव किसी न किसी तरह का अनुभव अथवा अभ्यास सम्मिलित होता है।
अधिगम के फलस्वरूप हमारे व्यवहार  में होने वाले परिवर्तन तुलनात्मक रूप स्थायी होते है।
अधिगम एक अनुमानित प्रक्रिया है। यह निष्पादन से भिन्न होती है।
अधिगम में मनोवैज्ञानिक घटनाओ का एक क्रम निहित होता है।

शेष अगले अंक में----

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