स्व एवं व्यक्तित्व की अवधारणा भाग बारह/self concept and personality part 12/ RAS MAINS PAPER 3
व्यक्तित्व मूल्यांकन की प्रक्षेपी तकनीकें (Projective techniques)-
पूर्व वर्णित स्व प्रतिवेदन द्वारा व्यक्तित्व परीक्षण के तरीकों में कई बार व्यक्ति कई तथ्यों को छिपाने का प्रयास करते है तथा अपने जीवन के निजी मामलों को साझा नहीं करते है।
चूंकि उन्हें पता है कि उनका व्यक्तित्व मूल्यांकन किया जा रहा है अतः वें सामाजिक रूप से आवश्यक व्यवहार करने का प्रयास करते हैं।
हमारे व्यवहार के अचेतन या छिपे पक्ष को सामने लाने के लिए जिन तकनीको का प्रयोग किया जाता है उन्हें प्रक्षेपी तकनीक कहा जाता है।
ये तकनीकें इस तथ्य पर आधारित है कि यदि किसी व्यक्ति के समक्ष अस्पष्ट अथवा कम संरचित उद्दीपक या स्थितियां प्रदर्शित की जाय तो वें अपनी भावनाओं या इच्छाओं को प्रकट करने का प्रयास करते हैं।
सब्जेक्ट द्वारा की गई प्रत्येक प्रतिक्रिया उसके व्यक्तित्व के एक महत्वपूर्ण पक्ष को प्रकट करती है।
इस विधि में की गई किसी भी अनुक्रिया को पूर्णतया सही या गलत नहीं माना जाता है।
इस तकनीक में प्रयुक्त कुछ प्रमुख तकनीकें निम्न प्रकार है -
रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण
कथानक संप्रत्यक्षण परीक्षण (TAT)
वाक्य समापन परीक्षण
चित्रगत कुंठा अध्ययन
रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण (Rorschach Ink-blot test)
यह तकनीक हर्मन रोर्शा द्वारा विकसित की गई थी ।
इसमें 7x10 साइज के कार्ड पर स्याही द्वारा धब्बे से आकृति निर्मित की जाती है।
इसमें प्रयोज्य को दो चरणों में परीक्षण किया जाता है।
पहले चरण में उसे कार्ड दिखाकर यह पूछा जाता है कि वह उस कार्ड में क्या देखता है। इसे निष्पादन मुख्य ( performance proper) चरण कहते है।
दूसरे चरण में प्रयोज्य से यह पूछा जाता है कि उसकी प्रतिक्रिया किस आधार पर एवं क्यों की गई है। इसे पूछताछ चरण कहा जाता है।
प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर विस्तृत विवरण तैयार किया जाता है।
कथानक संप्रत्यक्षण परीक्षण (टीएटी)(Thematic Apperception test) -
यह परीक्षण मार्गन एवं मरे द्वारा विकसित किया गया है। इसमें सामान्यतः 30 काले व सफेद रंग के चित्रित कार्ड प्रदर्शित किए जाते है।
इनमें से एक कार्ड खाली होता है।
प्रयोज्य को एक एक करके चित्र दिखाए जाते है तथा उसे प्रत्येक चित्र पर एक कहानी का निरूपण करना होता है।
लिखी गई कहानी के आधार पर अंक प्रदान किए जाते है।
कहानी में घटना के कारण, वर्तमान स्थिति, पात्रों की मनो स्थिति आदि का वर्णन करना होता है।
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