Rajasthan sujas magazine September 2018 part 1/ राजस्थान सुजस पत्रिका सितंबर 2018 महत्वपूर्ण बिंदु
इस माह की सुजस पत्रिका में विभिन्न योजनाओ में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यो का उल्लेख किया गया है।
कलात्मक बटेवड़े-
ग्रामीण क्षेत्रों में ईंधन के लिए गोबर से निर्मित कण्डों अथवा ऊपलों को लम्बे समय तक संरक्षित रखने के लिए इन्हें आयताकार अथवा गोलाकार रुप में जमाकर इन पर गोबर का लेप किया जाता है। इसके पश्चात इन पर विभिन प्रकार की सुन्दर कलाकृतिया निर्मित कर दी जाती है जिन्हें स्थानीय भाषा में बटेवडे कहा जाता है।
5 सितम्बर को जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 36 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार, 33 शिक्षकों को श्री गुरूजी सम्मान एवं 3 जिला कलक्टरों (चुरू, हनुमानगढ़ तथा झुंझुनु) को सम्मानित किया गया।
शिक्षा के क्षेत्र में राज्य की की उपलब्धियां-
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण एनएएस में राजस्थान को देश के 26 राज्यों में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत पर माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय का आदर्श विद्यालय एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकास किया जा रहा है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक प्राथमिक अथवा उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सशस्त्र बलों में अधिकारियों के रूप में युवाओं के चयन के लिए सीकर में महाराव शेखाजी सशस्त्र बल प्रशिक्षण अकादमी निर्माणाधीन है।
राज्य में सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध अंग्रेजी माध्यम के 134 स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल संचालित है जिनमें 55% आरक्षण बालिकाओं के लिए है।
विद्यार्थियों को राष्ट्र एवं राज्य के इतिहास से अवगत कराने के लिए सरकारी विद्यालयों में भारत दर्शन गलियारा का विकास किया जा रहा है।
बालिकाओं के लिए छात्रावास विद्यालयों के रूप में 200 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, 186 शारदे बालिका छात्रावास एवं 10 मेवात आवासीय विद्यालय संचालित है।
राजकीय विद्यालय में कक्षा 9 में अध्ययनरत प्रत्येक बालिका को साइकिल वितरण किया जा रहा है।
राजकीय विद्यालयों के विकास हेतु दान दाताओं की सहायता प्राप्त करने हेतु ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्यादान कोष की स्थापना की गई है।
सभी सरकारी विद्यालयों विद्यार्थियों एवं अध्यापकों की सूचना शाला दर्शन एवं शाला दर्पण पोर्टल पर उपलब्ध है।
ड्रॉपआउट फ्री पंचायतों को उजियारी पंचायतों के रूप में घोषित किया जा रहा है।
प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी को विद्यालयों में मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना
राजकीय विद्यालय में अध्ययन करने वाली कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में प्रत्येक जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली दो बालिकाएं एवं जिले में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली बीपीएल परिवार की बालिका एवं एक अनाथ बालिका (कुल 4) इसके लिए पात्र है।
ऐसी बालिकाओं को कक्षा 11 व 12 में ₹15000 एकमुश्त एवं ₹100000 तक फीस का भुगतान का प्रावधान है।
इसी प्रकार स्नातक एवं स्नातकोत्तर के प्रत्येक वर्ष ₹25000 की सहायता एवं ₹200000 तक की फीस के भुगतान का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री राजश्री योजना
1 जून 2016 या उसके पश्चात जन्म लेने वाली सभी बालिकाएं पात्र हैं। योजना का लाभ लेने के लिए भामाशाह कार्डधारक होना आवश्यक है। इसमें प्रसूता का राज्य का मूल निवासी होना भी आवश्यक है।
बालिका के जन्म एवं 1 वर्ष पूरा करने पर रुपए 2500 की सहायता (संपूर्ण टीकाकरण आवश्यक)
कक्षा प्रथम में राजकीय विद्यालय में प्रवेश लेने पर ₹4000 की सहायता।
राजकीय विद्यालय में कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर ₹5000 एवं कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर ₹11000 की राशि।
कक्षा 12वीं राजकीय विद्यालय के उत्तीर्ण करने पर ₹25000 की सहायता राशि।
कुल मिलाकर योजना के अंतर्गत 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक ₹50000 की सहायता करने का प्रावधान है।
पद्माक्षी पुरस्कार-
8, 10 एवं 12 की कक्षाओं में सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग , अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग, बीपीएल एवं निशक्त वर्ग की प्रत्येक जिले में प्रथम स्थान प्राप्त बालिका को क्रमशः ₹40000, ₹75000 एवं ₹100000 की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है।
कक्षा 12वीं की पात्र बालिकाओं को सहायता राशि के साथ स्कूटी का भी वितरण किया जाता है।
भामाशाह डिजिटल परिवार योजना-
इंटरनेट सेवा युक्त स्मार्टफोन खरीदने के लिए प्रत्येक भामाशाह परिवार को दो चरणों में ₹1000 की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
इसमें से ₹500 की राशि स्मार्टफोन खरीदने के लिए जबकि शेष ₹500 की राशि इंटरनेट के लिए दी जाएगी।
राजस्थान में नीति आयोग द्वारा तैयार समग्र जल प्रबंधन वृद्धि सूचकांक में इस वर्ष दसवां स्थान प्राप्त किया है। इसमें राजस्थान ने 13 स्थान से दसवां स्थान प्राप्त कर सर्वोच्च सुधार भी दर्ज किया है।
दुर्गा एनर्जी
दुर्गा भारत का पहला पूर्णतया स्थानीय जनजाति स्वामित्व वाला सौर पैनल निर्माण संयंत्र है।
इसका पूरा नाम डूंगरपुर रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड है।
इसकी स्थापना राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के सहयोग से की गई है। इसकी शुरुआत आईआईटी मुंबई के सहयोग से की गई थी।
डूंगरपुर के सोलर लैंप प्रोजेक्ट के लिए तत्कालीन कलेक्टर को प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवॉर से भी सम्मानित किया गया था।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना-
राज्य के पात्र नागरिकों को निशुल्क इंडोर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए 13 दिसंबर 2015 को यह योजना शुरू की गई थी।
इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल एक करोड़ परिवार पात्र हैं।
राजस्थान की कुल जनसंख्या का लगभग दो तिहाई इस योजना का लाभ ले रहा है।
पात्र परिवारों को सामान्य बीमारियों के लिए 30000 जबकि गंभीर बीमारी के लिए ₹300000 तक का बीमा कवर दिया जाता है।
1350 से अधिक चिकित्सा संस्थानों में योजना लागू है।
योजना के अंतर्गत 1401 से भी अधिक बीमारियों के लिए पैकेज उपलब्ध है।
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