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Saturday, September 15, 2018

प्रबंध क्षेत्र तथा अवधारणा भाग छह/ management area and concept Part 6/RAS Mains Paper 1

प्रबंध की सार्वभौमिकता (universality of management)-



वर्तमान समय में प्रबन्ध विभिन्न कार्य क्षेत्रों में समानता रखता है या नहीं, इसके पक्ष तथा विपक्ष में अनेक तर्क दिए गए है जिनसे हम प्रबन्ध की सार्वभौमिकता का पता लगा सकते है।

सार्वभौमिकता के पक्ष में तर्क-

  • प्रबन्ध की प्रकिया सभी देशों तथा संगठनों में समान रूप से पायी जाती है।
  • योजना, आयोजन, स्टाफिंग, निर्देशन और नियंत्रण का प्रबंधकीय कार्य सभी उद्यमों में पाया जाता है।
  • प्रबंधकीय कौशल को एक व्यक्ति या संगठन से दूसरे को हस्तांतरित किया जा सकता है।
  • वैसे तो प्रबंध के सिद्धान्त सार्वभौमिक है लेकिन इन्हें लागू करते समय स्थानीय परिस्थितियों का प्रभाव रहता है।

सार्वभौमिकता के विपक्ष में तर्क-

  • प्रबंध के क्षेत्र में विभिन्न बुद्धिजीवियों द्वारा कई सिद्धांत दिए गए हैं हालांकि इन सभी सिद्धांतों को प्रत्येक जगह लागू नहीं किया जा सकता है।
  • प्रबंध को संस्कृति परक माना गया है अतः अलग-अलग देशों में अलग-अलग सिद्धांत व नियम लागू होते हैं।
  • संगठन व्यवसाय अथवा गैर व्यावसायिक उद्देश्य वाले हो सकते हैं। पीटर ड्रकर के अनुसार व्यावसायिक संगठनों के सिद्धांत गैर व्यवसायिक संगठनों में लागू नहीं किए जा सकते।
  • विभिन्न संगठनों में अलग-अलग प्रबंधकीय दर्शन अपनाए जाने की वजह से भी सिद्धांतों में भिन्नता होती है।

सार्वभौमिक अवधारणा के पक्ष तथा विपक्ष में दिए गए तर्कों का विश्लेषण बताता है कि प्रबंधन और उसके सिद्धांतों और कार्यों का विज्ञान सार्वभौमिक रूप से लागू होता है।

संगठन, उद्देश्यों, लक्ष्यों, दर्शनशास्त्र, और संस्कृति के प्रकारों में मतभेदों के बावजूद; प्रबंधन एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है।

प्रबंधन की सार्वभौमिकता की अवधारणा उन संगठनों के भीतर प्रबंधकों के सभी स्तरों पर भी लागू होती है जो संसाधनों के समन्वय में भाग लेते हैं।

सार्वभौमिकता की अवधारणा का तात्पर्य है कि प्रबंधन और गतिविधियां एक संगठन से दूसरे संगठन में स्थानांतरित करने योग्य हैं।

अंत में, इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रबंधन सार्वभौमिक है क्योंकि इसका मूल कार्य सभी के लिए स्वीकार्य है और कहीं भी लागू होता है।

प्रत्येक संगठन में प्रबंधक प्रबंधकीय कार्यों का उपयोग अपने वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय-समय पर नियोजन की तरह करते हैं।

यह स्पष्ट है कि प्रबंधन के कार्य और सिद्धांत सार्वभौमिक हैं, लेकिन प्रकृति, आकार और परिस्थितियों के अनुसार अलग अलग प्रकार से क्रियान्वित होते हैं।

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