भोजन एवं मानव स्वास्थ्य भाग दो (food and human health part 2)/ Ras mains paper 2
मादक पदार्थ (toxic substance)
मानव कई बार तनाव की दशा से बचने के लिए तथा आनंद उत्पन्न करने के भ्रम में नशीले पदार्थों का प्रयोग करता है। इन नशीले पदार्थों में उपस्थित रसायन हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं तथा अत्यंत ही बुरे प्रभाव डालते हैं।
एक बार नशीले पदार्थ की लत हो जाने पर उनसे छुटकारा पाना काफी मुश्किल होता है।
भारत में 42% लोग शराब, 20 प्रतिशत अफीम, 30% हेरोइन, 6% गांजा तथा 18 प्रतिशत लोग अन्य नशों से शिकार है।
वर्तमान में समाज में प्रचलित कुछ नशीले पदार्थों व उनके दुष्प्रभावों का वर्णन प्रकार है-
गुटखा (gutkha)-
गुटखे का निर्माण सुपारी के टुकडे, कत्था, संश्लेषित खुशबू , धातुओं के वर्क, चूना आदि को मिश्रित करके किया जाता है।
इसकी वजह से जबड़े की मांसपेशियां जकड़ जाने की वजह से सबम्युकस फाइब्रोसिस रोग हो जाता है। इसके अतिरिक्त कैंसर होने की संभावना भी रहती है।
पाउच संस्कृति की वजह से आज यह प्रत्येक स्थान पर आसानी से उपलब्ध है।
वर्तमान में बड़ों के साथ-साथ बच्चे महिलाएं भी इनको उपयोग करने लगे हैं।
तंबाकू (tobacco)-
यह मादक पदार्थ निकोटिएना टोबेकम की पत्तियों से प्राप्त किया जाता है।
इनमें 1-8 प्रतिशत निकोटिन नामक एल्केलायड जाता है।
तंबाकू को या तो सीधे ही या फिर बीड़ी, सिगरेट, सिगार, चिलम, हुक्का आदि के रुप में उपयोग किया जाता है।
विश्व में प्रतिवर्ष 60 लाख से अधिक लोगों की मौत तंबाकू की सेवन से होती है।
वर्तमान में सरकार द्वारा कानून बना कर सार्वजनिक स्थानों पर इसके उपयोग पर रोक लगा दी गई है। इसकी अतिरिक्त तंबाकू के पाउच पर चेतावनी भी प्रर्दशित जाती है।
सिनेमाघरों तथा फिल्मों में भी इसकी चेतावनी जारी की जाती है।
तंबाकू के दुष्प्रभाव-
- इसके लंबे समय तक सेवन से मुंह, फेफड़ों, गले आदि के कैंसर का खतरा होता है।
- तंबाकू का लगातार सेवन करने से उसमें उपस्थित निकोटिन धमनियों की दीवारों को मोटा कर देता है जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है।
- गर्भवती महिलाओं में भ्रूण विकास की दर मंद हो जाती है।
- सिगरेट के धुएं में उपस्थित कार्बन मोनोऑक्साइड रक्त में ऑक्सीजन की परिसंचरण को कम कर देता है।
- इससे सामाजिक व आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है।
मदिरा/शराब (alcohol)
मदिरा में नशे का मुख्य कारण उसमें उपस्थित एथिल अल्कोहल होता है। अलग-अलग प्रकार की शराब में इसका प्रतिशत अलग होता है। लोग कई बार शौक से इसकी शुरुआत करते हैं तथा धीरे-धीरे इसकी आदत पड़ जाती है।
शराब पीने के दुष्प्रभाव-
- मदिरा में उपस्थित अल्कोहल अधिक मात्रा यकृत में पहुंचने पर वह उसे ऐसीटेल्डीहाइ में बदल देता है जो एक विषैला पदार्थ है।
- इसके अधिक सेवन से वसीय यकृत रोग हो जाता है जिससे प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट संश्लेषण पर प्रभाव पड़ता है।
- इससे व्यक्ति का शरीर पर नियंत्रण कमजोर हो जाता है व दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
- स्मरण क्षमता में कमी आती है तथा तंत्रिका तंत्र भी कमजोर जाता है।
- व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है एवं सामाजिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचती है।
अफीम (opium)
- यह पैपेवर सोम्निफेरम नामक पादप के फल से प्राप्त दूध को सुखाने से बनता है।
- अफीम में 30 से भी अधिक प्रकार के एल्केलाइड्स पाये जाते हैं जिनमें मार्फीन, कोडिन, निकोटिन, सोम्निफेरिन एवं पैपेवरिन आदि प्रमुख हैं।
- शांति प्राप्त करने से लिए अफीम तथा इससे बने हैरोइन का प्रयोग लोगो द्वारा किया जाता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न अवसरों पर अफीम की मनुहार की जाती है।
- इसके अतिरिक्त माताएं बच्चों को सुलाने के लिए अफीम का प्रयोग करती है।
- किसी भी कारण से अफीम का सेवन व्यक्ति को उसका आदी बना देता है। इसका अधिक सेवन असामयिक मृत्यु का कारण भी बनता है।
अन्य नशीले पदार्थ-
कोकीन, भांग, चरस, गांजा, हशीश आदि अन्य मादक पदार्थ है।
कई लोग द्वारा दवाओं का उपयोग भी नशे के रूप में किया जाता है।
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