प्रशासन एवं प्रबंध भाग तीन/ administration and management part 3/Ras mains paper 3
सरकारी एवं निजी प्रशासन (public and private Administration)-
किसी भी अन्य सामूहिक कार्य की भांति प्रशासन सार्वदेशिक है तथा सरकारी एवं निजी दोनों संगठनों में होता है।
व्यवस्था तथा उद्देश्य के आधार पर लोक प्रशासन को मोटे तौर पर निजी प्रशासन से अलग किया जा सकता है।
लोक प्रशासन का मुख्य उद्देश्य राज्य के लक्ष्यों को प्राप्त करना होता है वही निजी प्रशासन व्यापारिक संगठनों के लिए प्रशासन है।
निजी व लोक प्रशासन में समानताएं-
मेरी पी फोलेट, हेनरी फेयोल तथा एल यूर्विक आदि ने निजी तथा लोक प्रशासन को समान मानते हुए इन में किसी प्रकार का अंतर नहीं माना है।
हेनरी फेयोल के अनुसार-
प्रशासन एक विज्ञान है जिसे निजी तथा सरकारी क्षेत्र में समान रूप से लागू किया जा सकता है। चाहे जैसा भी उपक्रम हो सभी के लिए योजना, संगठन, समन्वय तथा नियंत्रण जैसे कार्यों की आवश्यकता होती है। केवल एक प्रशासन विज्ञान से ही इन कार्यों की सरकारी व निजी क्षेत्र में समान रूप से पूर्ति की जा सकती है।
निम्न बिंदुओं से हम दोनों क्षेत्रों के बीच समानता को आसानी से समझ सकते हैं-
- वर्तमान समय में दोनों क्षेत्रों में अपना ही जाने वाली पदानुक्रम तथा प्रबंधन प्रणाली में काफी समानता है।
- सरकारी संस्थाओं के साथ साथ अब निजी संस्थाएं भी सरकार की कई नियमों के दबाव में कार्य करती है। जैसे- कराधान मौद्रिक व लाइसेंस नीतियां।
- कार्मिक प्रबंध के क्षेत्र में भी लोक प्रशासन का निजी प्रशासन पर काफी प्रभाव दिखाई देता है।
- निजी प्रशासन के लिए प्रचलित लाभ अर्जन का सिद्धांत अब सरकारी क्षेत्रों में भी बड़ी मात्रा में देखा जा रहा है।
- सरकारी एवं निजी प्रशासन दोनों प्रशासन की सामान्य तकनीकों तथा प्रक्रियाओं पर निर्भर करते हैं।
- सेवा देने का कार्य अब सरकारी क्षेत्र के साथ साथ निजी क्षेत्र द्वारा भी किया जा रहा है। दोनों ही क्षेत्रों में ग्राहक की संतुष्टि को सर्वोच्च रखा जाता है।
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