राजस्थान सुजस पत्रिका जुलाई 2018 महत्वपूर्ण बिंदु/ sujas magazine July 2018
राजस्थान में शैक्षिक विकास
देश एवं समाज के समुचित विकास में अतुलनीय योगदान देने वाले शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
नेशनल अचीवमेंट सर्वे के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की रैंकिंग में राजस्थान पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा है।
नेशनल अचीवमेंट सर्वे के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की रैंकिंग में राजस्थान पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा है।
इसी तरह स्वच्छ विद्यालय अभियान के अंतर्गत भी राजस्थान आंध्रप्रदेश तथा कर्नाटक के बाद तीसरे स्थान पर रहा है।
आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालय
सरकारी शिक्षण संस्थानों को श्रेष्ठ विद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत के स्तर पर एक माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय को आदर्श विद्यालय तथा प्राथमिक अथवा उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चुनकर विकसित किया जा रहा है।
ऐसे विद्यालयों में समुचित कक्षा कक्षों की व्यवस्था, खेल मैदान, पानी, बिजली, छात्र छात्राओं के लिए पृथक शौचालय, कंप्यूटर युक्त लैब आदि सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
अब तक 4876 आदर्श विद्यालय तथा 4036 उत्कृष्ट विद्यालयों का विकास किया जा चुका है। ऐसे विद्यालयों में कंप्यूटर लैब के साथ-साथ दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत विद्युत की व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश के शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े जिलों में सुधार हेतु मॉडल स्कूल के रूप में 174 स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलों की स्थापना की गई है। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में वर्तमान में 44000 छात्र अध्यन कर रहे हैं जिनमें से 55% सीटें बालिकाओं के लिए आरक्षित है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कक्षा 6 से 8 के लिए 200 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में 20026 बालिकाएं अध्ययनरत है।
इसी की तर्ज पर मेवात क्षेत्र में 9 मेवात बालिका छात्रावास संचालित है।
पद्माक्षी योजना
इस योजना के अंतर्गत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कीइस योजना के अंतर्गत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 8वीं 10वीं तथा 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में सामान्य अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अन्यसामान्य अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक विशेष पिछड़ा वर्ग BPL कथा निशक्त वर्ग से प्रत्येक जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को क्रमशः 40000, 75000 व ₹100000 की राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त 12वीं कक्षा की योग्य बालिकाओं को स्कूटी भी पुरस्कार स्वरूप भेंट की जाती है।
मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना
इस योजना की शुरुआत सत्र 2016-17 से की गई है।
योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा में पूरे जिले में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली न्यूनतम 75% अंक तथा जिले में BPL परिवार की प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
यह सहायता कक्षा 11 से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक शिक्षण अथवा प्रशिक्षण के लिए दी जाती है।
योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा में पूरे जिले में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली न्यूनतम 75% अंक तथा जिले में BPL परिवार की प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
यह सहायता कक्षा 11 से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक शिक्षण अथवा प्रशिक्षण के लिए दी जाती है।
आर्थिक सबलता पुरस्कार
राजकीय विद्यालय में कक्षा 9 से 12 तक अध्ययनरत दिव्यांग बालिकाओं को इस योजना के अंतर्गत ₹2000 प्रतिवर्ष प्रदान किए जाते हैं। इसी तरह की सहायता मूक बधिर व नेत्रहीन बालिकाओं को भी प्रदान की जाती है।
राज ई ज्ञान पोर्टल
यह पोर्टल ऑनलाइन शिक्षण सामग्री का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। पोर्टल पर कक्षा 1 से 12 तक की महत्वपूर्ण शिक्षण सामग्री दृश्य, श्रव्य तथा डिजिटल माध्यम में उपलब्ध है।
उजियारी पंचायत
ऐसी पंचायत जिसने पूर्ण नामांकन एवं ठहराव का लक्ष्य हासिल कर लिया हो उसे उजियारी पंचायत के रूप में चयनित किया जा रहा है।
इसके अंतर्गत पंचायत में 5 से 6 वर्ष के सभी बालक-बालिकाओं का कक्षा एक में नामांकन सुनिश्चित करना आवश्यक है।
इसके अंतर्गत पंचायत में 5 से 6 वर्ष के सभी बालक-बालिकाओं का कक्षा एक में नामांकन सुनिश्चित करना आवश्यक है।
ड्राप आउट फ्री पंचायत
इस योजना में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी छात्र छात्रा बीच में पढ़ाई ना छोड़े। इसके अंतर्गत पंचायतों में पद स्थापित पंचायत शिक्षा प्रसार अधिकारी द्वारा शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी के साथ लोगों में जागरूकता हेतु भी कदम उठाए जा रहे हैं।
ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्यादान कोष
शिक्षा के क्षेत्र में आमजन तथा उद्योग जगत का सहयोग प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा यह पहल शुरू की गई है। इसमें भामाशाहों तथा सीएसआर गतिविधियों के अंतर्गत प्राप्त राशि का विद्यालयों के उन्नयन के लिए बेहतर प्रयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।
नई दिल्ली में आयोजित 52वें स्कॉच समिट में ई गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को चीफ मिनिस्टर ऑफ द ईयर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अन्नपूर्णा दूध योजना-
राजस्थान की मुख्यमंत्री द्वारा 2 जुलाई को जयपुर के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय दहमी कला से इस योजना की शुरुआत की गई।
योजना के अंतर्गत वर्तमान में सप्ताह के 6 दिन कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को 150 एमएल तथा कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 200 एमएल ताजा गर्म दूध मिड डे मील के साथ उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना बालकों को विद्यालय में रोकने के साथ-साथ पोषण स्तर में सुधार के लिए भी उपयोगी साबित होगी।
रणथंभोर दुर्ग तथा टाइगर रिजर्व
राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित 1000 वर्ष पुराना रणथंभोर दुर्ग यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा रणथंबोर के आसपास के घने वन क्षेत्र को 1955 में अभयारण्य क्षेत्र घोषित किया गया था। 1972 में 395 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को बाघ संरक्षण परियोजना के अंतर्गत शामिल कर लिया गया।
राज्य सरकार द्वारा रणथंबोर के आसपास के घने वन क्षेत्र को 1955 में अभयारण्य क्षेत्र घोषित किया गया था। 1972 में 395 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को बाघ संरक्षण परियोजना के अंतर्गत शामिल कर लिया गया।
1980 में किस अभयारण्य को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
यह राष्ट्रीय उद्यान सवाई मानसिंह अभ्यारण केला देवी अभ्यारण तथा आसपास के गांव को मिलाकर कुल 1700 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है।
उद्यान का 1113 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कोर एरिया तथा 298 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को बफर जोन के रूप में चिन्हित किया गया है।
रिजर्व में बाघ के अतिरिक्त हिरण, सांभर, नीलगाय, लंगूर, जंगली सूअर, रीछ तथा मोर जैसे अन्य पशु-पक्षी भी निवास करते हैं।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.