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Wednesday, August 15, 2018

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार/national sports awards in india/RAS Mains Paper 3

national sports awards in india ( Arjun Award, Dronacharya Award, Rajiv Gandhi khel ratn Award, Maharana pratap Award)RAS Mains Paper 3

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार -

युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा खिलाड़ियों को खेलो में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनेक पुरस्कार प्रदान किये जाते है जिनका संक्षिप्त वर्णन निम्न प्रकार है -

राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (Rajiv Gandhi KHel Ratn Award)

इस पुरस्कार की शुरआत 1991-92 में की गई थी।
पुरस्कार का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया है।
प्रत्येक चयनित खिलाड़ी को पुरस्कार स्वरूप पदक, प्रमाण पत्र तथा ₹7.5 लाख राशि प्रदान की जाती है।
पुरस्कार के लिए खिलाड़ियों का चयन एक 12 सदस्यीय समिति द्वारा किया जाता है।
पुरस्कार देने के लिए खिलाड़ी के ओलंपिक, पैरालंपिक, एशियाई खेल तथा राष्ट्रमंडल खेल आदि के प्रदर्शन को देखा जाता है।
किसी एक खेल के लिए अधिकतम 2 खिलाड़ियों को नामित किया जाता है।
पुरस्कार प्रदान करने के लिए खिलाड़ी के पिछले 4 वर्षों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है।
सामान्यतः 1 वर्ष के दौरान एक ही खिलाड़ी को यह पुरस्कार दिया जाता है लेकिन अपवाद स्वरुप कई बार एक से अधिक खिलाड़ीयों को भी दिया गया है।
सर्वप्रथम 1991 92 में शतरंज के ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।
2001 में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को यह पुरस्कार प्रदान किया जो सबसे कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी बने।
अंतिम पुरस्कार वर्ष 2016 17 के लिए दिए गए जो पैरालंपिक एथलीट देवेंद्र झाझड़िया तथा हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह को प्रदान किया गया है।
2017 तक 14 खेल स्पर्धाओं से कुल 24 खिलाड़ियों को पुरस्कार प्रदान किया गया है।

अर्जुन पुरस्कार

इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की शुरुआत 1961 में की गई थी।
वर्तमान नीति के अनुसार इस पुरस्कार के लिए वह खिलाड़ी योग्य होते हैं जिन्होंने पिछले 4 सालों के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न केवल उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है बल्कि खेलों में उच्च स्तर की लीडरशिप खेल भावना तथा अनुशासन भी प्रदर्शित किया हो।
पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रमाण पत्र, कांस्य निर्मित अर्जुन की प्रतिमा तथा ₹500000 पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।
1961 से लेकर अब तक 700 से अधिक खिलाड़ियों को यह अवार्ड दिया जा चुका है।
सामान्यतः 1 वर्ष के दौरान अधिकतम 15 अवार्ड दिए जाते हैं हालांकि कई बार अधिक भी दिए गए हैं।
वर्ष 2017 में कुल 17 खिलाड़ियों को यह अवार्ड दिया गया है।
राजस्थान से अंतिम बार 2016 में तीन खिलाड़ियों अपूर्वी चंदेला निशानेबाजी, रजत चौहान तिरंदाजी तथा संदीप मान पैराएथलीट को यह अवार्ड दिया गया है।
अब तक राजस्थान के कुल 48 खिलाड़ी अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं।


द्रोणाचार्य पुरस्कार

यह पुरस्कार खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले उत्कृष्ट प्रशिक्षकों को दिया जाता है।
इस पुरस्कार की शुरुआत 1985 में की गई थी।
पुरस्कार स्वरूप द्रोणाचार्य की कांस्य प्रतिमा प्रमाण पत्र तथा ₹500000 राशि प्रदान की जाती है।
प्रशिक्षकों का चयन 10 सदस्यीय कमेटी द्वारा किया जाता है
1985 में यह पुरस्कार सर्वप्रथम भला चंद्र भास्कर भागवत,
ओम प्रकाश भारद्वाज तथा ओ एम नाम्बियार को दिया गया था।
प्रत्येक वर्ष सामान्यतः अधिकतम 5 प्रशिक्षकों को यह पुरस्कार दिया जाता है।
वर्ष 2017 में यह पुरस्कार कुश्ती अनूप सिंह 
, पैरालंपिक कोच नवल सिंह, हरबंस सिंह (एथलेटिक्स), स्वतंत्र राज सिंह (मुक्केबाजी) और निहार अमीन (तैराकी) को प्रदान किया गया था।
राजस्थान से श्री करण सिंह, श्याम सुंदर सिंह, महा सिंह, आर डी राव तथा वीरेंद्र पूनिया को यह पुरस्कार मिला है।

जीवन गौरव ध्यानचंद्र पुरस्कार 

इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2002 में की गई थी।
यह पुरस्कार भारत का सर्वोत्तम खेल पुरस्कार है जो किसी खिलाड़ी को जीवन भर खेल के क्षेत्र में उसकी योगदान के लिए दिया जाता है।
इस पुरस्कार का नाम प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है जो प्रतिवर्ष 29 अगस्त को उनके जन्मदिन पर दिया जाता है।
पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक खिलाड़ी को एक प्रमाण पत्र प्रतिमा औपचारिक पोशाक तथा ₹500000 की राशि प्रदान की जाती है।
अब तक 51 खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
2017 में यह पुरस्कार भूपेंद्र सिंह एथलेटिक्स, सुमराय टेटे हॉकी तथा सैयद शाहिद हकीम को फुटबॉल में दिया गया है।




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