हाइड्रोकार्बन्स तथा उनका वर्गीकरण/ Hydrocarbons and its classification/RAS mains paper 2
हाइड्रोकार्बन्स को मुख्यत तो श्रेणियों में बांटा जा सकता है-
विवृत श्रृंखला युक्त अचक्रीय हाइड्रोकार्बन (एलिफटिक योगिक )
संवृत श्रृंखला युक्त चक्रीय हाइड्रोकार्बन
अचक्रीय हाइड्रोकार्बन को पुन तीन श्रेणियों में विभक्त कर सकते है।
1 एल्केन (एकल बंध युक्त संतृप्त) 2 एल्कीन (द्विबंध युक्त असंतृप्त) 3. एल्काइन ( त्रिबंध युक्त असंतृप्त)
हाइड्रोकार्बन के नामकरण की पद्धति-
1. रुढ़ पद्धति ( Trival system )
इस पद्धति में कार्बनिक यौगिकों का नामकरण उनकी प्राप्ति के प्राकृतिक स्त्रोत तथा गुणों के आधार पर किया जाता है। उदाहरण-
2. व्युत्पन्न पद्धति - इस पद्धति में कार्बनिक योगिको का नामकरण उनके सरल यौगिकों का व्युत्पन्न मानकर किया जाता है।
3. IUPAC पद्धति -
यह एक सर्वत्र मान्य पद्धति है।
कार्बन परमाणुओं की संख्या के आधार पर पूर्वलग्न तथा योगिक में उपस्थित कार्बनिक बंध के आधार पर अनुलग्नक लिखा जाता है।
हाइड्रोकार्बन्स को मुख्यत तो श्रेणियों में बांटा जा सकता है-
विवृत श्रृंखला युक्त अचक्रीय हाइड्रोकार्बन (एलिफटिक योगिक )
संवृत श्रृंखला युक्त चक्रीय हाइड्रोकार्बन
अचक्रीय हाइड्रोकार्बन को पुन तीन श्रेणियों में विभक्त कर सकते है।
1 एल्केन (एकल बंध युक्त संतृप्त) 2 एल्कीन (द्विबंध युक्त असंतृप्त) 3. एल्काइन ( त्रिबंध युक्त असंतृप्त)
हाइड्रोकार्बन के नामकरण की पद्धति-
1. रुढ़ पद्धति ( Trival system )
इस पद्धति में कार्बनिक यौगिकों का नामकरण उनकी प्राप्ति के प्राकृतिक स्त्रोत तथा गुणों के आधार पर किया जाता है। उदाहरण-
2. व्युत्पन्न पद्धति - इस पद्धति में कार्बनिक योगिको का नामकरण उनके सरल यौगिकों का व्युत्पन्न मानकर किया जाता है।
3. IUPAC पद्धति -
यह एक सर्वत्र मान्य पद्धति है।
कार्बन परमाणुओं की संख्या के आधार पर पूर्वलग्न तथा योगिक में उपस्थित कार्बनिक बंध के आधार पर अनुलग्नक लिखा जाता है।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.