विगत कुछ वर्षों में राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विशेष प्रयास किए गए हैं तथा उल्लेखनीय परिणाम में प्राप्त हुए हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को व्यवस्थित, योजनाबद्ध तथा उचित दिशा प्रदान करने के लिए 1987 में राज्य में कंप्यूटर निदेशालय की स्थापना की गई।
30 सितंबर 1997 को इस विभाग का नाम बदलकर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग कर दिया गया। इसके बाद मई 2002 में विभाग के कार्यों को देखते हुए इसके नाम को बदल कर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (DoIT &C) कर दिया गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के कार्य-
राज्य में कंप्यूटरीकरण के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।
सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सभी नीतियों का निरूपण करना।
सूचना प्रौद्योगिकी तथा इंटरनेट के लिए सुरक्षा नीतियों का निर्माण।
राजस्थान राज्य में ई गवर्नेंस का समन्वय तथा संबंधित योजनाओं का पर्यवेक्षण।
संपूर्ण राज्य में कॉमर्स तथा इंटरनेट को प्रोत्साहन देना।
सूचना प्रौद्योगिकी तथा दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना करना।
सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सभी नीतियों का निरूपण करना।
सूचना प्रौद्योगिकी तथा इंटरनेट के लिए सुरक्षा नीतियों का निर्माण।
राजस्थान राज्य में ई गवर्नेंस का समन्वय तथा संबंधित योजनाओं का पर्यवेक्षण।
संपूर्ण राज्य में कॉमर्स तथा इंटरनेट को प्रोत्साहन देना।
सूचना प्रौद्योगिकी तथा दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना करना।
विभाग के अंतर्गत वर्तमान में दो एजेंसियां कार्यरत हैं-
राजकॉम्प इंफो सर्विसेज लिमिटेड-
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1989 में राजस्थान स्टेट कंप्यूटर सर्विसेज की स्थापना सोसायटी के रूप में की गई थी।
संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य संचार प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार के क्षेत्र में प्रशिक्षण विभिन्न विभागों को तकनीकी परामर्श प्रदान करना व योजनाओं का क्रियान्वन करना है।
संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य संचार प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार के क्षेत्र में प्रशिक्षण विभिन्न विभागों को तकनीकी परामर्श प्रदान करना व योजनाओं का क्रियान्वन करना है।
राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (RKCL)
राज्य में व्याप्त डिजिटल डिवाइड को खत्म करने हेतु शहरी तथा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने हेतु इसकी स्थापना की गई है। कंप्यूटर की शिक्षा हेतु RSCIT का कोर्स चलाया जाता है जोकि राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है तथा विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए आवश्यक है। इसके अंतर्गत राज्य कर्मचारियों को कोर्स के शुल्क का पुनर्भरण भी किया जाता है।
विभाग द्वारा ई गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदम-
राजस्थान संपर्क -
यह सामान्य लोगों की शिकायतों तथा उनके निवारण के लिए एक एकीकृत मंच है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री के जन सुनवाई कार्यक्रम, मुख्यमंत्री यात्रा तथा अन्य संपर्क माध्यमों का एकीकरण कर दिया गया है।
इसी के साथ CM हेल्पलाइन का नया नंबर 181 शुरू किया गया है।
इसी के साथ CM हेल्पलाइन का नया नंबर 181 शुरू किया गया है।
राज नेट-
इस योजना के माध्यम से सचिवालय में स्थित सकलेन परियोजना का विस्तार करके पंचायत स्तर तक नेटवर्क का विस्तार कर सभी सरकारी भवनों को जोड़ा जा रहा है। इसी के साथ 33 जिला मुख्यालयों तथा चयनित ब्लॉक्स में IP फोन की सुविधा भी दी गई है।
सरकारी कार्यालयों में कई जगह अधिकारियों तथा आगंतुकों के लिए वाईफाई हॉटस्पॉट की सुविधा दी गई है।
प्रदेश में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा को बढ़ाकर पंचायत स्तर तक कर दिया गया है।
राज्य के लिए एक ही जीआईएस प्लेटफार्म तैयार कर राजस्थान की ऐतिहासिक इमारतों तथा भवनों के 3D मॉडल तैयार किए जा रहे हैं।
सरकारी कार्यालयों में कई जगह अधिकारियों तथा आगंतुकों के लिए वाईफाई हॉटस्पॉट की सुविधा दी गई है।
प्रदेश में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा को बढ़ाकर पंचायत स्तर तक कर दिया गया है।
राज्य के लिए एक ही जीआईएस प्लेटफार्म तैयार कर राजस्थान की ऐतिहासिक इमारतों तथा भवनों के 3D मॉडल तैयार किए जा रहे हैं।
ई मित्र-
राज्य में अब तक 48000 से भी अधिक ई मित्र क्रियाशील कर दिए गए हैं।
ई मित्र के माध्यम से राज्य के नागरिकों को 350 से अधिक सरकारी तथा निजी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें बिजली पानी मोबाइल अधिकृत बिल तथा भामाशाह पासपोर्ट पैन कार्ड विभिन्न प्रमाण पत्र तथा सत्यापन के कार्य भी किए जा रहे हैं।
ई मित्र के माध्यम से राज्य के नागरिकों को 350 से अधिक सरकारी तथा निजी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें बिजली पानी मोबाइल अधिकृत बिल तथा भामाशाह पासपोर्ट पैन कार्ड विभिन्न प्रमाण पत्र तथा सत्यापन के कार्य भी किए जा रहे हैं।
डिजिटली हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र-
राज्य के नागरिकों को सुविधा प्रदान करते हुए अब डिजिटली हस्ताक्षरित प्रमाण पत्रों की व्यवस्था की गई है जिसमें घर बैठे ही कीओस्क अथवा एकल खिड़की के माध्यम से नागरिक मूल निवास, जाति तथा आय प्रमाण पत्रों को प्राप्त कर सकते हैं जोकि वैधानिक डिजिटली हस्ताक्षरित होते हैं।
स्टेट पोर्टल-
राज्य के समस्त नागरिकों सरकारी उपयोगकर्ताओं व्यापारियों तथा विदेशी लोगों के लिए सभी सूचनाओं की उपलब्धि हेतु एकीकृत स्टेट पोर्टल बनाया गया है। इसके अंतर्गत सभी सरकारी विभागों के पोर्टल जुड़े हैं तथा राज्य से संबंधित विभिन्न आंकड़े भी यहां उपलब्ध है।
ई संचार एवं आई फेक्ट
ई संचार पोर्टल के अंतर्गत किसी भी विभाग की सरकारी योजना की सूचना अथवा नोटिफिकेशन लाभार्थी आवेदनकर्ता तथा सरकारी कर्मचारियों को टेक्स्ट मैसेज या वॉइस कॉल के माध्यम से भेजा जा सकता है।
आईफेक्ट का प्रयोग राजस्थान संपर्क के अंतर्गत रियलिटी चेक करने के लिए किया जाता है।
विभाग द्वारा किए गए अभिनव प्रयोग-
ई-मित्र प्लस-
इसके माध्यम से सरकार तथा जनता को टेक्नोलॉजी के द्वारा जोड़ने की पहल की गई है। यह कियोस्क वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा देते हैं जो कि राज्य में 40000 से अधिक स्थानों को जोड़ती है। इस पर नगद डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करके विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए शुल्क भुगतान किया जा सकता है। यह स्वचालित कीयोस्क सरकारी स्टेशनरी पर विभिन्न प्रमाण पत्रों तथा जन्म प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र आदि को प्रिंट करने की सुविधा भी प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त लाइव सेशन में सरकारी अधिकारी से जुड़कर शिकायत भी दर्ज कराई जा सकती है।
हिंदी ईमेल-
राजस्थान अपने नागरिकों को हिंदी में ईमेल की सुविधा उपलब्ध कराने वाला देश का पहला राज्य है। इसकी शुरुआत दिसंबर 2017 में कोटा में आयोजित डिजीफेस्ट में की गई थी।
राज बायोस्कोप-
राज बॉयोस्कोप राज्य सरकार का वीडियो शेयरिंग पोर्टल है। इस पर इंटरनेट के माध्यम से वीडियो साझा किए जा सकते हैं। पोर्टल सरकार के लिए उपयोगी चैनल के रूप में कार्य करता है जो नागरिकों तथा सरकारी विभागों को सरकार के बारे में जानकारी साझा करने में सहायता प्रदान करता है।
सिंगल साइन ऑन एसएसओ-
राज्य में ई सेवाओं हेतु सभी विभागों में सिंगल साइन ऑन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अंतर्गत ई मित्र संचालकों, वरिष्ठ नागरिकों, निवेशकों तथा राज्य के नागरिकों को यह सुविधा मिल रही है।
अब तक विभिन्न क्षेत्रों में 70 लाख से अधिक एसएसओ आईडी बनाई गई है।
अब तक विभिन्न क्षेत्रों में 70 लाख से अधिक एसएसओ आईडी बनाई गई है।
राज ई वाल्ट-
पेपरलेस को बढ़ावा देने के लिए राज्य के नागरिकों को अपने डॉक्यूमेंट सुरक्षित रखने के लिए ई वाल्ट की सुविधा प्रदान की जा रही है। इन दस्तावेजों का ऑनलाइन फॉर्म भरते समय सीधे उपयोग किया जा सकता है।
मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट सेंटर-
सेंटर की स्थापना मोबाइल एप्लीकेशन के विकास क्रियान्वन तथा प्रबंधन हेतु किया गया है। अब तक सेंटर द्वारा विभिन्न विभागों की 22 एप्लीकेशन डाउनलोड की गई है तथा अन्य का कार्य चल रहा है।
डाटा एनालिटिक्स एवं बिग डाटा क्लस्टर-
बिग डाटा अंतर्गत विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की सूचनाओं के एकत्रण का कार्य किया जा रहा है। इस डेटा का विश्लेषण तथा ग्राफिकल प्रस्तुतीकरण के लिए उपयोग किया जा सकता है तथा भविष्य के लिए योजनाएं तैयार की जा सकती है। सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली की दक्षता बढ़ाने के लिए बिग डाटा तकनीक से लैस एनालिटिक सिस्टम का विकास किया गया।
Bahut Accha sir
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