विगत वर्षों में अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने उल्लेखनीय परिवर्तन किए हैं। इसमें विभिन्न देशों को आर्थिक संवृद्धि के लिए एक मंच प्रदान किया है।
ई-कॉमर्स का अर्थ तथा उत्पत्ति-
नेटवर्क का प्रयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक विधि से व्यापार को संचालित करना ई-कॉमर्स या ई वाणिज्य कहलाता है।
इसके अंतर्गत वाणिज्य की विभिन्न क्रियाओं तथा उत्पादन वितरण तथा क्रय विक्रय के अंतर्गत इंटरनेट तथा अन्य माध्यमों का प्रयोग किया जाता है।
70 के दशक के आरंभ में इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर के साथ इ कॉमर्स की शुरुआत हुई थी।प्रारंभ में ई-कॉमर्स कुछ बड़े निकायों तथा छोटे व्यापारियों तक ही सीमित था लेकिन इलेक्ट्रॉनिक आंकड़ा विनिमय प्रणाली की शुरुआत के साथ इसका प्रसार विनिर्माताओं तथा खुदरा व्यापारियों तक हुआ।
वर्तमान में ई कॉमर्स का तेजी से संपूर्ण विश्व में विस्तार हो रहा है।
ई-कॉमर्स के अंतर्गत इंट्रानेट, एक्सट्रानेट तथा विभिन्न कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है।
इंट्रानेट कॉमर्स-
इंटरनेट प्रणाली का प्रयोग किसी भी व्यापार में आंतरिक संचार प्रणाली के रूप में किया जाता है।
यह प्रणाली इंटरनेट आधारित प्रौद्योगिकी द्वारा सूचना का अधिकार प्रदान करती है।
इंट्रानेट प्रणाली निगम के अंदर कर्मचारियों को अपने उत्पाद बेचने अथवा सरकारी इकाइयों के बीच सेवाओं व वस्तुओं के व्यापार में सहयोग करती है।
इसके अतिरिक्त यह बाह्य व्यापार में भी सहायक होती है।
इंट्रानेट पुरातन कागजी सूचना वितरण प्रणाली को प्रतिस्थापित करती है जिसके फलस्वरुप कम लागत, सरल अभिगम्यता तथा अधिक दक्षता प्राप्त होती है।
इंट्रानेट पुरातन कागजी सूचना वितरण प्रणाली को प्रतिस्थापित करती है जिसके फलस्वरुप कम लागत, सरल अभिगम्यता तथा अधिक दक्षता प्राप्त होती है।
एक्सट्रानेट इ कॉमर्स-
यह भी एक प्रकार का नेटवर्क है जो विभिन्न व्यापार भागीदारों के इंट्रानेटों को आपस में जोड़ता है। यह एक्सटेंडेड इंट्रानेट का संक्षिप्त रूप है।
इसका मुख्य उद्देश्य संगठनों के बीच सहयोग स्थापित करना है।
एक्सट्रानेट में भी इंटरनेट की तरह इंटरनेट प्रोटोकॉल वेब ब्राउज़र, ईमेल आदि का उपयोग किया जाता है। इसका प्रयोग करके इंटरनेट पर सुरक्षित संचार संभव है।
ई-कॉमर्स के लाभ-
ई-कॉमर्स के उपयोग से वर्तमान समाज को, कम लागत, प्रौद्योगिकी का विश्वव्यापी स्वरूप, लाखों लोगों तक पहुंचने का अवसर, अनोन्य क्रियात्मक स्वरूप जैसे अनेक लाभ प्राप्त हुए हैं। इसने संगठन उपभोक्ता तथा समाज तीनों को निम्न प्रकार से लाभान्वित किया है-
संगठन को लाभ-
अपने विश्वव्यापी स्वरूप की वजह से संगठन को कम लागत में अधिक ग्राहक श्रेष्ठ आपूर्तिकर्ता तथा उपयुक्त भागीदार मिलते हैं।
यह कागज आधारित सूचना प्रणाली में होने वाली लागत को कम करता है।
यह दूरसंचार की लागत को भी कम करता है क्योंकि इंटरनेट अपेक्षाकृत सस्ती प्रणाली है।
यह छोटे व्यापारियों को भी बड़े स्तर पर प्रतिस्पर्धा का मौका देती है।
इसमें व्यक्ति अपने स्थानीय क्षेत्र से बाहर निकलकर कर भी उपभोक्ता खोज सकता है।
इससे कंपनियों को विदेशी बाजारों में पहुंचने का भी मौका मिलता है।
उपभोक्ता को लाभ-
उपभोक्ता के लिए बाजार में विक्रेताओं तथा उत्पादों के अधिक विकल्प होते हैं।
ग्राहक त्वरित रुप से विभिन्न विक्रेताओं के उत्पादन की तुलना कर सकते हैं।
इसमें उत्पादों तथा सेवाओं का शीघ्र वितरण सुनिश्चित हो पाता है।
ग्राहक हर एक चीज को कम लागत पर प्रतियोगी दर पर खरीद सकते हैं।
इसमें बाजार माहौल व्यापार केंद्रित होने की जगह उपभोक्ता केंद्रित हो जाता है।
उत्पाद के बारे में अधिक से अधिक सूचना तुरंत प्राप्त करना संभव हो पाता है।
समाज को लाभ-
व्यक्ति घर बैठकर कार्य करते हैं, जिससे विभिन्न लागतो यथा स्थान की व्यवस्था व परिवहन में कमी आती है।
अधिक से अधिक वस्तुओं को कम कीमत पर कम मुनाफे के साथ बेचा जाता है जिससे ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होती है।
कम धनी लोग भी वस्तुओं को खरीद पाने में सक्षम होते हैं।
कठिनाई से प्राप्त होने वाली सेवाओं तथा वस्तुओं को भी ग्राहक आसानी से खरीदते हैं।
वितरण की लागत में कमी आती है जबकि वितरण प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार होता है।
To be continued.....
Nice work
ReplyDeleteBut पीडीएफ का ऑप्शन नही आता कई बार ,कैसे नोट्स डाउनलोड करें?