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Monday, August 27, 2018

उत्प्रेरक एवं उनके प्रकार/catalyst and type of catalyst/Ras mains paper 2



उत्प्रेरक व उनके प्रकार (Catalyst)-

वह पदार्थ जो किसी भी रासायनिक अभिक्रिया की गति में परिवर्तन (कम या ज्यादा) कर देते हैं लेकिन स्वयं अपरिवर्तित रहते हैं, उत्प्रेरक के रूप में जाने जाते हैं।
इस तरह अभिक्रिया की गति में परिवर्तन की घटना को उत्प्रेरण का जाता है।


उत्प्रेरक के गुण-

अभिक्रिया के दौरान उत्प्रेरक  अभिक्रिया के वेग में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी होते हैं, इनकी स्वयं की रासायनिक संरचना तथा मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

उत्प्रेरक की अति सूक्ष्म मात्रा भी बड़ी मात्रा में परिवर्तन करने में सक्षम होती है ।

किसी भी अभिक्रिया के उत्प्रेरण के लिए एक विशेष उत्प्रेरक की आवश्यकता होती है।

उत्प्रेरक किसी भी अभिक्रिया को प्रारंभ करने में सक्षम नहीं होते हैं।

उत्क्रमणीय अभिक्रिया ों के मामले में यह अग्र तथा प्रतीप दोनों प्रकार की अभिक्रिया को समान रूप से प्रभावित करते हैं।

उत्प्रेरक पर ताप परिवर्तन का बहुत प्रभाव पड़ता है। यह किसी एक निश्चित तापक्रम पर ही क्रियाशील होते हैं।

उत्प्रेरक के प्रकार-

उत्प्रेरकों को भौतिक अवस्था के आधार पर तथा उनकी क्रिया के आधार पर विभाजित किया जाता है।

भौतिक अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक दो प्रकार के होते हैं-

समांगी उत्प्रेरक-

यदि किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वले अभिकारक, उत्प्रेरक तथा उत्पाद तीनों एक ही अवस्था में होते हैं तो ऐसे उत्प्रेरक को समांगी उत्प्रेरक कहा जाता है।


विषमांगी उत्प्रेरक-

ऐसी रासायनिक अभिक्रिया है जिनमें अभी कारक तथा उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था अलग-अलग होती है तब उत्प्रेरक को विषमांगी उत्प्रेरक कहा जाता है।


क्रिया के आधार पर उत्प्रेरक को सामान्यतः चार वर्गों में विभाजित किया जाता है-

  1. धनात्मक उत्प्रेरक- किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के वेग में वृद्धि करने वाले उत्प्रेरक, धनात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।
  2. ऋणात्मक उत्प्रेरक- किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के वेग को कम करने वाले या घटाने वाले उत्प्रेरक ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।

  3. स्वत: उत्प्रेरक- ऐसी अभिक्रिया जिस में बनने वाला उत्पाद ही अभिक्रिया की गति को कम अथवा तेज करें अथवा परिवर्तित करें तो ऐसे उत्पाद को स्वत: उत्प्रेरक तथा इस क्रिया को स्वत: उत्प्रेरण कहा जाता है।
  4. जैव उत्प्रेरक- प्राणियों के शरीर में होने वाली विभिन्न जैव रासायनिक क्रियाओं की गति में परिवर्तन करने वाले विभिन्न पदार्थों को जैव उत्प्रेरक कहा जाता है। हमारे शरीर में पाए जाने वाले एंजाइम जैव उत्प्रेरक के ही उदाहरण हैं।
          एंजाइम विशिष्ट प्रकार के कार्बनिक योगिक होते हैं जो अलग-अलग अभिक्रियाओं की गति में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी होते हैं।


रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेने वाले विभिन्न उत्प्रेरकों की गतिशीलता को कम अथवा ज्यादा करने के लिए भी कुछ पदार्थों का उपयोग किया जाता है इन्हें उत्प्रेरक वर्धक अथवा उत्प्रेरक विष कहा जाता है।

उत्प्रेरक वर्धक-

वे सभी पदार्थ जिन्हें अभिक्रिया में मिलाने पर उसमें उपस्थित उत्प्रेरक की क्रियाशीलता में वृद्धि हो जाती है तथा अभिक्रिया की दर में परिवर्तन होता है, ऐसे पदार्थों को उत्प्रेरक वर्धक कहा जाता है।


उत्प्रेरक विष

वह पदार्थ जो अभिक्रिया में मिलाने पर उसमें उपस्थित उत्प्रेरक को कम क्रियाशील कर देते हैं और प्रेरक विष के रूप में जाने जाते हैं।


6 comments:

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  2. sir chaynatmk utprerak kya hai bord 2019 me aaya hai

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  4. नाइस सर जी 👌👌👌

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  5. mughe utprerak vish ke bare janana tha ab maine defenation ko read kiya aur mughe acchi jankari milee thanks to ras

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