कार्बन परमाणु आवर्त सारणी में पाया जाने वाला नंबर 6 क्रमांक का एक अद्भुत तत्व है।
छोटे आकार की वजह से यह द्विबंध तथा त्रिबंध का निर्माण कर के अनेक यौगिकों का निर्माण करता है।
कार्बन के यौगिक की संख्या अन्य सभी तत्वों द्वारा बनाए गए यौगिकों की संख्या से कई गुना ज्यादा है।
कार्बन परमाणु की प्रमुख विशेषताएं-
यह आवर्त सारणी में छठे नंबर पर स्थित है।
इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s२, 2s२,2p२ है।
कार्बन की संयोजकता चार होती है।
अपनी संयोजकता पूरी करने के लिए यह निम्न तरीके से संयोग करता है-
अपनी संयोजकता पूरी करने के लिए यह निम्न तरीके से संयोग करता है-
4 एकल संयोजी परमाणु से-
दो एकल संयोजी तथा 1 द्विसंयोजी परमाणु से
एक एकल संयोजी तथा एक त्रिसंयोजी परमाणु से
दो द्विसंयोजी परमाणु से-
दो एकल संयोजी तथा 1 द्विसंयोजी परमाणु से
एक एकल संयोजी तथा एक त्रिसंयोजी परमाणु से
दो द्विसंयोजी परमाणु से-
कार्बन की ज्यामिति सम चतुष्फलकीय होती है जिसमें चारों संयोजकताए चतुष्फलक के चारों कोनों पर स्थित होती है। कार्बन इस समचतुष्फलक के केंद्र पर होता है।
कार्बन के दो बंधो के मध्य कोण 109°28' होता है
कार्बन के दो बंधो के मध्य कोण 109°28' होता है
कार्बन परमाणु में श्रृंखलन की प्रवृत्ति पाई जाती है। इस में कार्बन कार्बन आपस में जुड़ कर शाखित, अशाखित तथा चक्रीय आकृतियां बनाते हैं।
अशाखित श्रृंखला ब्यूटेन
शाखित श्रृंखला - आइसोब्यूटेंन
ऐलिफेटिक चक्रीय योगिक- सायकलोब्यूटेन
कार्बन परमाणु आपस मे जुड़कर एकल द्विबन्ध तथा त्रिबंध बना सकता है।
कार्बन की विद्युत ऋणता हाइड्रोजन परमाणु के लगभग समान होती है अतः यह हाइड्रोजन के साथ इलेक्ट्रान साझा करके सहसंयोजक बंध का निर्माण करता है।
इस टॉपिक पर विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए वीडियो देखिए
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