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Thursday, July 5, 2018

राजस्थान आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 भाग 14/economic review of rajasthan part 14

राजस्थान आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 भाग 14/economic review of rajasthan part 14

शिक्षा

राष्ट्र एवं लोगों के कल्याण में शिक्षा का अत्यधिक योगदान होता है। राजस्थान को विरासत में एक कमजोर शिक्षा व्यवस्था मिली थी जिसमें काफी कुछ सुधार करने का प्रयास विभिन्न सरकारों द्वारा किया गया है।

प्रारंभिक शिक्षा

वर्तमान में राज्य में प्रारंभिक शिक्षा की स्थिति निम्न प्रकार है-

राजकीय प्राथमिक विद्यालय -35664
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय -20744
प्राथमिक कक्षाओं वाले राजकीय माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय -13983

वर्तमान में उपयोग सभी विद्यालयों में कुल 62.89 लाख विद्यार्थी नामांकित है।



सर्व शिक्षा अभियान

यह 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र द्वारा प्रवर्तित एक योजना है।

इसके अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन में जन सहभागिता से सामाजिक क्षेत्रीय एवं लिंग अंतराल कम करने संबंधित गतिविधियों को भी शामिल किया गया है।

राज्य में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009

राज्य में इस अधिनियम को 1 अप्रैल 2010 से लागू किया गया है। इसके अंतर्गत उठाए गए विभिन्न कदम निम्न प्रकार से हैं-

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन।

राज्य शैक्षिक प्राधिकरण के रूप में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर में कार्यरत हैं।

राज्य शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक 15 सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया गया है।

सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यालय प्रबंध समिति का गठन/पुनर्गठन

निजी विद्यालयों में 25% सीटें कमजोर वर्ग के बालक बालिकाओं के लिए आरक्षित की गई है। इसकी निगरानी एवं समय पर पुनर्भरण के लिए एक वेबपोर्टल rte.raj.nic.in शुरू किया गया है।

बालिका शिक्षा हेतु उठाए गए कदम-

200 कस्तूरबा बालिका विद्यालय की स्थापना जिसमें वर्तमान में 19984 छात्राएं अध्ययन कर रही हैं। इन विद्यालयों में कभी नामांकित नहीं होने वाली अथवा बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाली बालिकाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।

मेवात क्षेत्र में छात्राओं के उन्नयन के लिए 9 मेवात बालिका आवासीय विद्यालयों की स्थापना की गई है।

मीना मंच

इसके अंतर्गत 19106 उच्च प्राथमिक विद्यालयों की कक्षा 4-8 में अध्ययनरत छात्राओं को शामिल किया गया है। इसमें सामाजिक मुद्दों यथा बाल विवाह दहेज प्रथा आदि के संबंध में अभिभावकों में जागरूकता लाई जाती है तथा उन्हें बालिकाओं को विद्यालय भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत नवाचार-

सक्षम- बालिकाओं हेतु आत्मरक्षा प्रशिक्षण
जागृति -बालिका शिक्षा में जागृति हेतु।

आदर्श विद्यालय योजना

इसके अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर एक माध्यमिक अथवा उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उत्कृष्ट विद्यालय योजना-

प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक प्राथमिक अथवा उच्च प्राथमिक विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है।

साक्षरता एवं सतत शिक्षा-

साक्षरता मिशन की शुरुआत 1988 में की गई थी।

साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशालय 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षर व्यक्तियों को साक्षरता प्रदान करने पर कार्य करता है।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान -

यह एक केन्द्र प्रवर्तित योजना है।

उद्देश्य - माध्यमिक शिक्षा का सार्वभौमिकरण, ज्ञान आधारित समाज का विकास ।

लक्ष्य-वर्ष 2017 तक माध्यमिक शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुँच ,2020 तक पूर्ण रूप से विद्यार्थियो का शत प्रतिशत ठहराव।

राज ई ज्ञान पोर्टल -

कक्षा 1 से 12 की अध्ययन सामग्री का डिजिटलीकरण
अध्ययन सामग्री का पीडीएफ, वीडियो तथा एचटीएमएल फार्मेट में अपलोड।

मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना -

शैक्षिक सत्र 2016- 17 से प्रारम्भ

राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत् RBSE की सैकण्डरी परीक्षा में प्रत्येक जिले में प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली 2 मेधावी छात्राओं तथा जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली व बीपीएल परिवार की एक बालिका (न्यूनतम 75% अंक) छात्रवृति के लिए पात्र है।

परिलाभ - कक्षा 11 तथा 12 में पाठ्यपुस्तको, स्टेशनरी, गणवेश इत्यादि के लिए ₹ 15000 वार्षिक एकमुश्त तथा स्नातक व स्नातकोत्तर में अध्ययन हेतु ₹ 25000 एकमुश्त सहायता दी जा रही है।

कक्षा 11 तथा 12 में कोचिंग तथा आवास हेतु अधिकतम रूपये 1 लाख तथा स्नातक व स्नातकोत्तर में अधिकतम रूपये 2 लाख का पुनर्भरण किया जाता है।

शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े 134 खण्डों में CBSE से सम्बद्ध अंग्रेजी माध्यम के  स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल विद्यालयों की स्थापना की गई है। लगभग 44000 छात्र इन विद्यालयों में नामांकित है।

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