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Tuesday, June 12, 2018

राज्य महिला आयोग/Rajasthan women Commission

आजादी के पश्चात से ही भारत महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करता रहा है संविधान में भी महिलाओं को समानता, आरक्षण तथा समान वेतन जैसे मुद्दों पर संरक्षण प्रदान किया गया है।

बीते वर्षों में ऐसी अनेक योजनाओं का निर्माण किया गया है जिनमें महिलाओं को प्रमुखता दी गई है वर्तमान में बजट के कई महत्वपूर्ण हिस्से महिला केंद्रित होते हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने भी 1975 को महिला वर्ष तथा 1976 से 1985 के दशक को महिला दशक के रूप में घोषित किया था।

महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संधि भी पारित की गई है जिससे (महिला भेदभाव के उन्मूलन हेतु अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 1979) के नाम से जाना जाता है। भारत द्वारा इस संधि पर 1993 में हस्ताक्षर किए गए थे।

समय के साथ-साथ महिलाओं की सशक्तिकरण के क्षेत्र में धीमी गति से होते हुए कार्य तथा बढ़ते अपराधों को देखकर भारत सरकार द्वारा भी राष्ट्रीय महिला नीति 1996 जारी की गई। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय महिला आयोग तथा राज्यों के लिए राज्य महिला आयोग हेतु अधिनियम पारित किया गया।


राजस्थान में प्रारंभ से ही महिलाओं की स्थिति दयनीय रही है जिसका प्रमुख कारण क्षेत्र में व्याप्त अशिक्षा रीति रिवाज तथा सामाजिक बंधन रहे हैं। इसी को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा 1999 में राजस्थान राज्य महिला आयोग अधिनियम पारित किया गया।

इसी अधिनियम की धारा 3 के आधार पर राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर 15 मई 1999 को राजस्थान राज्य महिला आयोग का गठन किया गया। राज्य में महिला दिवस के मौके पर 8 मार्च 2000 को राज्य महिला नीति भी घोषित की गई।

आयोग के अध्यक्ष व सदस्य-

आयोग में एक अध्यक्ष तथा चार अन्य सदस्य होंगे जिनमें सदस्य सचिव भी सम्मिलित है।

आयोग के अध्यक्ष एक प्रसिद्ध महिला होनी चाहिए जिससे महिलाओं से संबंधित मामलों का अनुभव रहा हो।

आयोग के सदस्यों में से एक महिला अनुसूचित जाति अथवा जनजाति तथा एक अन्य सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग से होना आवश्यक है।

सदस्य सचिव की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है जो कि  राजस्थान प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है।

सदस्यों का कार्यकाल

आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष निर्धारित किया गया है, हालांकि सदस्य तथा अध्यक्ष चाहे तो समय पूर्व भी लिखित में त्याग पत्र दे सकते हैं।

आयोग की बैठकों की गणपूर्ति के लिए अध्यक्ष सहित कम से कम तीन सदस्यों का होना आवश्यक है।

आयोग के उद्देश्य

राजस्थान राज्य भर में पीड़ित महिलाओं की शिकायतों का निवारण
राज्य भर में महिलाओं के हितों की रक्षा
महिलाओं से संबंधित प्रचलित कानूनों की समीक्षा और महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से सरकार से संशोधन का अनुरोध करना
उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश
महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर राजस्थान सरकार को सलाह

आयोग के कार्य

अधिनियम की धारा 11 के अनुसार आयोग के निम्न कार्य हैं-
सरकार से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अनुचित कृत्यों की जांच व कार्रवाई के लिए अनुरोध करना।
मौजूदा कानून को प्रभावशाली बनाने के लिए कदम उठाना।
मौजूदा कानूनों की समीक्षा करना तथा संशोधन की सिफारिश करना।
राज्य की सरकारी सेवाओं तथा उद्यमों में होने वाले महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को रोकना।
महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए सरकार से सिफारिश करना।
महिलाओं के हितों के विरुद्ध कृत्य करने वाले लोक सेवकों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु सरकार से अपील करना।
सरकार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश करना।

आयोग की शक्तियां

आयोग को एक दीवानी न्यायालय की शक्तियां प्राप्त हैं जिनके अंतर्गत-
किसी भी गवाह को आयोग के समक्ष हाजिर होने के लिए समन जारी करना।
किसी भी दस्तावेज की खोज तथा उसकी उपस्थिति।
हलफनामों पर साक्ष्य प्राप्त करना।
किसी भी कार्यालय से सार्वजनिक रिकॉर्ड की प्रतिलिपि मंगवाना।

वर्तमान आयोग (अक्तूबर 2015 से अक्तूबर 2018)

अध्यक्ष-श्रीमती सुमन शर्मा
सदस्य- डॉ. रीटा भार्गव
सदस्य-श्रीमती सुषमा कुमावत
सदस्य-श्रीमती अरुणा मीणा
अधिकारी-सदस्य सचिव श्रीमती अमृता चौधरी

आयोग की पूर्व अध्यक्ष तथा कार्यकाल

श्रीमती सुमन शर्मा 20-10-2015 से 19-10-2018
प्रो लाड कुमारी जैन24-11-2011 से 23-11-2014
डॉ सरिता सिंहकार्यवाहक 24-03-2011 से 23-11-2011
श्रीमती मीरा महर्षिकार्यवाहक17-10-2009 से 18-08-2010
श्रीमती तारा भंडारी 15-04-2006 से 14-04-2009
प्रो पवन सुराना28-01-2003 से 27-01-2006
श्रीमती कांता कथूरिया25-05-1999 से 24-05-2002

वर्तमान में आयोग द्वारा की गई प्रमुख पहलें

महिला पंचायतों का गठन

महिला आयोग ने मार्च 2016 के अपने निर्णय के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर महिला पंचायत के गठन का प्रावधान किया है। इसकी कार्यवाही वर्तमान में राज्य सरकार के पास प्रक्रियाधीन है।

पिंक बेल्ट मिशन

अप्रैल 2018 में पूरे राज्य में शुरू किए गए इस मिशन के अंतर्गत राज्य की कॉलेज की छात्राओं कोइसके अंतर्गत राज्य की कॉलेज की छात्राओं को पिंक बेल्ट क्लब से जोड़ कर शारीरिक मानसिक तथा विधिक रुप से सशक्त बनाना है। इसके लिए प्रत्येक कॉलेज की चुनी गई छात्राओं को आत्मरक्षा हेतु शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

नारी सम्मान समारोह

मार्च 18 में आयोजित इस सम्मान समारोह में चिकित्सा, खेल, समाज सेवा, तथा महिला उत्थान के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाली 24 महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।

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