राजस्थान आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 भाग 9/ उद्योग क्षेत्र/economic review of rajasthan part 9
राज्य में औद्योगिक विकास, हस्तकलाका विकास, मार्गदर्शन, सहायता, तथा सुविधाएँ उपलब्ध कराने का कार्य उद्योग आयुक्तालय का है।
वर्तमान में राज्य में 36 जिला उद्योग केन्द्र तथा 8 उपकेन्द्र कार्यरत है।
उद्योग आधार मेमोरण्डम
इसे उद्योग आधार ज्ञापन अधिसूचना अधिनियम 2015 द्वारा 18 सितम्बर 2015 से लागू किया गया है। इसके अन्तर्गत सभी सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उपक्रमों का आनलाइन पंजीयन किया जा रहा है।
दिसम्बर 2017 तक UAM पोर्टल पर कुल 75365 इकाईयों का पंजीयन किया जा चुका है।
निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर)-
कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार -
ऐसी कम्पनी जिनका वार्षिक आधार पर-
a. नेटवर्थ ₹ 500 करोड या उससे अधिक हो। या
b. टर्नओवर ₹1000 करोड या उससे अधिक हो। या
c. शुद्ध लाभ ₹5 करोड या उससे अधिक हो।
तो उस कम्पनी को प्रत्येक वित्त वर्ष के दौरान अपने पिछले तीन वित्तीय वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का 2% विभिन्न सामाजिक कार्यो पर खर्च करना पड़ता है।
इसके प्रबन्धन हेतु राज्य सरकार द्वारा एक सी. एस. आर. पोर्टल का निर्माण किया गया है।
राजस्थान सीएसआर समिट -2017
07.03.2017 को जयपुर में इसका आयोजन किया गया था।
इसमें 14 कारपोरेट घरानों तथा 3 क्रियान्वयन एजेन्सियों को सीएसआर अवार्ड दिए गये है।
इसमें 14 कारपोरेट घरानों तथा 3 क्रियान्वयन एजेन्सियों को सीएसआर अवार्ड दिए गये है।
दिसम्बर 2017 तक कुल 766.60 करोड रूपये की धनराशि सीएसआर के तहत खर्च की गई है।
ग्रामीण गैर कृषि विकास अधिकरण (रुडा)
राजस्थान में इसकी स्थापना नवम्बर 1995 में की गई थी।
यह एक स्वतन्त्र अभिकरण है जिसका उद्देश्य ग्रामीण गैर कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
यह एक स्वतन्त्र अभिकरण है जिसका उद्देश्य ग्रामीण गैर कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
यह मुख्यतः दस्तकारों, मूर्तिकारों, कुभकारों, बुनकरों आदि को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए उपक्षेत्रीय, एकीकृत तथा क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाता है।
इसके लिए यह ऊन, चर्म तथा लघु खनिज उपक्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देता है।
इसकी कार्यशैली बाजार आधारित मांग के अनुरूप हस्तशिल्प उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन पर आधारित है।
यह विभिन्न राज्य तथा राष्ट्रीय मेलों में दस्तकारों की उपस्थिति को सुनिश्चित करता है।
रुडा विभिन्न क्षेत्रीय उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) के लिए भी प्रयासरत है।
इसके द्वारा ब्ल्यू पाटरी, कोटाडोरिया वस्त्रों तथा सांगानेर व बगरू हैण्ड ब्लाक प्रिण्टिंग के लिए जीआई पंजीकरण शुरू किया जा चुका है।
निवेश संवर्धन ब्यूरो (बी आई पी)
ब्यूरो का कार्य राज्य में निवेश को प्रोत्साहन देना है। जयपुर में अगस्त 2017 में आयोजित फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन के दौरान बीआईपी द्वारा एक इंफॉर्मेशन डेस्क लगाई गई थी जिसका उद्देश्य निवेशकों से सवाद स्थापित करना राजस्थान को एक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना था।
सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम
उद्योगों की स्थापना के लिए जरुरी अनुमोदन के शीघ्र निस्तारण के उद्देश्य से सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा नई सिंगल विंडो प्रणाली की 1 जून 2016 से शुरुआत की गई है।
इसमें राज्य के सभी आवेदकों को सिंगल साइन अप SSO की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शुरुआत में 11 विभागों की 56 शिवा के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई गई थी जिसे बिजनेस रिफॉर्म सेक्शन प्लान-2017 के आधार पर बढ़ाकर 15 विभागों की 87 सेवाओं तक विस्तारित कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त निवेशकों की शिकायतों के 45 दिन के भीतर निवारण के लिए निवेशक शिकायत सेल का भी गठन किया गया है।
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