राजस्थान आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 भाग 11/उद्योग क्षेत्र/economic review of rajasthan part 11
कारखाना एवं बॉयलर्स
कारखाना एवं बायलर्स विभाग निन्नलिखित अधिनियमों के प्रावधानों को लागू करवाता है-
कारखाना अधिनियम 1948
बॉयलर अधिनियम 1923
वेतन भुगतान अधिनियम 1936
भवन एवं अन्य संनिर्माण अधिनियम 1996
बॉयलर अधिनियम 1923
वेतन भुगतान अधिनियम 1936
भवन एवं अन्य संनिर्माण अधिनियम 1996
इस विभाग के कार्यों में नए कारखानों व बायलर्स का पंजीकरण करना, समय समय पर इनका निरीक्षण करना, अधिनियमों के प्रावधानों की अनुपालना करवाना, कार्यस्थलों पर स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करना, औद्योगिक दुर्घटनाओं की रोकथाम जागरुकता पैदा करना तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना आदि शामिल हैं।
विभाग द्वारा स्वास्थ्य जनित बिमारियों की रोकथाम
हेतू एक औद्योगिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला स्थापित की गई है।
उद्यमियों को प्रावधानों की जानकारी देने हेतु एक वेबसाइट भी तैयार की गई है।
हेतू एक औद्योगिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला स्थापित की गई है।
उद्यमियों को प्रावधानों की जानकारी देने हेतु एक वेबसाइट भी तैयार की गई है।
खान एवं खनिज
खनिज उपलब्धता के मामले मे राजस्थान एक समृद्ध राज्य है। यहा 81 प्रकार के खनिज पाए जाते है जिनमें से 57 का वर्तमान में खनन हो रहा हैं।
राजस्थान जिंक लेड सेलेनाइट तथा वोलेस्टोनाइट का एकमात्र उत्पादक राज्य है।
राजस्थान में चांदी, केल्साइट तथा जिप्सम का लगभग सम्पूर्ण उत्पादन होता है।
राजस्थान बॉलक्ले, फास्फोराइट, ओकर, स्टीएटाईट, फेलस्पार तथा फायर क्ले का देश में प्रमुख उत्पादक है।
खान एवं भूविज्ञान निदेशालय प्रमुख कार्य
सघन खनिज सर्वेक्षण एवं पूर्वेक्षण के द्वारा खनिजों की खोज एव आकलन करना I
खनिजो के उचित परिवहन हेतु सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा क्षेत्र में सडक निर्माण कार्य करवाना।
खनिज रियायते देना,
राजस्व की वसूली करना,
पर्यावरण संरक्षण,
पट्टाधारियों का नियमित निरीक्षण एवं
उचित मार्गदर्शन द्वारा खनिजों का संरक्षण आदि कार्य भी किए जाते है।
राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड -
यह राज्य का सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख उपक्रम है।
यह मुख्य रूप से राज्य में खनिजों के विपणन कार्य में संलग्न है।
कम्पनी का उद्देश्य लागत प्रभावी तकनीकों का प्रयोग कर खनिज सम्पदा का समुचित दोहन करना है।
आयल एवं गैस-
राज्य में तेल एवं प्राकृतिक गैस के दोहन तथा विकास के लिए पेट्रोलियम निदेशालय की स्थापना की गई है।
राज्य में ड्रिलिंग का कार्य केयर्न एनर्जी, फोकस एनर्जी तथा आयल इण्डिया लि. द्वारा किया जाता है।
राज्य में खनिज तेल भारी तेल एवं प्राकृतिक गैस के दोहन हेतु 12 पेट्रोलियम खनन पट्टे स्वीकृत किए गए हैं। वर्तमान में मंगला भाग्यम ऐश्वर्या सरस्वती रागेश्वरी कामेश्वरी आदि क्षेत्रों से लगभग 160000 से 165000 बैरल कच्चे तेल का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है।
प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में जैसलमेर बेसिन, बाड़मेर -सांचौर बेसिन, बाड़मेर में रागेश्वरी डीपक्षेत्र आदि प्रमुख है।
उत्पादित गैस को वर्तमान में कृभकों तथा रामगढ़ विद्युत संयत्र को सप्लाई किया जा रहा है।
श्रम
श्रमिकों के हितों की रक्षा करने, उचित वेतन तथा भत्ते निश्चित करने तथा सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाए रखने का कार्य श्रम विभाग का है।
राज्य सरकार द्वारा हाल ही जारी अधिसूचना के अनुसार 1 जनवरी 2018 से न्यूनतम वेतन अकुशल, अर्धकुशल, कुशल तथा उच्च कुशल श्रेणी के लिए क्रमशः 213, 223, 233 तथा ₹283 कर दिया गया है।
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के अधिकारों को पूर्ण रुप से लागू करने तथा उनमें जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य के 24 जिलों में सुविधा एवं सूचना केंद्र खोले गए हैं।
श्रमिकों तथा नियोजकों का पंजीयन श्रमिक संघ अधिनियम 1926 के अंतर्गत किया जाता है।
Sir barmer refinery hpcl n state share 74:26
ReplyDeleteAnd u say in in yr video 76:24. Plz correct
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ReplyDeleteAnd u say in in yr video 76:24. Plz correct