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Thursday, June 14, 2018

राजस्थान आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 भाग 10/उद्योग क्षेत्र/economic review of rajasthan part 10

राजस्थान आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 भाग 10/उद्योग क्षेत्र/economic review of rajasthan part 10

राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं विनियोजन निगम लिमिटेड (रीको)

यह राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने वाली शीर्ष संस्था है। इसका प्रमुख उद्देश्य औद्योगिक आधारभूत सुविधाओं का विकास तथा वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

एग्रो फूड पार्क

रीको द्वारा चार फूड पार्क क्रमशः बोरानाडा(जोधपुर), अलवर, कोटा तथा श्रीगंगानगर में विकसित किये जा चुके हैं।



जापानी पार्क-

जापानी संस्था जापानी एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जेट्रो) के साथ मिलकर रीको ने अलवर के नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र में जापानी इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है जिसके लिए जमीन आवंटित कर दी गई है।
एक अन्य जापानी जोन 500 एकड़ के क्षेत्र में अलवर के घिलोट औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित किया गया है

निगम की अभिनव योजनाएं

रीको द्वारा सीतापुरा, जयपुर में विशेष आर्थिक क्षेत्र सेज  के दो जोन स्थापित की गए हैं जो जेम्स एंड ज्वैलरी के निर्यात से संबंधित हैं।

इसी तरह महिंद्रा ग्रुप में रीको के साथ मिलकर महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर में भी एक सेज की स्थापना की है।

अलवर के सलारपुर क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण में निवेश आकर्षित करने हेतु 50 एकड़ क्षेत्र में भारत इलेक्ट्रॉनिक उद्योग संघ के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का विकास किया जा रहा है।

सिरेमिक तथा ग्लास उद्योग के लिए कच्चे माल की उपलब्धता को देखते हुए रीको द्वारा अलवर के घिलोट क्षेत्र में ग्लास एवं सिरेमिक हब तथा अजमेर जिले के सथाना में औद्योगिक क्षेत्र हेतू भूमि का आवंटन किया गया है।

रीको द्वारा निजी सहभागिता की आधार पर व्यापार तथा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में जयपुर एग्जीबिशन कम कंवेंशन सेंटर का विकास किया गया है।

राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड (राजसीको)

लघु औद्योगिक इकाईयों एवं हस्तशिल्पियों को सहायता, प्रोत्साहन देने तथा इनके उत्पादों को विपणन संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए जून 1961 में राजसीको की स्थापना की गई। 

यह एक व्यावसायिक संस्थान के रुप में अपने लाभ में वृद्धि के लिए समय के साथ उत्पादों में परिवर्तन, नई तकनीक का सम्मिश्रण मांग के अनुसार उत्पादों का निर्माण आदि गतिविधियों के साथ कल्याणकारी संस्थान के रूप में हस्तशिल्पियों को लाभ प्रदान करने वाली योजनाओं का क्रियान्वयन भी करता है।

निगम अप्रत्यक्ष रुप से 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाता है।

निगम राजस्थान के आयातकों तथा निर्यातकों को शुष्क बंदरगाह यथा जयपुर,जोधपुर, भिवाड़ी तथा भीलवाड़ा के माध्यम से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराता है।

इसी तरह हवाई मार्ग से आयात निर्यात की सुविधा सांगानेर एयरपोर्ट स्थित कार्गो complex के माध्यम से दी जा रही है।

हस्तशिल्पियों के प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार की तरह राष्ट्र पुरस्कार की तर्ज पर 1983 से निगम राज्य स्तर पर हस्तशिल्पियों को पुरस्कृत करता आ रहा है।
  राज्य स्तरीय पुरस्कार के अंतर्गत ₹25000 नगद तथा दक्षता प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले हस्तशिल्पी को ₹5000 नगद की सहायता दी जाती है।

राजसी को द्वारा प्रतिवर्ष दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भी भाग लिया जाता है।

राजस्थान वित्त निगम (आरएफसी)

इसकी स्थापना राजस्थान वित्तीय निगम अधिनियम 1951 के अंतर्गत वर्ष 1955 में की गई थी। निगम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य नवीन उद्योगों की स्थापना तथा वर्तमान उद्योगों के विस्तारीकरण के लिए 20 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। इस हेतु वित्त निगम द्वारा वर्तमान में कई प्रकार की ऋण योजनाएं भी उद्यमियों को उपलब्ध कराई जा रही है।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

यह सूचकांक आधार वर्ष की तुलना में अर्थव्यवस्था में सामान्य स्तर पर होने वाली औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि अथवा कमी को प्रदर्शित करता है। यह मासिक आधार पर संकलित किया जाता है। वर्तमान सूचकांक का आधार वर्ष 2011-12 है जो कि 154 वस्तुओं/उत्पाद समूहों पर आधारित है।

खादी एवं ग्रामोद्योग

खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड की ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार उपलब्ध कराने में अति महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसकी स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में असंगठित क्षेत्र में दस्तकारों को रोजगार प्रदान कर उठ गुणवत्ता युक्त उत्पादों के निर्माण, प्रशिक्षण दिलाने तथा लोगों में स्वदेशी के प्रति भावना जागृत करने के लिए की गई थी।

बोर्ड अपने पुष्कर (अजमेर), सांगानेर (जयपुर) तथा माउंट आबू (सिरोही) के प्रशिक्षण केंद्रों से ग्रामीण तथा शहरी युवाओं को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहा है।

बोर्ड की प्रमुख योजनाएं-

ढाका बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय फैशन डिजाइनर सुश्री बीबी रसैल को बोर्ड की ओर फैसिलेटर कम कंसलटेंट के रूप में नियुक्त किया गया है।

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