सहयोगी तथा प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग ने एक बार फिर समग्र जल प्रबंधन सूचकांक रिपोर्ट को प्रकाशित किया है।
यह रिपोर्ट राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन हेतु प्रदर्शन के आकलन व उसमें सुधार का एक साधन है।
इस विषय पर एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।
नीति आयोग द्वारा तैयार इस सूचकांक में कुल 28 संकेतको के साथ नौ विस्तृत क्षेत्र हैं जिसमें सिंचाई, खेती के तरीके, पेयजल, जल निकायों की पुनर्स्थापना आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट की कुछ महत्वपूर्ण बातें
इस समय भारत के साठ करोड़ लोग गंभीर पानी की समस्या से जूझ रहे हैं तथा प्रतिवर्ष 2 लाख लोगों की मृत्यु सुरक्षित पानी ना मिलने की वजह से होती है।
2030 तक देश में पानी की उपलब्धता जरूरत की आधी रह जाएगी और यह जीडीपी में 6% की कमी के लिए उत्तरदायी होगा।
रिपोर्ट के अंतर्गत 2 सालों के लिए आंकड़े इकट्ठे किए गए हैं जिसमें आधार वर्ष 2015-16 तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 शामिल है।
जल संसाधनों के प्रबंधन पर राज्य स्तरीय प्रदर्शन
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