राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा जयपुर से 3 योजनाओं का शुभारंभ
राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम द्वारा SC ST ओबीसी दिव्यांग तथा सफाई कर्मियों को स्वरोजगार के लिए 1980-81 के बाद दिए गए ₹200000 तक के ऋण व उसके ब्याज की माफी।
भैरों सिंह शेखावत अंत्योदय स्वरोजगार योजना के अंतर्गत SC ST तथा ओबीसी वह अति पिछड़ा वर्ग की 50000 परिवारों को ₹50000 तक की राशि 4% ब्याज की दर पर आजीविका के साधन के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।
आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य श्रेणी के परिवारों को आजीविका साधन के लिए सुंदर सिंह भंडारी EBC योजना के अंतर्गत ₹50000 की राशि 4% ब्याज दर पर 50000 परिवारों को उपलब्ध कराई जाएगी।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों के लिए आईआईटी आईआईएम मेडिकल तथा अन्य राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश हेतु मुख्यमंत्री निशुल्क कोचिंग योजना शुरू की गई है। इसी वर्ग के लोगों को उद्योगों में रोजगार के लिए ऋण की सीमा 500000 से बढ़ाकर 10 लाख की गई तथा सब्सिडी की दर को 4% से बढ़ाकर 8% किया।
राजस्थान में कौशल विश्वविद्यालय
राजस्थान भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने 2015 में एक साथ दो कौशल विश्वविद्यालय निजी तथा सरकारी क्षेत्र में स्थापित किए हैं।
निजी क्षेत्र में जयपुर के महिंद्रा वर्ल्ड सिटी बगरू में भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी की स्थापना प्रवासी भारतीय डॉ राजेंद्र जोशी जी के ट्रस्ट द्वारा 30 एकड़ भूमि पर 200 करोड रुपए की लागत से की गई है जिसमे अनुभवी भारतीय तथा स्विस प्रशिक्षकों द्वारा विश्व प्रसिद्ध Swiss dual system of training के अंतर्गत छात्रों को कौशल विकास पढ़ाया जा रहा है।
राजकीय क्षेत्र में कौशल विकास विश्वविद्यालय राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय के नाम से आगरा रोड पर जयपुर के जामडोली गांव में स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप डेवलपमेंट संस्थान के परिसर में संचालित हो रहा है। डॉ ललित के पवार इसके वर्तमान कुलपति हैं। 2018 के नए शैक्षिक सत्र से लगभग 20 मान्यता प्राप्त संस्थानों में पूरे राज्य में 45 से अधिक कोर्सेज का संचालन किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर स्किलिंग इंडिया सम्मिट मैं लगातार तीन वर्षों 2014-15 2015-16, 2016-17 के दौरान सर्वश्रेष्ठ स्किल प्रदाता के रूप में राजस्थान को गोल्ड ट्रॉफी प्रदान की गई है।
स्किलिंग तथा ई गवर्नेंस के लिए राज्य को प्रथम बार स्कॉच platinum अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
राजस्थान 1943 आईटीआई (252 सरकारी 1691निजी) के नेटवर्क के साथ देश में दूसरे स्थान पर है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-
केंद्रीय स्तर पर केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अधीन इस योजना को राज्य स्तर पर राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है।
इसके अंतर्गत 65000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रशिक्षण के पश्चात 70% युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना भी इसमें शामिल है।
इस योजना के अंतर्गत दिया जाने वाला सभी प्रकार का प्रशिक्षण निशुल्क है।
योजना के अंतर्गत 123 कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जानी है जिनमें से 13 की स्थापना हो चुकी है।
इस योजना में 37 सेक्टर में 1600 अधिक कोर्स सम्मिलित किए गए हैं।
इसके अंतर्गत 65000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रशिक्षण के पश्चात 70% युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना भी इसमें शामिल है।
इस योजना के अंतर्गत दिया जाने वाला सभी प्रकार का प्रशिक्षण निशुल्क है।
योजना के अंतर्गत 123 कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जानी है जिनमें से 13 की स्थापना हो चुकी है।
इस योजना में 37 सेक्टर में 1600 अधिक कोर्स सम्मिलित किए गए हैं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना
यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को कौशल विकास एवं रोजगार उपलब्ध करवाने की एक महत्वकांक्षी योजना है।
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2014-15 से की गई है।
योजना के अंतर्गत 2016 से 2019 की अवधि में राजस्थान में एक लाख 15 हजार से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की आयु 15 से 35 वर्ष रखी गई है।
महिलाओं विशेष योग्यजन तथा विशेष वर्ग के लिए आयु सीमा 45 वर्ष है।
योजना की महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके अंतर्गत निशुल्क प्रशिक्षण, आवास, भोजन, पाठ्यक्रम पुस्तकें तथा परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
वर्तमान में योजना के अंतर्गत 44 कौशल विकास केंद्र चल रहे हैं।
अब तक कुल 37500 से अधिक युवाओं को इसके अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2014-15 से की गई है।
योजना के अंतर्गत 2016 से 2019 की अवधि में राजस्थान में एक लाख 15 हजार से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की आयु 15 से 35 वर्ष रखी गई है।
महिलाओं विशेष योग्यजन तथा विशेष वर्ग के लिए आयु सीमा 45 वर्ष है।
योजना की महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके अंतर्गत निशुल्क प्रशिक्षण, आवास, भोजन, पाठ्यक्रम पुस्तकें तथा परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
वर्तमान में योजना के अंतर्गत 44 कौशल विकास केंद्र चल रहे हैं।
अब तक कुल 37500 से अधिक युवाओं को इसके अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री कौशल अनुदान योजना के अंतर्गत उच्च प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए बैंक लोन पर सरकार द्वारा 4% का अनुदान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त महिलाओं, विशेष योग्यजन तथा कमजोर वर्गों के लिए 6% का अनुदान दिया जाता है।
2015 से ही 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रुप में मनाया जा रहा है।
आईटीईईएस, सिंगापुर के सहयोग से उदयपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर टूरिज्म एंड ट्रेनिंग की स्थापना की गई है जिसके अंतर्गत पर्यटन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ड्यूल सिस्टम ट्रेनिंग-
यह विधि स्विस जर्मन सिस्टम पर आधारित है जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण संस्थानों में पढ़ाई गई थ्योरी एवं उद्योगों में सिखाए गए प्रैक्टिकल का एक साथ प्रशिक्षण दिया जाता है।
भामाशाह रोजगार सृजन योजना-
योजना की शुरुआत वर्तमान सरकार द्वारा दिसंबर 2015 से की गई है।
योजना के अंतर्गत 50 वर्ष तक की आयु के राजस्थान के मूल निवासी ही आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन करने वाले व्यक्ति की वार्षिक आय ₹600000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत व्यापार तथा सेवा जैसे क्षेत्र के लिए अधिकतम 1000000 तथा विनिर्माण क्षेत्र के लिए 2500000 रुपए तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
भामाशाह रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत पहले सरकार द्वारा 4% ब्याज अनुदान दिया जाता था जिसे 17 सितंबर 2017 से बढ़ाकर 8% कर दिया गया है।
इसके अंतर्गत ऋण आवेदन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है।
योजना के अंतर्गत 50 वर्ष तक की आयु के राजस्थान के मूल निवासी ही आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन करने वाले व्यक्ति की वार्षिक आय ₹600000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत व्यापार तथा सेवा जैसे क्षेत्र के लिए अधिकतम 1000000 तथा विनिर्माण क्षेत्र के लिए 2500000 रुपए तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
भामाशाह रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत पहले सरकार द्वारा 4% ब्याज अनुदान दिया जाता था जिसे 17 सितंबर 2017 से बढ़ाकर 8% कर दिया गया है।
इसके अंतर्गत ऋण आवेदन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम-
योजना के अंतर्गत सेवा क्षेत्र के लिए अधिकतम 1000000 तथा विनिर्माण क्षेत्र के लिए 2500000 रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में सामान्य लाभार्थी को 15% तथा अनुसूचित जाति जनजाति महिला विकलांग पूर्व सैनिक अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक का सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को 25% मार्जिन मनी अनुदान देय है।
ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह सुविधा क्रमशः 25% तथा 35% पर है।
योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में सामान्य लाभार्थी को 15% तथा अनुसूचित जाति जनजाति महिला विकलांग पूर्व सैनिक अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक का सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को 25% मार्जिन मनी अनुदान देय है।
ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह सुविधा क्रमशः 25% तथा 35% पर है।
राजस्थान में जैतून की खेती व चाय का उत्पादन-
राजस्थान देश में जैतून की खेती करने वाला पहला राज्य होने के साथ-साथ जैतून की प्रोसेस ऑलिव टी का उत्पादन करने वाला विश्व का पहला राज्य बन गया है। वर्तमान में राजस्थान नेपाल के साथ-साथ देश के 11 राज्यों को जैतून के पौधों की आपूर्ति कर रहा है।
बीकानेर के लूणकरणसर में वर्ष 2014 में 5 मीट्रिक टन प्रति घंटा उत्पादन करने वाली देश की पहली जैतून की रिफाइनरी स्थापित की गई है।
जैतून के तेल का विक्रय करने हेतु राज्य सरकार द्वारा राज्य आलिव ब्रांड की स्थापना की गई है।
जैतून को 12 तरह के कैंसर के अलावा HIV के प्रति भी कारगर दवा माना गया है।
बीकानेर के लूणकरणसर में वर्ष 2014 में 5 मीट्रिक टन प्रति घंटा उत्पादन करने वाली देश की पहली जैतून की रिफाइनरी स्थापित की गई है।
जैतून के तेल का विक्रय करने हेतु राज्य सरकार द्वारा राज्य आलिव ब्रांड की स्थापना की गई है।
जैतून को 12 तरह के कैंसर के अलावा HIV के प्रति भी कारगर दवा माना गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में 18000000 रुपए की लागत से बनने वाले भगवान श्री परशुराम के पैनोरमा का शिलान्यास किया गया।
बांसवाड़ा में 26 अप्रैल को गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया।
प्रदेश में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कैंसर आउट अभियान की शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश भर में इस रोग के संभावित रोगियों की पहचान की जाएगी जिससे कि रोग की प्रारंभिक अवस्था में ही इलाज शुरू किया जा सके
राजस्थान को पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट स्टेटस ऑफ टूरिज्म डेवलपमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
घरेलू पर्यटकों के लिए सर्वश्रेष्ठ मार्केटिंग पहल करने के लिए राजस्थान के पर्यटन विभाग को बेस्ट मार्केटिंग इनिशिएटिव का डोमेस्टिक टूरिज्म अवार्ड प्रदान किया गया है।
नेशनल हेल्थ मिशन एनएचएम राजस्थान को 15 वें विश्व ग्रामीण स्वास्थ्य सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर हेल्थ केयर एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
साल 2016 के लिए के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला बिहारी पुरस्कार अबकी बार सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉक्टर सत्यनारायण को उनकी कृति यह एक दुनिया के लिए दिया गया है।
जाने-माने कुचामनी ख्याल के खिलाड़ी बंशीलाल को पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा शुरू किए गए प्रथम डॉक्टर कोमल कोठारी लोक कला पुरस्कार (लाइफटाइम अचीवमेंट) के द्वारा सम्मानित किया गया है। इन्हें 251000 रुपए की राशि के साथ सन्मानपत्र भी भेंट किया गया। मूलतः नागौर की कुचामनी ख्याल शैली खयाल विधा की प्रमुख शैलियों में से एक है।
मई माह की सुजस पत्रिका को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिए
dipr.rajasthan.gov.in/content/dipr/en/publication/sujas/Sujas2018.html
Nice sir
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