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Friday, May 11, 2018

संघ/राज्य लोक सेवा आयोग/union/state public service commission

संघ/राज्य लोक सेवा आयोग

संविधान के अनुछेद 315 से लेकर 323 में संघ लोक सेवा आयोग के साथ साथ राज्यों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान है अतः यह एक संवैधानिक निकाय है।

आयोग में एक अध्यक्ष तथा अन्य सदस्य हो सकते हैं। सदस्यों की संख्या निर्धारित करने का अधिकार राष्ट्रपति/राज्यपाल को दिया गया है। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति/राज्यपाल द्वारा होती है।

आयोग के आधे सदस्यों के लिए भारत/राज्य सरकार के अधीन काम करने का कम से कम 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

इनकी सेवा शर्तें राष्ट्रपति/राज्यपाल द्वारा निर्धारित की जाती है।

कार्यकाल

आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्य पद ग्रहण करने की तारीख से 6 वर्ष या 65 वर्ष उम्र (जो भी पहले हो) तक पद ग्रहण करता है। राज्य के मामले में यह 6 वर्ष या 62 वर्ष उम्र तक पद धारण करता है।

राष्ट्रपति द्वारा पद मुक्ति

अध्यक्ष तथा सदस्य स्वयं कार्यकाल से पहले अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति/राज्यपाल को दे सकते हैं। इसके बीच राष्ट्रपति  कदाचार या असमर्थता का दोषी पाए जाने पर इसे अपने पद से हटा सकता है। इस स्थिति में राष्ट्रपति के निर्देश पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई रिपोर्ट को आधार माना जाता है

इसकी अतिरिक्त निम्नलिखित कारणों पर भी इन्हें हटाया जा सकता है-

दिवालिया घोषित किया गया हो।
नैतिक अद्यमता के अपराध के लिए दोषी हो।
शारीरिक या मानसिक रुप से अक्षम हो।
किसी अन्य वैतनिक नियोजन में लगा हो।
अध्यक्ष की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति राज्यपाल द्वारा कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है।

आयोग के कार्य-

संघ/राज्य सेवाओं में नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का आयोजन करना।
नियुक्ति, पदोन्नति तथा स्थानांतरण के लिए सलाह देना।
सरकारी सेवकों के अनुशासनात्मक मामलों में सलाह देना।
सरकारी सेवा के दौरान किसी व्यक्ति को हुई क्षति के मामले में सलाह देना।
राष्ट्रपति/राजपाल द्वारा मांगने पर अन्य मामलों में सलाह देना।
प्रतिवर्ष अपने कार्यों का राष्ट्रपति/राज्यपाल को प्रतिवेदन देना।

दो या दो से अधिक राज्यों के लिए सविधान में संयुक्त लोक सेवा आयोग का भी प्रावधान है जिसकी सभी प्रकार की सेवा शर्तें एक राज्य लोक सेवा आयोग के समान होती है।

राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष पद मुक्ति के पश्चात संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष तथा सदस्य बन सकता है।

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