राजस्थान की अपवाह प्रणाली
राजस्थान का 60% से अधिक भाग आंतरिक अपवाह प्रणाली के अंतर्गत आता है।
राजस्थान में अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां व आंतरिक अपवाह वाली नदियां सम्मिलित है।
अरब सागर में गिरने वाली नदियों में लूणी, माही, पश्चिमी बनास तथा साबरमती व इनकी सहायक नदियां सम्मिलित है।
यह कुल अपवाह क्षेत्र का 17% धारण करती है।
राजस्थान में अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां व आंतरिक अपवाह वाली नदियां सम्मिलित है।
अरब सागर में गिरने वाली नदियों में लूणी, माही, पश्चिमी बनास तथा साबरमती व इनकी सहायक नदियां सम्मिलित है।
यह कुल अपवाह क्षेत्र का 17% धारण करती है।
लूनी व इसकी सहायक नदियां-
लूनी नदी मरुस्थलीय प्रदेश की सबसे बडी तथा महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी अजमेर के नाग पहाड़ से निकलती है तथा राजस्थान में 320 किलोमीटर प्रवाहित होने के पश्चात कच्छ के रण में गिरती है।
अजमेर में इसे सागरमती तथा सरस्वती के नाम से जाना जाता है। इसका एक अन्य नाम लवणवती भी है।
यह अजमेर, नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर तथा जालोर जिलों में बहती है।
राजस्थान के कुल अपवाह क्षेत्र का 10% से अधिक भाग इस नदी के अंतर्गत आता है।
इस नदी का जल बालोतरा तक मीठा है उसके पश्चात खारा हो जाता है।
जालोर जिले में इसके अपवाह क्षेत्र को रेल (नेड़ा) कहा जाता है।
इसकी सहायक नदियों में जोजड़ी नदी इसमें सबसे पहले दाईं ओर से मिलती है तथा बाईं ओर से मिलने वाली नदियों में लीलड़ी, बांडी, मीठडी़, सुकड़ी तथा जवाई प्रमुख है।
लूनी की सहायक नदियां-
जोजड़ी-
पाडलू गांव (नागौर) से निकलकर 150 किलोमीटर बहने के पश्चात जोधपुर के ददिया गांव में लूणी में मिल जाती है।
लीलड़ी-
पाली के सोजत पहाड़ी से निकलकर 60 किलोमीटर बहने के बाद लूनी में मिल जाती है।
बांडी नदी-
अरावली पर्वतमाला की पश्चिम से निकलकर पाली शहर होते हुए बहती है तथा लूणी में मिल जाती है। यह सर्वाधिक प्रदूषित नदी है।
सुकड़ी नदी-
यह नदी पाली के देसूरी से निकलकर जालोर शहर होते हुए बहती है तथा बाड़मेर में समदड़ी नामक स्थान के पास लूनी नदी में मिल जाती है।
समदड़ी संत पीपा जी का समाधि स्थल है।
समदड़ी संत पीपा जी का समाधि स्थल है।
मीठडी नदी-
यह नदी भी पाली से निकलकर बाड़मेर के मंगला गांव में लूणी नदी में मिल जाती है।
जवाई नदी-
यह नदी पाली की बाली तहसील के गोरिया गांव से निकलती है तथा जालोर से बहती हुई बाड़मेर के निकट गुढा़ नामक स्थान के पास लूणी नदी में मिल जाती है।
प्रमुख बांध-
जसवंत सागर बांध- लूणी नदी जोधपुर
हेमावास बांध - बांडी नदी पाली
बांकली बांध- सुकड़ी नदी जालोर
जवाई बांध-जवाई नदी सुमेरपुर पाली(मारवाड़ का अमृत सरोवर)
लूणी नदी को मारवाड़ की गंगा के नाम से जाना जाता है।
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