बिम्सटेक- बे आफ बंगाल इनिशियेटीव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कॉरपोरेशन
इस संस्था की स्थापना 6 जून 1997 को बैंकाक में की गई थी।
वर्तमान में इसके 7 सदस्य है-भारत भूटान बांग्लादेश नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड
इस संगठन में बंगाल की खाडी के तटीय तथा आसपास स्थित दक्षिण एशिया के पांच तथा दक्षिण पूर्व एशिया के दो देश सम्मिलित है।
मूलतः इस संगठन की शुरुआत भारत बांग्लादेश श्रीलंका तथा थाईलैंड आर्थिक सहयोग हेतु मिलकर की थी।
1997 में म्यांमार तथा 2004 में नेपाल तथा भूटान इस संगठन में सम्मिलित हुए। 2004 में ही संगठन का नाम BIMSTEC हुआ।
यह संगठन विश्व की 1.5 अरब जनसंख्या तथा वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 2.5 ट्रिलियन डालर का योगदान देता है।विश्व की 22 प्रतिशत आबादी इन देशों में निवास कर करती है।
इस संगठन का स्थाई सचिवालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सन 2014 में स्थापित किया गया था।
शुरूआत में संगठन का उद्देश्य क्षेत्रीय आधार पर व्यापार ऊर्जा प्रोद्योगिकी पर्यटन परिवहन तथा मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना था जिसे बाद में अन्य कई क्षेत्रों में विस्तार दिया गया।
संगठन का तीसरा शिखर सम्मेलन भारत के गोवा में आयोजित किया गया था।
अगस्त 2017 में बिम्सटेक की विदेश मंत्री स्तरीय बैठक का आयोजन नेपाल के काठमांडू में किया गया था।
बैठक में व्यापार, आतंकवाद, गरीबी निवारण, प्राकृतिक आपदा तथा जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई।
आसियान (एसोशियेसन आफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस ) ASEAN
इस संगठन का निर्माण मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में आर्थिक सहयोग व राजनीतिक स्थिरता को बढ़ाने के लिए किया गया है।
इस की स्थापना प्रारंभिक रुप से पांच देशों थाईलैंड मलेशिया सिंगापुर इंडोनेशिया तथा फिलीपींस द्वारा मिलकर 1967 में की गई थी।
कुछ समय पश्चात इसमें लाओस, वियतनाम, कंबोडिया, ब्रुनेई तथा म्यांमार को भी शामिल कर लिया गया। वर्तमान में इस संगठन के कुल 10 सदस्य देश हैं।
भारत को 1995 से संगठन के साथ पूर्ण वार्ता सहयोगी का दर्जा प्राप्त है।
यह संगठन भारत के लिए एक महत्त्वपूर्ण व्यापार तथा निवेश हेतु साझेदार है।
भारत का आसियान के साथ व्यापार उसके संपूर्ण विश्व के साथ व्यापार का 10% से अधिक है।
भारत की एक्ट ईस्ट पालिसी के अन्तर्गत आसियान अत्यधिक महत्व रखता है।
31वें आसियान शिखर सम्मेलन का आयोजन फिलीपींस की राजधानी मनीला में 12 से 14 नवंबर तक किया गया था।
सम्मेलन का विषय "पार्टनरिंग फॉर चेंज, एंगेजिंग द वर्ल्ड" रखा गया था।
कार्यक्रम का खास आकर्षण सदस्य देशों द्वारा रामायण का मंचन था।
इसी दौरान आसियान - भारत तथा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का आयोजन भी किया गया।
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