राजस्थान में भू उपयोग
राजस्थान का कुल प्रतिवेदित भौगोलिक क्षेत्रफल
342.67 लाख हेक्टेयर (2015-16)
342.67 लाख हेक्टेयर (2015-16)
वर्गीकरण
वानिकी भूमि -8.03%
कृषि के अतिरिक्त अन्य भूमि उपयोग-5.68%
ऊसर भूमि-6.99%
स्थाई चरागाह व गोचर भूमि-4.88%
बंजर भूमि-11.37%
चालू पड़त भूमि -5.74%
अन्य चालू पड़त भूमि-4.66%
शुद्ध बोया गया क्षेत्र-52.60%
कृषि के अतिरिक्त अन्य भूमि उपयोग-5.68%
ऊसर भूमि-6.99%
स्थाई चरागाह व गोचर भूमि-4.88%
बंजर भूमि-11.37%
चालू पड़त भूमि -5.74%
अन्य चालू पड़त भूमि-4.66%
शुद्ध बोया गया क्षेत्र-52.60%
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एन एफ एस एम)-
केंद्र सरकार द्वारा राज्य में 2007-08 से गेहूं तथा दलहन के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन शुरू किया गया।
2015 16 से इसमें केंद्र तथा राज्य का अंश अनुपात 60:40 है।
इस योजना के अंतर्गत प्रमाणित बीजों का वितरण, उन्नत तकनीक का प्रदर्शन, समन्वित कीट प्रबंधन, समेकित पोषण प्रबंधन, जैविक खाद एवं सूक्ष्म तत्वों का प्रयोग, फव्वारा सिंचाई, पंप सेट, फसल आधारित प्रशिक्षण तंत्र आदि कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
राज्य में गेहूं के लिए 14 जिलों तथा मोटे अनाज के लिए 12 जिलों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
व्यवसायिक फसलों के अंतर्गत कपास की फसल सम्मिलित है।
राष्ट्रीय कृषि विस्तार एवं तकनीकी मिशन-
इस मिशन का उद्देश्य कृषि विस्तार का पुनर्गठन तथा सशक्तिकरण करना है जिससे किसानों को उचित तकनीक तथा तथा कृषि विज्ञान की बेहतर प्रणाली का हस्तांतरण किया जा सके।
इस मिशन के अंतर्गत 5 उप मिशन शामिल है जो कि कृषि विस्तार, बीज एवं रोपण सामग्री कृषि यंत्रीकरण पौध संरक्षण एवं कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्लान पर कार्य कर रहे हैं।
राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन-
यह मिशन 2014-15 से पूर्व में संचालित सरकार की 4 योजनाओं को मिलाकर चलाया जा रहा है।
इसमें केंद्रीय तथा राज्य अनुपात 60:40 है।
इस में सम्मिलित तीनों उपमिशन निम्न प्रकार हैं-
वर्षा आधारित क्षेत्र विकास
जलवायु परिवर्तन तथा टिकाऊ खेती
मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड
जलवायु परिवर्तन तथा टिकाऊ खेती
मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
11 वी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत कृषि तथा उसे संबंध क्षेत्र में 4% की वृद्धि दर प्राप्त करने के लिए यह योजना वर्ष 2007-08 में शुरू की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत जलवायु परिस्थिति तथा प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित मुद्दों को ध्यान में रखते हुए विस्तृत योजना बनाने का कार्य किया जा रहा है।
2015-16 तक पूर्णतया केंद्र द्वारा वित्त पोषित इस योजना में वर्तमान में केंद्र तथा राज्य के अंश का अनुपात 60:40 है।
इसके अंतर्गत कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी तथा बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए एकीकृत जिला कृषि योजना तैयार करने हेतु सहायता दी जा रही है।
राज्य में उद्यानिकी के विकास के लिए 1989-90 में एक उद्यान निदेशालय की स्थापना की गई।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
ReplyDelete11 वी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत कृषि तथा उसे संबंध क्षेत्र में 4% की वृद्धि दर प्राप्त करने के लिए यह योजना वर्ष 2007-08 में शुरू की गई थी
12 th pariyojna main kitni virdhi dar lakshit ki gayi hai