केंद्रीय/राज्य सूचना आयोग
इस की स्थापना सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत की गई है अतः यह एक सांविधिक निकाय है।
आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त तथा अधिकतम 10 अन्य आयुक्त हो सकते हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति/राज्यपाल द्वारा एक समिति की सिफारिश पर होती है। समिति में प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री, लोकसभा/विधानसभा में विपक्ष का नेता तथा प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री द्वारा चुना गया मंत्री होते हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त तथा सूचना आयुक्त पद ग्रहण करने की तारीख से 5 वर्ष या 65 वर्ष उम्र (जो भी पहले हो) तक पद ग्रहण करता है।
वर्तमान में देश के मुख्य सूचना आयुक्त श्री आर के माथुर हैं जबकि राजस्थान के मुख्य सूचना आयुक्त श्री सुरेश चौधरी हैं।
राष्ट्रपति/राज्यपाल द्वारा पद मुक्ति
सूचना आयुक्त स्वयं कार्यकाल से पहले अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति/राज्यपाल को दे सकते हैं। इसके बीच राष्ट्रपति या राज्यपाल कदाचार या असमर्थता का दोषी पाए जाने पर इसे अपने पद से हटा सकता है। इस स्थिति में राष्ट्रपति/राज्यपाल के निर्देश पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई रिपोर्ट को आधार माना जाता है
इसकी अतिरिक्त निम्नलिखित कारणों पर भी इन्हें हटाया जा सकता है-
दिवालिया घोषित किया गया हो।
नैतिक अद्यमता के अपराध के लिए दोषी हो।
शारीरिक या मानसिक रुप से अक्षम हो।
किसी अन्य वैतनिक नियोजन में लगा हो।
नैतिक अद्यमता के अपराध के लिए दोषी हो।
शारीरिक या मानसिक रुप से अक्षम हो।
किसी अन्य वैतनिक नियोजन में लगा हो।
आयोग के कार्य-
आयोग का यह कर्तव्य है कि वह किसी ऐसे व्यक्ति से शिकायत प्राप्त करें तथा जांच करें-
जो लोक सूचना अधिकारी के नियुक्त न होने पर सूचना प्राप्त करने में असमर्थ है।
जिसे मांगी गई जानकारी देने से मना किया गया हो।
जिससे अनुचित फीस की मांग की गई हो।
जिसे दी गई सूचना अपूर्ण मिथ्या तथा भ्रामक है।
अधिनियम से संबंधित किसी अन्य विषय के संबंध में।
समय सीमा की भीतर सूचना नहीं दी गई हो।
जिसे मांगी गई जानकारी देने से मना किया गया हो।
जिससे अनुचित फीस की मांग की गई हो।
जिसे दी गई सूचना अपूर्ण मिथ्या तथा भ्रामक है।
अधिनियम से संबंधित किसी अन्य विषय के संबंध में।
समय सीमा की भीतर सूचना नहीं दी गई हो।
आयोग की दीवानी न्यायालय की शक्तियां-
किसी व्यक्ति को उपस्थित करवाना तथा समन करवाना।
दस्तावेजों की मांग तथा उनका परीक्षण करना।
शपथ पत्र पर साक्ष्य प्राप्त करना।
किसी न्यायालय अथवा कार्यालय से अगले या उनकी प्रति मंगवाना।
कोई अन्य कार्य जो उसे सौंपा जाए।
दस्तावेजों की मांग तथा उनका परीक्षण करना।
शपथ पत्र पर साक्ष्य प्राप्त करना।
किसी न्यायालय अथवा कार्यालय से अगले या उनकी प्रति मंगवाना।
कोई अन्य कार्य जो उसे सौंपा जाए।
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