राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में 2025 तक जन स्वास्थ्य व्यय को उत्तरोत्तर जीडीपी के 2.5% तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
राज्य सरकारों से स्वास्थ्य के लिए उनके बजट परिव्यय को बढ़ाने का भी अनुरोध किया गया है।
राज्य सरकारों से स्वास्थ्य के लिए उनके बजट परिव्यय को बढ़ाने का भी अनुरोध किया गया है।
मंत्रिमंडल ने बिलासपुर में नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना को मंजूरी दी।
भुवनेश्वर, भोपाल, रायपुर, जोधपुर, ऋषिकेश और पटना में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों की स्थापना की जा चुकी है तथा रायबरेली में संस्थान का निर्माण प्रगति पर है।
इसके अलावा 2015 में नागपुर (महाराष्ट्र), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) तथा गुंटूर (आंध्र प्रदेश) के मंगलागिरि में तीन संस्थानों को और 2016 में भठिंडा तथा गोरखपुर में एक-एक संस्थानों को मंजूरी दी गई है।
कामरूप (असम) में भी एक संस्थान को स्वीकृति दी गई है।
राष्ट्रीय जलमार्ग-1 की हल्दिया-वाराणसी लंबाई पर नौवहन बढाने के लिए जल मार्ग विकास परियोजना को मंजूरी दी
बैठक में राष्ट्रीय जलमा5369.18 करोड रूपए लागत की यह परियोजना विश्व बैंक की तकनीकी सहायता और निवेश समर्थन से लागू की जाएगी। मार्च 2023 तक परियोजना पूरी हो जाने की आशा है।
प्रमुख प्रभाव:
पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी परिवहन की वैकल्पिक सुविधा। इस परियोजना से देश में लॉजिस्टिक लागत कम करने में मदद मिलेगी।
मल्टी-मॉडल और इंटर-मॉडल टर्मिनलों, रोल ऑन- रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सुविधाएं, फेरी सेवाएं, नौवहन सहायता जैसे विशाल अवसंरचना विकास।
सामाजिक-आर्थिक गति: विशाल रोजगार सृजन
· राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के विकास और संचालन से प्रत्यक्ष रूप से 46 हजार रोज़गार पैदा होंगे और जहाज निर्माण उद्योग द्वारा 84 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोज़गार दिया जाएगा।
· राज्य: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल।
बैठक में राष्ट्रीय जलमा5369.18 करोड रूपए लागत की यह परियोजना विश्व बैंक की तकनीकी सहायता और निवेश समर्थन से लागू की जाएगी। मार्च 2023 तक परियोजना पूरी हो जाने की आशा है।
प्रमुख प्रभाव:
पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी परिवहन की वैकल्पिक सुविधा। इस परियोजना से देश में लॉजिस्टिक लागत कम करने में मदद मिलेगी।
मल्टी-मॉडल और इंटर-मॉडल टर्मिनलों, रोल ऑन- रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सुविधाएं, फेरी सेवाएं, नौवहन सहायता जैसे विशाल अवसंरचना विकास।
सामाजिक-आर्थिक गति: विशाल रोजगार सृजन
· राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के विकास और संचालन से प्रत्यक्ष रूप से 46 हजार रोज़गार पैदा होंगे और जहाज निर्माण उद्योग द्वारा 84 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोज़गार दिया जाएगा।
· राज्य: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल।
स्वच्छ भारत मिशन
हर जगह स्वच्छता सुनिश्चित करने के प्रयासों में तेजी लाने और सुरक्षित साफ-सफाई उपलब्ध कराने पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) का शुभारंभ किया था। एसबीएम का उद्देश्य भारत को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) देश में तब्दील करने और 2 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है और इस तरह महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें यथोचित श्रद्धांजलि अर्पित करना है।
नमामि गंगे
नमामि गंगे कार्यक्रम जल संसाधन मंत्रालय की एक पहल है, जिसमें गंगा नदी के किनारे अवस्थित गांवों को ओडीएफ करना भी शामिल है। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा ठोस एवं तरल कचरे के प्रबंधन से जुड़े अनेक कार्य क्रियान्वित किये जा रहे हैं।
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 52 जिलों में फैले समस्त 4470 गांवों को राज्य सरकारों की सक्रिय मदद से ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। मंत्रालय ने अब गंगा नदी के किनारे अवस्थित 24 गांवों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है,ताकि उन्हें एनएमसीजी के साथ समन्वय स्थापित करके ‘गंगा ग्राम’ में तब्दील किया जा सके।
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 52 जिलों में फैले समस्त 4470 गांवों को राज्य सरकारों की सक्रिय मदद से ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। मंत्रालय ने अब गंगा नदी के किनारे अवस्थित 24 गांवों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है,ताकि उन्हें एनएमसीजी के साथ समन्वय स्थापित करके ‘गंगा ग्राम’ में तब्दील किया जा सके।
भारतमाला परियोजना:पहला चरण
यह राजमार्ग क्षेत्र के लिए नया महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण ढांचागत कमियों को दूर कर देशभर में सड़क परिवहन यातायात की दक्षता को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम के तहत विशेष ध्यान आर्थिक गतिविधि के क्षेत्रों, धार्मिक और पर्यटक स्थलों के हित, सीमा क्षेत्रों, पिछड़े तथा जनजातीय क्षेत्रों, तटीय इलाकों और पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक मार्गों को जोड़ने की आवश्यकता को पूरा करने पर दिया गया है। बहुआयामी समेकन इस कार्यक्रम का महत्वपूर्ण केंद्रबिंदु है। राष्ट्रीय गलियारा की क्षमता बढ़ाने के लिए कुल लगभग 53,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों को चिन्हित किया गया है जिसमें से 24,800 किलोमीटर का कार्य पहले चरण में किया जाएगा। यह कार्य 5 वर्ष की अवधि में यानि 2017-18 से 2021-22 तक चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जाएगा। इनमें 5000 किलोमीटर के राष्ट्रीय गलियारे, 9000 किलोमीटर के आर्थिक गलियारे, 6000 किलोमीटर के फीडर कॉरीडोर और इंटर कॉरीडोर, 2000 किलोमीटर की सीमा सड़क, 2000 किलोमीटर की तटीय सड़क और बंदरगाह संपर्क सड़क और 800 किलोमीटर के ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे शामिल हैं। अनुमान है कि इस कार्यक्रम के पहले चरण के तहत कार्यदिवस में 35 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
धोला सादिया पुल
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 26 मई, 2017 को असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर देश के सबसे लंबे 9.15 किलोमीटर धोला सादिया पुल का उद्घाटन किया था। इस पुल से ऊपरी असम और अरूणाचल प्रदेश के उत्तरी भाग के बीच 24 घंटे सातों दिन संपर्क सुनिश्चित हुआ है।
चेनानी नाशरी सुरंग
जम्मू और कश्मीर में उधमपुर तथा रामबन के बीच दो ट्यूब वाली सभी मौसम के अनुकूल 9 किलोमीटर लंबी सुरंग सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ पहल का आदर्श उदाहरण है। यह सुरंग न केवल देश की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है बल्कि एशिया की सबसे लंबी दोनों दिशाओं में परिवहन की राजमार्ग सुरंग है।
मसाला बांड्स
एनएचएआई ने कोष बढ़ाने के लिए मई 2017 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज में मसाला बांड्स जारी किए। काफी निवेशकों ने इन बांडों के प्रति रूचि प्रदर्शित की। एनएचएआई के मसाला बांड को वर्ष 2017 के सर्वोत्तम बांड के रूप में दर्ज किया गया है।
भारत नेट चरण-।
सरकार ने घोषित अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2017 के अनुसार उच्च गति वाले ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के साथ पूरे देश में एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को जोड़कर भारत नेट के अंतर्गत परियोजना का पहला चरण पूरा करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। चरण -1 के तहत तैयार भारतनेट नेटवर्क के अंतर्गत 2.5 लाख गांव में उच्च गति की ब्रॉड बैंड सेवाएं उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है, जिससे 200 मिलियन से भी अधिक ग्रामीण भारतीय लाभान्वित होंगे।
एक भारत श्रेष्ठ भारत
कार्यक्रम 31 अक्तूबर, 2016 को विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ किया गया था जिससे कि विविध संस्कृतियों के लोगों के बीच परस्पर समझ और संबंधों को बढ़ाया जा सके और इसके माध्यम से भारत की मजबूत एकता एवं अखंडता सुनिश्चित की जा सके।
नीति आयोग ने सुदूर संवेदी और भौगोलिक सूचना प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए सतत शहरी नियोजन पर पहला पाठ्यक्रम नोएडा में आईआईटी कानपुर के आउटरीच केन्द्र में आरंभ किया।
विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग बढ़कर 100 हुई-भारत ने डूइंग बिजनेस रिपोर्ट, 2017 में 130 रैंकिंग से 30 पायदान की छलांग लगाई, जो डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) रिपोर्ट, 2018 में किसी भी देश द्वारा लगाई गई सबसे ऊंची छलांग थी। इसके साथ ही ईओडीबी की इस साल की रिपोर्ट में भारत दक्षिण एशिया और ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा अकेला देश है, जिसने इतना ज्यादा सुधार दर्ज किया।
विनिवेश के माध्यम से पूंजी जुटाने की नई परिभाषा गढ़ते हुए सरकार ने नया एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), भारत 22 को पेश किया, जो सीपीएसई, पीएसबी और एसयूयूटीआई की रणनीतिक हिस्सेदारी वाले 22 स्टॉक्स का मिश्रण है।
शेयरों के विनिवेश के माध्यम के दौर पर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के इस्तेमाल के उद्देश्य से सरकार ने 14 नवंबर, 2017 को भारत 22 नाम से एक नया एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) पेश किया, जिसका प्रबंधन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल को सौंपा गया और इसका लक्ष्य शुरुआती तौर पर 8,000 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाना था।
जीएसटी
मुख्य विशेषताएं
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 30 जून, 2017 की आधी रात से लागू कर दिया गया और यह 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी हो गया।
जीएसटी का प्रबंधन केंद्र और राज्य दोनों द्वारा किया जाता है और इसमें राज्य वैट, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, क्रय कर और प्रवेश कर जैसे कई राज्य व केंद्रीय अप्रत्यक्ष करों को शामिल कर दिया गया है।
जीएसटी से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (कारोबार का सरलीकरण) और करों की दरों को व्यावहारिक बनाना सुनिश्चित होने के साथ ही कारोबारी लेनदेनों में पारदर्शिता और विश्वसनीयता आई है।
जीएसटी से एकल बाजार की स्थापना के परिणाम स्वरूप अंतर राज्यीय लेनदेनों में आने वाली बाधाएं खत्म हो गईं।
जीएसटी से करदाताओं को इनपुट पर दिए गए कर का क्रेडिट (इनपुट टैक्स क्रेडिट) लेने और इसे आउटपुट कर के भुगतान में इस्तेमाल की अनुमति मिलती है।
जीएसटी का प्रबंधन केंद्र और राज्य दोनों द्वारा किया जाता है और इसमें राज्य वैट, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, क्रय कर और प्रवेश कर जैसे कई राज्य व केंद्रीय अप्रत्यक्ष करों को शामिल कर दिया गया है।
जीएसटी से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (कारोबार का सरलीकरण) और करों की दरों को व्यावहारिक बनाना सुनिश्चित होने के साथ ही कारोबारी लेनदेनों में पारदर्शिता और विश्वसनीयता आई है।
जीएसटी से एकल बाजार की स्थापना के परिणाम स्वरूप अंतर राज्यीय लेनदेनों में आने वाली बाधाएं खत्म हो गईं।
जीएसटी से करदाताओं को इनपुट पर दिए गए कर का क्रेडिट (इनपुट टैक्स क्रेडिट) लेने और इसे आउटपुट कर के भुगतान में इस्तेमाल की अनुमति मिलती है।
देश के डाक सेवाओं के डिजिटलीकरण के लिए दर्पण (डिजिटल एडवांसमेंट ऑफ रूरल पोस्ट ऑफिस फॉर ए न्यू इंडिया) परियोजना लागू की गई है। इसका लक्ष्य देश के 1.29 ग्रामीण डाकघर शाखाओं को डाक व वित्तीय लेनदेन के लिए ऑनलाइन जोड़ना है।
दर्पण-पीएलआई ऐप
पीएलआई और आरपीएलआई बीमा पॉलिसियों की किस्त संग्रह में सहायता प्रदान करेगा। इस ऐप के माध्यम से भारत के किसी भी डाकघर में किस्तें जमा की जा सकती हैं और पॉलिसी व धनसंग्रह का ऑनलाइन अपडेट संभव होगा। इस ऐप के माध्यम से उक्त बीमा पॉलिसियों की परिपक्वता दावों को डाकघर शाखा में ही निपटाया जा सकेगा।
आठ प्रमुख उद्योगों का सूचकांक (आधार वर्ष 2011-12=100)
इसमें कच्चा तेल, कोयला, प्राकृतिक गैस, उर्वरक इस्पात, सीमेंट, रिफाइनरी उत्पाद तथा विद्युत क्षेत्र शामिल है
स्त्रोत -www.pib.nic.in
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