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Saturday, April 14, 2018

Citizen Charter /नागरिक अधिकार पत्र/RAS 2018 Prelims exam special

सुशासन प्रत्येक राष्ट्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
सुशासन के लिए आवश्यक है कि प्रशासन में पारदर्शिता तथा जवाबदेही दोनों तत्व अनिवार्य रुप से विद्यमान हो।

सिटीजन चार्टर अर्थात नागरिक अधिकार पत्र एक ऐसा ही हथियार है जोकि प्रशासन की जवाबदेहीता व पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है तथा प्रशासन के साथ व्यवहार करते समय आम जनता अर्थात उपभोक्ताओं को सही सेवाओं की प्राप्ति सुनिश्चित करता है।

सिटीजन चार्टर एक ऐसा माध्यम है जो जनता तथा सरकार के बीच विश्वास की स्थापना करने में अत्यंत सहायक है।


विश्व का नागरिक अधिकार पत्र के संबंध में पहला अभिनव प्रयोग 1991 में यूनाइटेड किंगडम में कंजरवेटिव पार्टी के प्रधानमंत्री जान मेजर ने राष्ट्रीय कार्यक्रम के तौर पर किया गया था जिसे बाद में लेबर पार्टी के टोनी ब्लेयर ने भी आगे बढ़ाया।

नागरिक चार्टर का मूल उद्देश्य सार्वजनिक सेवा वितरण के संबंध में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है।
नागरिक अधिकार पत्र के महत्वपूर्ण सिद्धांत निम्न प्रकार हैं-

(i) गुणवत्ता
(ii) विकल्प
(iii) मानदंड
(iv) मूल्य
(v) जवाबदेही
(vi) पारदर्शिता

भारतीय परिदृश्य

स्वतंत्रता के पश्चात जैसे जैसे शिक्षा की दर में वृद्धि हुई वैसे वैसे नागरिकों को अपने अधिकार भी समझ में आने लगे। धीरे-धीरे नागरिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार तथा सही समय पर सेवा का वितरण करने की मांग करने लगे।

24 मई 1997 को राज्यों की एक कॉन्फ्रेंस में प्रभावी एवं उत्तरदाई सरकार की एक कार्य योजना तैयार की गई जिसमें निर्णय लिया गया कि राज्य तथा केंद्र सरकार के बड़े विभागों यथा रेलवे, पोस्ट ऑफिस, बैंक आदि से नागरिक अधिकार पत्र की शुरुआत की जाए।

इन शुरुआती नागरिक अधिकार पत्रों में दी जाने वाली सेवा की समय सीमा, शिकायत का प्रावधान, उच्चतर अधिकारियों के बारे में जानकारी आदि को शामिल किया गया।

अधिकार पत्र में  निम्नलिखित तत्वों को शामिल किया जाता है :-

(i) विज़न और मिशन स्टेटमेंट
(ii) संगठन द्वारा संचालित व्यापार का विवरण (iii) ग्राहकों का विवरण
(iv) प्रत्येक ग्राहक समूह को प्रदान की गई सेवाओं का विवरण
(v) शिकायत निवारण तंत्र का विवरण और इसका उपयोग कैसे करना है
(vi) ग्राहकों से उम्मीदें

प्रशासनि‍क सुधार और लोक शि‍कायत वि‍भाग ने सार्वजनि‍क सेवा डि‍लीवरी के लि‍ए रूपरेखा में सुधार के आकलन के रूप में 2006 में सेवोत्‍तम ढांचा तैयार कि‍या था।

इसमें मूल रूप से तीन मॉड्यूल हैं 

नागरि‍क अधि‍कार पत्र, लोक शि‍कायत समाधान प्रणाली और सेवा डि‍लीवरी क्षमता। 

यह ढांचा सरकारी वि‍भागों को अपनी लोक सेवा डि‍लीवरी सुधारने में मदद करता है। 

शुरू में सेवोत्‍तम ढांचा सरकार के 10 वि‍भागों में अप्रैल 2009 से जून 2010 के दौरान लागू कि‍या गया था। ये वि‍भाग हैं - डाक वि‍भाग, सीबीईसी, सीबीडीटी, रेलवे, पासपोर्ट कार्यालय, पेंशन, खाद्य प्रसंस्‍करण, कार्पोरेट मामले, केन्‍द्रीय वि‍द्यालय और ईपीएफओ।
 इस परि‍योजना का वि‍स्‍तार अब सरकार के 62 मंत्रालयों में कर दि‍या गया है। 

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