अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन एक मंच है जो कि सौर संसाधनों से संपन्न देशों के बीच सहयोग को बढ़ाता है।
इस गठबंधन की शुरुआत सन 2015 में पेरिस जलवायु सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा 30 नवंबर 2015 को संयुक्त रुप से की गई थी।
इसका पूर्ववर्ती नाम इंटरनेशनल एजेंसी फॉर सोलर टेक्नोलॉजीज़ एंड एप्लीकेशन्स (INSTA) था।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन 121 देशों के लिए खुला है जिनमें से 56 देश इसके समझोता पत्र पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
यह संगठन कर्क तथा मकर रेखा के मध्य स्थित सौर ताप की उपलब्धता वाले देशों के बीच में सहयोग को बढ़ाने का उद्देश्य रखता है।
इसका सचिवालय राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान गुरु ग्राम में स्थित किया गया है।
आईएसए ने 2030 तक एक टेरावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है जिसमें लगभग एक खरब डॉलर की ज़रूरत होगी।
भारत ने 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
दरअसल इस सौर गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य सामूहिक रुप से कार्य करते हुए सहयोगात्मक तरीके से सौर उर्जा का अधिक से अधिक फायदा उठाना है।
जून 2016 में गठबंधन ने विश्व बैंक के साथ 1000 अरब डॉलर से अधिक पूंजी जुटाने के लिए समझौता किया है।
इसके अतिरिक्त जनवरी 2018 में अबू धाबी में आयोजित वर्ल्ड फ्यूचर एनर्जी समिट में भारत सरकार ने सौर परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए 35 करोड डॉलर का एक कोष बनाने का एलान किया है।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.