Sujas magzine january 2018 important facts/ सुजस पत्रिका जनवरी 2018 महत्वपूर्ण बिंदु
पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती व रेगिस्तानी बाडमेर जिले के पचपदरा गांव में 43219 करोड़ की लागत से बनने वाले देश के प्रथम रिफाइनरी तथा पेट्रोकेमिकल काम्प्लेक्स की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई।
इससे प्रदेश को 34000 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी।
वर्ष 2022-23 तक तैयार होने वाली इस रिफाइनरी से प्लास्टिक , फाइबर, पेंट, रबर जैसे अनेक सहायक उद्योगों का विकास होगा जिससे कई हजार रोजगार पैदा होंगे।
बारां में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 6490 करोड़ की परवन बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया।
यह परियोजना पूरी होने के बाद बारां, झालावाड़ तथा कोटा जिले के लिए जीवनरेखा बनेगी।
इस परियोजना मे बनने वाले बांध की भराव क्षमता 490 मिलियन घन मीटर है। पहले चरण में 313 गांवों की 1 लाख 31 हजार हेक्टयर तथा दूसरे चरण में 324 गांवो की 70 हजार हेक्टयर भूमि सिंचित होगी।
इस योजना में जल विद्युत के रूप में 3000 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा।
यह परियोजना पूरी होने के बाद बारां, झालावाड़ तथा कोटा जिले के लिए जीवनरेखा बनेगी।
इस परियोजना मे बनने वाले बांध की भराव क्षमता 490 मिलियन घन मीटर है। पहले चरण में 313 गांवों की 1 लाख 31 हजार हेक्टयर तथा दूसरे चरण में 324 गांवो की 70 हजार हेक्टयर भूमि सिंचित होगी।
इस योजना में जल विद्युत के रूप में 3000 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा।
दिसम्बर माह में धौलपुर जिले के मरैना में धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का शिलान्यास किया गया।
यह देश की पहली सिंचाई परियोजना है जिसमे 1600 किमी पाइपलाइन का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
852 करोड़ रुपये की यह परियोजना 2020 में पूरी होगी।
इससे धौलपुर के बाड़ी, धौलपुर तथा राजाखेड़ा तहसीलों के 234 गांवों को पीने का पानी उपलब्ध होगा।
30 मेगावाट का सोर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया जाएगा।
इससे धौलपुर के बाड़ी, धौलपुर तथा राजाखेड़ा तहसीलों के 234 गांवों को पीने का पानी उपलब्ध होगा।
30 मेगावाट का सोर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने प्रमुख तीर्थ स्थलों के विकास के लिए एक कार्ययोजना बनाई है जिसमे 11 प्रमुख तीर्थ स्थलों के विकास का मास्टर प्लान तैयार किया गया है।
आइए इन तीर्थ स्थलों पर एक नजर डालें-
खाटूश्याम जी (सीकर)
डिग्गी कल्याण जी (मालपुरा, टोंक)
मातृकुंडिया (चित्तोड़गढ़)
मेहंदीपुर बालाजी(दौसा)
बेणेश्वर धाम (डूंगरपुर)
पुष्करराज एवम बूढ़ा पुष्कर(अजमेर)
श्री रूप नारायण (सेवन्त्री) राजसमंद
चारभुजाजी (गढ़बोर, राजसमंद)
चौथ का बरवाडा(सवाईमाधोपुर)
सालासर बालाजी(चूरू)
रामदेवरा(जैसलमेर)
डिग्गी कल्याण जी (मालपुरा, टोंक)
मातृकुंडिया (चित्तोड़गढ़)
मेहंदीपुर बालाजी(दौसा)
बेणेश्वर धाम (डूंगरपुर)
पुष्करराज एवम बूढ़ा पुष्कर(अजमेर)
श्री रूप नारायण (सेवन्त्री) राजसमंद
चारभुजाजी (गढ़बोर, राजसमंद)
चौथ का बरवाडा(सवाईमाधोपुर)
सालासर बालाजी(चूरू)
रामदेवरा(जैसलमेर)
आमेर जयपुर स्थित विष्णु को समर्पित लक्ष्मी नारायण मन्दिर का निर्माण कछवाहा शासक पृथ्वीराज की पत्नी बाला बाई ने सोलहवीं सदी में करवाया था।
इस मन्दिर में गर्भगृह , अंतराल, स्तंभयुक्त मंडप तथा उरुश्रृंगो से अलंकृत सुंदर शिखर है। गृभगृह की चौखट सुंदर नक्काशी से अलंकृत है।
मन्दिर के सामने चार स्तंभो पर आधारित गरुड़ मंडप है जिसकी छत गुम्बदाकार है।
गृभगृह में लक्ष्मीनारायण की युगल प्रतिमा स्थापित है।
इस मन्दिर में गर्भगृह , अंतराल, स्तंभयुक्त मंडप तथा उरुश्रृंगो से अलंकृत सुंदर शिखर है। गृभगृह की चौखट सुंदर नक्काशी से अलंकृत है।
मन्दिर के सामने चार स्तंभो पर आधारित गरुड़ मंडप है जिसकी छत गुम्बदाकार है।
गृभगृह में लक्ष्मीनारायण की युगल प्रतिमा स्थापित है।
राजस्थान में देश का तीसरा सबसे बड़ा सोलर पार्क भड़ला में स्थापित किया गया है । आने वाले समय मे यहा 2255 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा। इसके अतिरिक्त नोखा म्ई भी 1000 मेगावाट के सोलर पार्क की स्थापना की जाएगी।
बाड़मेर जिले में बाटाडू गांव में स्थित प्राचीन कुआं न केवल शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ है बल्कि जल प्रबन्धन तथा वितरण का भी उत्कृष्ट उदाहरण है
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