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Wednesday, February 28, 2018

Administrative Management Theory in hindi/ prashasnik prabhand sidhant / प्रशासनिक प्रबंध सिद्धांत

Administrative Management Theory in hindi / prashasnik prabhand sidhant / प्रशासनिक प्रबंध सिद्धांत/ RAS MAINS PAPER 3

सिद्धांत के अन्य नाम-

शास्त्रीय सिद्धांत, संरचनात्मक उपागम, प्रक्रिया प्रबंध सिद्धांत, प्रशासनिक सिद्धांत, यांत्रिक सिद्धांत आदि नामो से भी जाना जाता है। 

प्रमुख विचारक-

हेनरी फेयोल, लूथर गुलिक, ऐ सी रेले, जेम्स डी मूने, एम पी फोलेट आदि।

हेनरी फेयोल ने सर्वप्रथम 1916 में अपनी पुस्तक इंडस्ट्रियल एंड जनरल मैनेजमेंट में प्रशासन से सम्बंधित 14 सिद्धांतों के बारे में लिखा था जिन्हे प्रशासन के शास्त्रीय सिद्धांत कहा जाता है। इसी कारण से हेनरी फेयोल को इस विचारधारा का आध्यात्मिक पिता भी कहा जाता है।
फेयोल का सिद्धांत किसी भी संगठन में कार्मिको का प्रबंधन करने के लिए उपयोग किया जाता है।

यह सिद्धांत मुख्यत कार्मिको को संगठन नामक मशीन के पुर्जे के रूप में मान्यता प्रदान करते हुए संगठनात्मक नियोजन को संघठन के उद्देश्यों के अनुसार निश्चित सिद्धांतो पर आधारित मानता  है।
इस सिद्धांत के अनुसार प्रशासन का प्रबंधन नियमो प्रक्रियाओं तथा एक निश्चित नियंत्रण प्रणाली के अंतर्गत किया जाता है।
इस सिद्धांत का प्रमुख उद्देश्य संगठन में अधिकतम कुशलता तथा मितव्ययता को प्राप्त करना है।


प्रबंधन के पांच बुनियादी तत्व-

योजना: फ़योल नियोजन को सबसे महत्वपूर्ण कार्य के रूप में मानता है। इसके अंतर्गत भविष्य के लिए संरचनात्मक योजना का निर्माण तथा उद्देश्यों व लक्ष्यों का निर्धारण शामिल है। 


आयोजन संगठित करना) आयोजन से तात्पर्य मानव संसाधन और गैर-मानव संसाधनों को एक साथ मिलकर काम करने के लिए आवश्यक संरचना का निर्माण करना है। 

कमांडिंग (आदेश): अधीनस्थो को दिशा और निर्देश देने की प्रक्रिया को कमांडिंग के रूप में जाना जाता है।

समन्वय: समन्वय सभी विभागों और विभागों की कार्रवाई को  संगठनात्मक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एकीकृत करने की प्रक्रिया है।

नियंत्रण: नियंत्रण के अंतर्गत संगठन के वास्तविक प्रदर्शन की संगठन के वांछित प्रदर्शन के साथ तुलना करना तथा यह सुधार की आवश्यकता है या नहीं, इसकी जांच करना शामिल है । इसके अतिरिक्त जाँच के परिणाम स्वरुप प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक परिवर्तनों को कार्यान्वित करना भी शामिल है। 



वीडियो ट्यूटोरियल 
 
 


प्रशासनिक प्रबंधन के सिद्धांत

हेनरी फेयोल द्वारा दिए गए प्रबंधन के 14 सिद्धांत विशेष रूप से किसी संगठन के पांच प्रबंधन कार्यों पर केंद्रित हैं। यह संपूर्ण संगठन के प्रबंधन के लिए बुनियादी दिशानिर्देश हैं।ये सिद्धांत सार्वभौमिक हैं और दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी संगठन में लागू किया जा सकता है। ये सिद्धांत कठोर नहीं है अपितु परिस्थिति अनुसार बदले जा सकते है। 


फ़ायोल के 14 सिद्धांत नीचे सूचीबद्ध हैं:

कार्य विभाजन - जब कर्मचारी कार्य विशेष के लिए नियुक्त किये जाते हैं, तो आउटपुट बढ़ जाता  है क्योंकि वे कुशलता के साथ कार्य कर पाते है। 


प्राधिकरण (सत्ता व उत्तरदायित्व)- प्रबंधक को आदेश देने का अधिकार होना चाहिए, लेकिन उन्हें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि प्राधिकरण के साथ जिम्मेदारी भी आती है।

अनुशासन
 - संगठनों में अनुशासन को कायम रखा जाना चाहिए।

आदेश(कमांड) की एकता - कर्मचारी का केवल एक सीधा पर्यवेक्षक(उच्चस्थ अधिकारी) होना चाहिए।

 
निर्देशन की एकता - एक ही उद्देश्य से टीमों को एक योजना का उपयोग करके एक प्रबंधक के निर्देश में काम करना चाहिए।

सामान्य हित के समक्ष व्यक्तिगत  हितों की अधीनता - एक कर्मचारी के हितों को समूह के हितों के मुकाबले अधिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। इसमें प्रबंधकों को भी शामिल किया गया है

पारिश्रमिक - कर्मचारी की संतुष्टि उचित पारिश्रमिक पर निर्भर करती है इसमें वित्तीय और गैर-वित्तीय क्षतिपूर्ति शामिल है।

केंद्रीकरण - यह सिद्धांत इस बात को संदर्भित करता है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में कितनी करीबी कर्मचारी हैं उचित संतुलन के लिए लक्ष्य करना महत्वपूर्ण है।

पदसोपान (स्केलर चेन)- कर्मचारियों को यह पता होना चाहिए कि वे संगठन के पदानुक्रम, या कमांड की श्रृंखला में कहाँ खड़े हैं।

आदेश -  सुविधाएं कर्मचारियों, कर्मचारियों के लिए   स्वच्छ, सुव्यवस्थित और सुरक्षित होने चाहिए। सब कर्मचारियों की अपनी नियत जगह होना चाहिए। 

इक्विटी - प्रबंधकों को हर समय कर्मचारियों के लिए उचित होना चाहिए, दोनों के रूप में आवश्यक अनुशासन बनाए रखना और जहां उपयुक्त हो, दया के साथ कार्य करना।

कार्मिकों के कार्यकाल की स्थिरता - प्रबंधक को कार्मिक नियोजन को प्राथमिकता देना चाहिए।

पहल - योजनाओं को बनाने और जारी करने के लिए कर्मचारियों को आवश्यक स्तर की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।

सहयोग की भावना (
एस्प्रिट डे कोर) - संगठनों को टीम भावना और एकता को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करना चाहिए।

 
एच फेयोल ने छह प्रमुख गतिविधियों की पहचान की जिसमें औद्योगिक गतिविधियों को विभाजित किया जा सकता है -

प्रबंधकीय गतिविधिया : इस गतिविधि में प्रबंधन के तत्व (नियोजन, आयोजन, कमांडिंग, समन्वय और नियंत्रण) सम्मिलित हैं।

लेखा गतिविधियां: यह गतिविधि लेनदेन के हिसाब किताब तथा वित्तीय विवरणों से संबंधित है। 
 
तकनीकी गतिविधियां: यह गतिविधि वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन या विनिर्माण से संबंधित है।

वाणिज्यिक गतिविधियां: यह गतिविधि बिक्री, खरीद और वस्तुओं और सेवाओं के वितरण से संबंधित है।

वित्तीय गतिविधियां: यह गतिविधि आवश्यक पूंजी निर्माण तथा विकास कार्यो में पूंजी के इष्टतम उपयोग से संबंधित है।


सुरक्षा गतिविधियां: यह गतिविधि सुरक्षित काम करने की स्थिति, बीमा पॉलिसी आदि प्रदान करके तथा किसी संगठन में लोगों और संपत्ति के संरक्षण से संबंधित है।


किसी संगठन में लोगों और संसाधनों का प्रबंधन करने के लिए एक प्रबंधक को कुछ कौशल और गुणों की आवश्यकता होती है। फेयोल के अनुसार प्रबंधक को शारीरिक व मानसिक रूप से फिट, शैक्षिक तथा तकनीकी रूप से कुशल, नैतिकता से परिपूर्ण तथा अनुभवी होना चाहिए। 

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