Rajasthan land revenue act -1956 part-1 in hindi/ राजस्थान भू राजस्व अधिनियम - RAS Junction <meta content='ilazzfxt8goq8uc02gir0if1mr6nv6' name='facebook-domain-verification'/>

RAS Junction

We Believe in Excellence

RAS Junction Online Platform- Join Now

RAS Junction Online Platform- Join Now
Attend live class and All Rajasthan Mock test on our new online portal. Visit- https://online.rasjunction.com

Friday, December 29, 2017

Rajasthan land revenue act -1956 part-1 in hindi/ राजस्थान भू राजस्व अधिनियम


विस्तार- सम्पूर्ण राजस्थान राज्य
भू राजस्व वसूली हेतु राजस्व बोर्ड का गठन किया गया है।
व्याख्याएँ-
"भूमि अभिलेख अधिकारी"- से तात्पर्य कलेक्टर से है जिसमें अतिरिक्त अथवा सहायक भू अभिलेख अधिकारी भी सम्मिलित है।
"नजुल भूमि"- राज्य सरकार के अधीन किसी नगरपालिका, पंचायत सर्किल या गांव, कस्बे या शहर की सीमा में स्थित आबादी भूमि
"राजस्व अपीलीय प्राधिकरण"- से तात्पर्य ऐसे प्राधिकरण के रुप में नियुक्त अधिकारी से है।
"निपटान अधिकारी"- से तात्पर्य सहायक सेटलमेंट अधिकारी से है।

बोर्ड की स्थापना एवं संरचना-
बोर्ड का एक चेयरमेन(अध्यक्ष) होगा, तथा कम से कम तीन तथा आधिक से अधिक पन्द्रह अन्य सदस्य होंगे।
अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों के रूप में नियुक्ति के लिए योग्यता, चयन के तरीके तथा सेवा शर्तों का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
राजस्व बोर्ड का मुख्यालय सामान्यत अजमेर होगा पर राज्य सरकार के आदेश पर किसी अन्य स्थान पर भी बैठक हो सकती है।

बोर्ड की शक्तियाँ-

  1. अधिनियम के तहत राजस्व मामलों में राजस्व बोर्ड सर्वोच्च अदालत होगा।
  2. ऐसे सभी मामलों जिसमें सिविल तथा राजस्व न्यायालय के क्षेत्राधिकार का विवाद हो वहा उच्च न्यायालय का फैसला मान्य होगा।
  3. बोर्ड की बैठकों तथा पद्धति, आयोग में लिए जाने वाले प्रारूपों का उपबन्ध करने तथा बोर्ड की दक्षता हेतु नियम बनाने की शक्ति।
  4. राज्य द्वारा सौंपी गई अन्य शक्तियाॅ।
  5. राजस्व बोर्ड को सभी राजस्व अदालतों तथा आधिकारियों पर सामान्य पर्यवेक्षण व नियंत्रण प्राप्त है।

बोर्ड के अधिकार क्षेत्र का प्रयोग-

  1. अध्यक्ष या बोर्ड के अन्य सदस्य द्वारा अकेले।
  2. दो या अधिक सदस्यों से निर्मित बेंच द्वारा।
  3. हालांकि एकल सदस्य द्वारा दिए गए निर्णय के विरूद्ध बेंच में एक माह के भीतर अपील की जा सकती है।
  4. एकल सदस्य मामले को राय के लिए बेंच को संदर्भित( रेफर) कर सकता है जिसमेँ बेंच की राय के आधार पर ही निर्णय होता है। इसी प्रकार बेंच लोक महत्व के किसी भी मामले को उच्च न्यायालय को भेज सकता है जहाँ न्यायालय का निर्णय अन्तिम होता है।

 
राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति-

  1. राज्य सरकार को राजस्व प्रशासन हेतु राज्य को विभिन्न प्रभागों ( जिला, सबडिविजन, तहसील तथा पंचायत में बाटने का अधिकार है।इन प्रभागों में कलेक्टर, सहायक कलक्टर, तहसीलदार नायब तहसीलदार आदि की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
  2. प्रत्येक प्रभाग (जिला) में एक आयुक्त तथा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त आयुक्तों की नियुक्ति।
  3. राज्य सरकार पूरे राज्य के लिए एक सेटलमेंट कमीश्नर तथा आवश्यकता अनुसार आतिरिक्त सेटलमेंट कमीश्नरों की नियुक्ति।
  4. पूरे राज्य के लिए एक भूमि अभिलेख निदेशक तथा आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त अभिलेख निदेशकों की नियुक्ति।
  5. प्रत्येक जिले में एक कलेक्टर,एक निपटान अधिकारी तथा कई अतिरिक्त जिला कलेक्टर, तहसील में तहसीलदार, नायब तहसीलदार आदि की नियुक्ति।

 

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

RAS Mains Paper 1

Pages