भावनात्मक बुद्धिमता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1965 में वेन पेन द्वारा किया गया था।डेनियल गोलमेल द्वारा विश्व को इसके महत्व से परिचय कराया गया। उसके अनुसार भावनात्मक बुद्धिमता एक सीखी जाने वाली योग्यता है जो कि व्यक्ति की जैविक परिस्थितियों तथा बाह्य वातावरण से प्रभावित होती है।
डेविड वेसलर के अनुसार व्यक्ति की सफलता में बौद्धिक पक्ष के साथ भावनात्मक पक्ष को भी महत्व देना आवश्यक है।
प्रमुख विचारक
सेलोवी एवं मेयर का माँडल-
भावनात्मक बुद्धिमता से सम्बधित इनका शोध पत्र 199O में प्रकाशित हुआ।
इनके अनुसार EQ के माध्यम से व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की भावनाओं को पहचानता है तथा अपनी भावनाओं को प्रदर्शित करता है।
EQ से व्यक्ति में भावनाओं को समझने, चिन्तन करने तथा आभिव्यक्त करने की योग्यता आती है।
सेलोवी तथा मेयर ने अपने मॉडल निम्न चार योग्यताओं के बारे में बताया है-
भावनाओं को प्रत्यक्ष करने की योग्यता।
भावनाओं को चिन्तन से जोड़ने की योग्यता।
भावनाओं को समझने की योग्यता।
भावनाओं के प्रबन्धन की योग्यता।
डेनियल गोलमन माडल-
गोलमेन के अनुसार सफलता प्राप्ति में 80 % से अधिक योगदान EI का होता है जबकि IQ का योगदान केवल 20 % होता है।
महिलाओं में भावनात्मक बुद्धिमता अधिक होने की वजह से वर्तमान में उनकी सफलता दर अधिक होती है।
गोलमेन के अनुसार EQ पाच योग्यताओं का समूह है-
स्व जागरूकता
आत्मनियमन
आत्म अभिप्रेरण
समानुभूति
सामाजिक दक्षता
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