
कुछ प्रमुख मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि को निम्न अनुसार परिभाषित किया है-
''बकिंघम- बुद्धि सीखने की योग्यता है।''
''स्टर्न- नई परिस्थितियों में समायोजन की योग्यता ही बुद्धि है।''
''स्पीयरमैन- यह मस्तिष्क द्वारा संश्लेषण तथा विश्लेषण करने की योग्यता है।''
''टरमन- बुद्धि अर्मूत चिन्तन करने की योग्यता है।''
''वेश् लर -बुद्धि के माध्यम से व्यक्ति वातावरण से समायोजन करके अपनी समस्याओं का समाधान करता है।''
''हेबर और फ्रायड- शीघ्र अधिगम की योग्यता ही बुद्धि है।''
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर बुद्धि की निम्न विशेषताएँ होती है-
- बुद्धि अनेक योग्यताओं का मिला जुला रूप है।
- बुद्धि में व्यक्ति की सूझबूझ भी शामिल होती है।
- इसमें समायोजन की योग्यता होती है।
- बुद्धि में अधिगम की योग्यता निहित होती है।
- बुद्धि की सहायता से व्यक्ति अर्मूत तथा विवेकपूर्ण चिन्तन करने में समर्थ होता है।
- बुद्धि की प्रत्यक्षपरक योग्यता की वजह से व्यक्ति जीवन के अनुभवो का लाभ उठाने में सक्षम हो पाता है।
बुद्धि के प्रकार-
थार्नडाइक ने बुद्धि के तीन प्रकार बताएँ है-
1 मूर्त बुद्धि-इसकी सहायता से व्यक्ति ठोस(भौतिक) वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त भिन्न-२ परिस्थितियों में उपयोग करता है।झ्से गामक अथवा यांत्रिक बुद्धि भी कहा जाता है जिसका सम्बन्ध यंत्रों व मशीनों से होता है।
इसके धारक व्यक्ति इंजीनियर, व्यापारी, कारीगर, तकनीकी विशेषज्ञ आदि होते है।
2. अमूर्त बुद्धि- इसके अन्तर्गत पुस्तकीय ज्ञान अर्थात शाब्दिक, आंकिक व प्रतीकात्मक संबन्धों का ज्ञान शामिल है।अमूर्त बुद्धि वाले बालकों की पढ़ने में अधिक रुचि होती है। इनका व्यक्तित्व अन्तर्मुखी होता है।
ऐसे व्यक्ति श्रेष्ठ साहित्यकार, लेखक, चित्रकार, वैज्ञानिक आदि होते है।
3. सामाजिक बुद्धि(RAS-2016)- व्यक्ति का सामाजिक व्यवहार व सामाजिक कार्यकुशलता इसी बुद्धि द्वारा निर्धारित होती है। ऐसी बुद्धि वाले लोगों में पूर्वाग्रह, सहायता का व्यवहार, आक्रोश जैसे गुण मौजूद होते है। ये समाज में अच्छा स्थान प्राप्त करते है। ये लोग बर्हिमुखी व्यक्तित्व के धनी होते है। ये जनता पर अपना प्रभाव डालने में सक्षम होते है।
राजनेता, कूटनीतिज्ञ आदि इसी श्रेणी के लोग है।
राजनेता, कूटनीतिज्ञ आदि इसी श्रेणी के लोग है।
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