भगत आंदोलन
- यह आंदोलन मुख्यतः भील जनजाति के किसानों द्वारा शुरू किया गया था।
- सरजी भगत व गोविन्द गुरु ने मिलकर इसकी शुरुआत की।
- 1883 AD में गोविन्द गिरी ने सम्प सभा की स्थापना की जिसका पहला अधिवेशन 1903 AD में मानगढ़ की पहाड़ियों पर हुआ।
- 1913 में आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को मानगढ़ की पहाड़ी पर हो रही बैठक को घेर कर मेवाड़ भील कोर ने गोलियां चलाई जिसमे 1500 से अधिक भील मारे गए।
- मेवाड़ भील कोर का गठन खैरवाड़ा में 1841AD में किया गया था।
- आज भी इस स्थान पर आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को मेला लगता है।
एकी आंदोलन
- यह आंदोलन भोमट क्षेत्र के भीलो ने किया था अतः इसे भोमट भील आंदोलन भी कहा जाता है।
- चित्तोड़गढ़ के मातृकुंडिया नामक स्थान से वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
- मातृकुंडिया को राजस्थान का हरिद्वार भी कहा जाता है।
- इस आंदोलन के मुख्य नेता 'मोतीलाल तेजावत' थे जो कि मेवाड़ रियासत के झाड़ोल ठिकाने के कामदार थे।
- झाड़ोल कोटला व गोगुन्दा से शुरू होकर यह आंदोलन डूंगरपुर बांसवाड़ा में फ़ैल गया था।
- तेजावत द्वारा मेवाड़ महाराणा को दी गई 21 सूत्री मांगों को मेवाड़ की पुकार कहा जाता है।
- 1922 में नीमडा गांव में एक सभा पर पुलिस ने फायरिंग कर दी जिसे दूसरा जलियावाला हत्याकांड भी कहा जाता है।
- तेजावत इसके बाद भूमिगत हो गए लेकिन गांधीजी के कहने पर 1928 में ईडर रियासत में पुलिस के सामने समर्पण किया।
- 1936 में तेजावत को रिहा कर दिया गया।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.