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Friday, October 27, 2017

बजट एवं उनके मूल सिद्धान्त/ Basics of different types of Budgeting (RAS MAINS PAPER 1)

बजट एक प्रकार का वित्तीय विवरण है जो एक निश्चित समयावधि में पूर्व निर्धारित उदेश्य की प्राप्ति हेतु बनाया जाता है।सरकार की आय, व्यय तथा ऋण आदि से सम्बंधित सभी क्रियाओं का निर्धारण बजट के माध्यम से होता है।

बजट का अर्थ एवं परिभाषा-

बजट की उत्पत्ति फ्रांसिसी शब्द Bougette से मानी जाती है जिसका अर्थ है " चमड़े का थैला"। 
1733 में बजट शब्द का प्रयोग इंग्लैंड में "जादू के पिटारे" के अर्थ में किया गया।
बजट सरकार की आय तथा व्यय का एक विवरण प्रपत्र है जिसमे आने वाले वर्ष के लिए आय-व्यय के अनुमानित आंकड़े, सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम तथा आय में वृद्धि तथा व्यय में कमी के लिए उपायों का विवरण होता है।

प्रो. बेस्टबल के अनुसार-
                                           "बजट से तात्पर्य एक दिए गए समय के लिए वित्तीय प्रबंध से है जिसके साथ विधानसभा में स्वीकृति के लिए पेश करने का सामान्य सुझाव जुड़ा हुआ है।"

फिण्डले शिराज के अनुसार-
                                              "बजट एक रिपोर्ट, एक अनुमान तथा एक प्रस्ताव है। यह एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा वित्तीय प्रशासन की सभी विधियों को सम्बंधित किया जाता है, उनकी तुलना की जाती है एवं समन्वय स्थापित किया जाता है।

 
बजट की विशेषताएँ-
  • बजट का निर्माण भविष्य के लिए किया जाता है।
  • यह संस्थान के सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है।
  • यह एक निश्चित अवधि के लिए बनाया जाता है।
  • यह सभी प्रकार की वित्तीय आवश्यकताओं को स्वयं में समाहित करता है।

बजट के प्रकार-


सरकारी बजट को सरकारी आय व व्यय की प्रवृति एवं संतुलन के आधार पर निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है-

राजस्व(Revenue) बजट 
पूंजीगत(Capital) बजट

समयावधि के आधार पर-

  1. अल्पकालीन बजट-अल्प कालीन वित्तीय आवश्यकता की पूर्ति हेतु।एक माह से कम समयावधि हेतु।
  2. वित्तीय बजट- एक वर्ष हेतु बनाया गया बजट वित्तीय बजट कहलाता है।
  3. दीर्घकालीन बजट - 3 वर्ष से अधिक समय के लिए बनाया गया बजट इस श्रेणी मे माना जाता है।जैसे - पूंजीगत बजट।

बजट के अन्य प्रकार-

क्रय बजट- किसी अवधि में माल की खरीद करने के लिए निर्धारित बजट।
पूंजीगत व्यय बजट- पूंजी से सम्बधित खर्चों पर नियंत्रण हेतु बनाया गया बजट।
रोकड बजट- किसी आगामी वित्त वर्ष में होने वाली आय तथा व्यय के अनुमान के आधार पर जो बजट बनाया जाता है उसे रोकड बजट कहते है।
निष्पादन बजट- कार्य के परिणामो या निष्पादन को आधार बनाकर निर्मित किया गया बजट निष्पादन बजट कहलाता है। इस प्रकार के बजट में खर्च के उद्देश्यों पर जोर देते हुए प्रारम्भ में  निर्धारित कर किया जाता है। कार्य के वित्तीय व भौतिक पक्षों का इसमें समायोजन होता है। यह बजट मूलतः लक्ष्योन्मुखी एवं उद्देश्यपरक प्रणाली पर आधारित होता है।

शून्य  आधारित बजट- इस बजट का जनक अमेरिका के पीटर ए पायर को माना जाता है।1979 में अमेरिका के राष्ट्रीय बजट में राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर द्वारा इसे अपनाया गया। यह व्यय पर अंकुश लगाने वाली तार्किक एवं वैज्ञानिक तकनीक है। इसमें मितव्ययिता को सुनिश्चित करते हुए सभी योजनाओ का मूल्याङ्कन किया जाता है तथा जो योजना अथवा कार्यक्रम उपयोगी नहीं हो उसे हटा देते है। प्रबंधकीय तकनीक का प्रयोग होने के कारण  यह बजट निर्माण की आधुनिक विधि है। इस बजट प्रणाली को सूर्यास्त बजट प्रणाली भी कहा जाता है।


लाइन आइटम बजट-इस प्रकार के बजट में खर्च के उदेश्यो पर ध्यान न देकर प्रतिवर्ष आवंटन में वृद्धि कर दी जाती है। 


आउटकम बजट-इस प्रकार के बजट में कुछ भौतिक लक्ष्यों का निर्धारण करके बजट के आवंटन को उसके साथ जोड़ दिया जाता है एवं आवंटन  मध्यावधि समीक्षा की जाती है। इस बजट में वित्तीय प्रावधानों को परिणाम के संदर्भ में देखा जाता है। आउटकम बजट में कार्य संपादन हेतु किसी भी स्तर पर देरी या रूकावट के बजाय निर्धारित धनराशि को सही समय तथा सही मात्रा में पहचाना होता है।


नियोजन कार्यक्रम बजट - यह बजट किसी विशेष परियोजना अथवा क्षेत्र विशेष के लिए निर्मित किया जाता है। इसमें दीर्घकालीन आधार पर रणनीति तैयार करके धन के सदुपयोग को सुनिश्चित किया जाता है। 


बजट के सिद्धांत-

  • बजट बनाने का तरीका सरल होना चाहिए। 
  • यह सटीक व सही होना आवश्यक है जिससे लक्ष्यों की अधिकतम प्राप्ति हो सके। 
  • बजट को इस प्रकार बनाना चाहिए जिससे की इसमें आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन कर सके। 
  • बजट वास्तविक आय पर आधारित होना चाहिए जिससे की यह अधिकाधिक तर्कसंगत हो सके। 
  • बजट में आय तथा व्यय में संतुलन होना चाहिए। 

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