ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत प्रशासनिक सुधार ( EAST INDIA COMPANY KE ANTARGAT PRASHASNIK SUDHAR) - RAS Junction <meta content='ilazzfxt8goq8uc02gir0if1mr6nv6' name='facebook-domain-verification'/>

RAS Junction

We Believe in Excellence

RAS Junction Online Platform- Join Now

RAS Junction Online Platform- Join Now
Attend live class and All Rajasthan Mock test on our new online portal. Visit- https://online.rasjunction.com

Wednesday, August 26, 2015

ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत प्रशासनिक सुधार ( EAST INDIA COMPANY KE ANTARGAT PRASHASNIK SUDHAR)

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि-
    
(कंपनी का शासन) 1773 -1758
  


1773 का रेग्युलेटिंग एक्ट

1784 का रेग्युलेटिंग एक्ट

1833 का चार्टर अधिनियम
1853 का चार्टर अधिनियम
ब्रिटिश सरकार द्वारा कंपनी का नियमन व नियंत्रण
केन्द्रीय प्रशासन की नींव

1781-एक्ट आफ सेटलमेंट
पिट्स इंडिया एक्ट-1784

पहलें बनाए गये कानूनो को नियामक कानून व इस कानून से एक्ट या अधिनियम कहा गया
यह कंपनी के लिए अंतिम अधिनियम था
-बंगाल में गवर्नर जनरल
व चार सदस्यीय कार्यकारिणी परीषद
-कलकत्ता में 1774 में उच्चतम न्यायालय की स्थापना(   एक मुख्य  व तीन अन्य न्यायाधीश )
-कंपनी के अधिकारियो के लिए उपहार व रिश्वत बंद
-कोर्ट आफ डायरेक्टर्स का नियंत्रण
-अन्य गवर्नर , बंगाल के गवर्नर जनरल  के अधीन
-राजनैतिक व वाणिज्यिक कार्यों का पृथक्करण
-व्यापारिक मामले-निदेशक मंडल
राजनितिक मामलें-नियंत्रण बोर्ड
-सभी नागरिक, सैन्य व राजस्व मामलें नियंत्रण बोर्ड के अधीन
द्वैध शासन की व्यवस्था
बंगाल का गवर्नर को भारत का गवर्नर जनरल घोषित कर सभी शक्तिया दी गयी- प्रथम गवर्नर -लार्ड विलियम बैंटिक
अन्य गवर्नर विधायिका शक्ति से वंचित
कंपनी की व्यापारिक गतिविधियों की समाप्ति_सिविल सेवक चयन की खुली प्रतियोगिता का  प्रथम प्रयास, किन्तु बाद में समाप्त
परिषद के विधायी व प्रसाशनिक  कार्यों का पृथ्थकरण
6 नये पार्षदो के साथ केंद्रीय विधान परिषद का गठन
सिविल सेवक चयन की खुली प्रतियोगिता का प्रारम्भ, ICS के संबंध में मैकाले समिति की नियुक्ति
संसद द्वारा कंपनी का शासन कभी भी समाप्त किया जा सकता था
परिषद में ४ सदस्यों का चुनाव स्थानीय प्रांतीय सरकारो द्वारा किया जाना था


No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

RAS Mains Paper 1

Pages