दुनिया में लगभग 2.6 अरब लोगो के पास शौचालय की सुविधा नहीं है जिनमे से लगभग 65 करोड़ लोग भारत में रहते है जो की हमारी आबादी का लगभग 50 प्रतिशत से अधिक है / भारत जैसे विकासशील देशो में जनसँख्या वृद्धि की दर उच्च है तथा प्रजजन दर में गिरावट आने के बावजूद जनसँख्या तीव्र गति से बढ़ रही है / इस बढ़ती जनसँख्या का सबसे अनपेक्षित परिणाम लचर स्वच्छता स्थिति है जिसकी वजह से देश की स्वस्थ्य स्थिति भी निम्न है /
स्वच्छता की इस भयानक स्थिति से निजात पाने के लिए ही भारत सरकार ने २ अक्टूबर २०१४ से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की है / आइए इसके कुछ प्रमुख बिन्दुओं पर नजर डालते है -
- स्वच्छ भारत का लक्ष्य 2019 ( गांधीजी की 150 वी स्वर्ण जयंती ) तक हर गाव, शहर , कसबे को साफ़ करने का उद्देश्य, पक्के टॉयलेट, पीने का साफ़ पानी , कचरा निपटाने की व्यवस्था करना है।
- यह उद्देश्य व्यक्तिगत, सामूहिक एवं समुदायिक शौचालयों के निर्माण के द्वारा पूरा करना है
- इस हेतु एक 19 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है जिसकी अद्यक्षता वैज्ञानिक रघुनाथ अनंत माशेलकर कर रहे है।
- 2011 की जनगणना के हिसाब से 16. 78 करोड़ घरो की ग्रामीण जनसंख्या में से सिर्फ 5. 48 करोड़ घरो में शौचालय है।
- इससे उत्पन होने वाली समस्याओ में अस मय मौत, संक्रमण , बीमारियो का फैलना आदि शामिल है।
- इस अभियान के दो उप अभियान है - स्वच्छ भारत ग्रामीण अभियान तथा स्वच्छ भारत शहरी अभियान जिसपर लगभग 1. 98 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
आइसी टी एवं स्वच्छ भारत अभियान
- मोबाइल एप के माध्यम से संवेदनशील स्थानो से सम्बंधित जानकारी जनता के द्वारा एकत्रित की जा सकती है
- अपशिष्ट के सही निपटान के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है।
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